Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Lok Sabha Election 2019: यहां 'मोदी' उगा रहे पान... नहीं चढ़ रहा फायदे का रंग

    By mritunjayEdited By:
    Updated: Mon, 15 Apr 2019 01:40 PM (IST)

    गांव में बरई जाति के करीब 90 परिवार हैं। अधिकतर का टाइटल मोदी ही है। सब पान की खेती से जुड़े हैं। पर्याप्त मुनाफा न होने से नई पीढ़ी नौकरी की तलाश में ...और पढ़ें

    Hero Image
    Lok Sabha Election 2019: यहां 'मोदी' उगा रहे पान... नहीं चढ़ रहा फायदे का रंग

    साहिबगंज, डॉ. प्रणेश। साहिबगंज जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर की दूरी पर बसा चंडीपुर गांव। सड़क के दोनों किनारे फूस की बड़ी-बड़ी घेरेबंदी देखकर हम अपनी बाइक रोकते हैं। अधिकतर घेरेबंदी में गेट लगे हैं जो बंद हैं। एक घेरेबंदी का छोटा सा गेट खुला है। एक बुजुर्ग उसमें बांस के टुकड़े रख रहे हैं। हम अंदर जाते हैं। बुजुर्ग ने कुछ सेकेंड देखा फिर जूता खोलकर आने को कहा। बोले यहां सफाई का काफी ख्याल रखना पड़ता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, यहां घेरेबंदी के अंदर पान की खेती होती है। इस घेरेबंदी को स्थानीय भाषा में बरेठा कहते हैं। यहां उपजे पान की आपूर्ति बिहार के भागलपुर व मुंगेर के साथ-साथ पश्चिम बंगाल तक होती है। गांव में बरई जाति के करीब 90 परिवार हैं। अधिकतर का टाइटल मोदी ही है। जो पान की खेती से जुड़े हैं। पर्याप्त मुनाफा न होने से नई पीढ़ी नौकरी की तलाश में अब बाहर चली जाती हैं। एक बरेठा दो से तीन बीघा जमीन पर तैयार है। कई किसान साझेदार हैं। क्योंकि इससे बरेठा बनाने में खर्च कम आता है। यहां के किसानों को इस बात का गम है कि मशक्कत कर पान की खेती करते हैं। बेचने के लिए जब निकलते हैं तो जगह-जगह ट्रेन में सुरक्षा बल रिश्वत ले लेते हैं।

    हमें देख आसपास बरेठा में काम कर रहे अन्य किसान भी वहां पहुंच जाते हैं। बस उनकी चौपाल सज गई। बोले, पिछले साल चक्रवात तूफान आया था। तब भारी क्षति हुई थी। क्षतिपूर्ति के लिए सरकारी मदद को खूब लिखापढ़ी की। अब तक कोई लाभ नहीं मिला। चुनाव का समय है, शायद सरकार कुछ दे दे। गांव के हरिबोल मोदी बोले, अब तक राशन कार्ड तक नहीं बना है। कई बार स्थानीय विधायक अनंत ओझा से शिकायत की। उन्होंने मुखिया से बात करने को कहा जो हमारी सुनता ही नहीं है। जिनका राशन कार्ड है उन्हें लाभ मिल रहा है। यह भी बोले कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आने से स्थिति में सुधार हुआ है। भ्रष्टाचार पर रोक लगी है। पैसा खाते में जा रहा है। बिचौलियों पर चोट हुई है।

    महाराजपुर स्टेशन पर नहीं होती पत्ते की बुकिंगः पान के पत्ते खरीदने के लिए व्यापारी आते हैं या उन्हें स्वयं इसे बेचना पड़ता है, इस पर हरिबोल मोदी बोले कि पहले महाराजपुर रेलवे स्टेशन पर जाकर पत्ता बुक कराते थे। व्यापारी उसे उतार लेता था। दो साल से बुकिंग है। क्यों, यह उन्हें मालूम नहीं है। अब स्वयं पान का पत्ता लेकर भागलपुर, मुंगेर व अन्य जगहों पर जाते हैं। ट्रेन में बिना बुकिंग पान का पत्ता ले जाने की वजह से जगह-जगह जीआरपी व आरपीएफ के जवान पैसा भी लेते हैं। गांव के ललित मोदी कहते हैं कि पान की खेती में अब पहले वाली बात नहीं रही। तीन बेटे हैं। सभी बाहर रहते हैं। चार बीघा जमीन पर पान की खेती की है। साल में 20-25 हजार रुपया आ जाता है, उससे काम चल जाता है। कभी-कभी तो घाटा लग जाता है।

    फसल बीमा की जानकारी नहींः पिछले साल तूफान में बरेठा गिर गया था जिसे ठीक करने में हजारों रुपये खर्च हो गए थे। एक बत्ती (बांस का टुकड़ा) दस रुपये में खरीदना पड़ता है। फसल बीमा के तहत पान का बीमा होता या नहीं इसकी जानकारी नहीं है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी कुछ नहीं बताया। तब तक निताय मोदी ने बातचीत में हस्तक्षेप कर अपनी बात रख दी। बोले छह कट्ठा में पान की खेती की है। स्वयं देखभाल करते हैं। बेटे अन्य जगह मजदूरी करते हैं।

    गांव के शंभू चौरसिया बड़े किसान हैं। 18 कट्ठे में उनकी पान की खेती है। बोले  पिछली बार 60 हजार रुपया लगाया था। तूफान में सब पानी में चला गया। इसी बीच यहां धनंजय पहुंचते हैं। वे बोले सरकार पान की खेती करने वाले किसानों का दुखदर्द समझ हमारे लिए कोई योजना बनाए। राजकुमार कहने लगे कि एक बात तो माननी पड़ेगी कि स्व. थामस हांसदा ने इस क्षेत्र में काफी काम किया था।