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Exclusive Interview: 'चौकीदार चोर है और राफेल में चोरी हुई है', मैं इससे पीछे नहीं हटने वाला हूं : राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव में सेक्युलर ताकतों की जीत तय है। कांग्रेस नई सरकार बनाएगी। राजनीतिक लड़ाई में अपने परिवार पर पीएम के हमलों से राहुल गांधी परेशान नहीं हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 12 May 2019 06:41 PM (IST)Updated: Sun, 12 May 2019 07:16 PM (IST)
Exclusive Interview: 'चौकीदार चोर है और राफेल में चोरी हुई है', मैं इससे पीछे नहीं हटने वाला हूं : राहुल गांधी

नई दिल्ली, [संजय मिश्र]। लोकसभा चुनाव अपने आखिरी दौर में हैं। मगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सियासी बाजी अपने पक्ष में करने के लिए अपनी तरफ से कोई गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहते। राजनीतिक दावे-प्रतिदावे के बीच अपनी इस उम्मीद की वजह बताते हुए वह कहते हैं कि भाजपा चुनाव हार रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक दौर 23 मई को समाप्त हो रहा है। अपनी इस उम्मीद का आधार वह जनता के मूड को मानते हैं। इसी वजह से कांग्रेस अध्यक्ष के चुनावी दौरे की रफ्तार भी तेज हो गई है। अपने धुआंधार चुनावी दौरे के क्रम में उनका पड़ाव शनिवार को मध्य प्रदेश रहा। दिल्ली से इंदौर की करीब सवा घंटे की उड़ान के दौरान अपनी रणनीतिक टीम को जरूरी दिशा-निर्देश देने के बाद अपने विशेष विमान में राहुल गांधी ने ‘दैनिक जागरण’ के सहायक संपादक संजय मिश्र से लंबी बातचीत की। पेश है इस बातचीत के अंश :

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चौकीदार चोर है’ बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आपके माफीनामे को भाजपा अपनी जीत के रूप में भी देख रही है। आपका क्या कहना है?
- ‘चौकीदार चोर है’, यही आपके सवाल का जवाब है। सुप्रीम कोर्ट से माफी मैंने इसलिए मांगी क्योंकि मैंने कहा कि ऐसा सुप्रीम कोर्ट ने कहा है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में यह प्रोसेस अभी चल रहा है और मैंने सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रिया पर टिप्पणी की थी जो गलत है और मैं गलती मानता हूं। मगर चौकीदार चोर है और राफेल में चोरी हुई है, मैं इससे पीछे नहीं हटने वाला हूं।

अगर आपका आकलन सही निकला और कांग्रेस की अगुआई में सरकार बनी तो आपकी तीन सबसे बड़ी प्राथमिकताएं क्या होंगी?

- रोजगार, रोजगार, रोजगार। जो हमारे युवा हैं वे हमारी शक्ति हैं। उनका सही प्रयोग करना हैर्। हिंदुस्तान की ताकत है उसकी अर्थव्यवस्था। उसको बर्बाद कर दिया गया है, उसे पटरी पर लाना है। जो हमारे किसान
हैं, उनकी रक्षा करनी है। ये हमारी मुख्य प्राथमिकताएं हैं। इनके अलावा बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे विषयों पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।’

चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर आपने सवाल उठाया है। क्या अब आप मानते हैं कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया पर नए सिरे से विचार का समय आ गया है?
- सिर्फ चुनाव आयोग ही नहीं, हर संस्था पर नरेंद्र मोदी ने दबाव डाला है। चुनाव आयोग पर भी बहुत दबाव है। जिस दिन वह दबाव खत्म हो जाएगा, उस दिन से चुनाव आयोग दोबारा ठीक से काम करना चालू कर देगा। संस्थाओं में कोई कमी नहीं है। नरेंद्र मोदी और आरएसएस के दबाव से संस्थाएं बर्बाद हो रही हैं। कांग्रेस सरकार में चुनाव आयोग पर कोई दबाव नहीं होगा।

2019 का पूरा कैंपेन देखने के बाद नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी कमजोरी और आप अपना सबसे मजबूत पक्ष किसे मानते हैं?

- कमजोरी नहीं, नरेंद्र मोदीजी की शक्ति मैं आपको बताता हूं। उनकी सबसे बड़ी शक्ति है कि वह कम्युनिकेट अच्छा करते हैं। बहुत प्रभावी वक्ता हैं। मैं अपनी कमजोरी तो नहीं कह सकता, लेकिन जिस चीज को सुधार सकता हूं वह है विनम्रता। जिसकी मुझे और ज्यादा जरूरत है। मैं जितना विनम्र हो सकूंगा उतना मुझे अच्छा लगेगा।

आपने कहा है कि विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री उम्मीदवार कौन होगा, यह सभी विपक्षी मिलकर तय करेंगे। ऐसे में अगर विपक्षी पार्टियों ने आपको इसके लिए कहा तो क्या आप यह जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं?
- मैंने आपसे बोला कि मालिक जनता है। जनता की आज्ञा का मैं पालन करूंगा। जो मालिक कहेगा वह मैं करूंगा।

चुनाव में चेहरा एक बड़ा मजबूत पक्ष बन गया है। क्या आपको नहीं लगता कि विपक्ष का चेहरा नहीं होना कहीं प्रधानमंत्री मोदी के लिए फायदेमंद रहा हो?
- चुनाव मुद्दों पर लड़ा जाता है और नरेंद्र मोदीजी की जो असफलताएं हैं, रोजगार, किसानों की हालत, अर्थव्यस्था की बर्बादी, हम उस पर चुनाव लड़े हैं और उन्हीं मुद्दों पर हम चुनाव जीत रहे हैं। नरेंद्र मोदीजी बीते हुए समय की बात कर रहे हैं। ठीक है, करने दीजिए, जनता सब समझ रही है।

नोटबंदी और जीएसटी का आपका मुद्दा कितना असरदार रहा है?
- ये मुद्दे मैंने नहीं बनाए। आप किसी भी दुकानदार के पास चले जाइए, किसी भी व्यापारी के पास चले जाइए, युवाओं के पास चले जाइए। मुद्दा तो इन लोगों ने बनाया है। मैं तो सिर्फ उनकी आवाज सुनता हूं। वे जो कहते हैं, मैं उन्हें आप तक पहुंचाता हूं। छोटे दुकानदारों ने हमें कहा कि नोटबंदी से हमारा बहुत नुकसान हुआ है। गुजरात के लोगों ने कहा कि उनका बहुत नुकसान हुआ है। मैंने वो आवाज उठाई। मैं मुद्दे नहीं बनाता, मुद्दे तो जनता बनाती है। मैं उनकी आवाज बनाता हूं।

प्रियंका गांधी का वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला आखिर किसका था? आपको नहीं लगता कि पहले यह संदेश देना कि वह चुनाव लड़ेंगी और फिर मना करना, इसका सही संदेश नहीं गया?
- मुझसे आप लोगों ने पूछा था तो मैंने साफ बोला था कि हम आपको सस्पेंस में रखेंगे। प्रियंका गांधी के चुनाव नहीं लड़ने का फैसला कांग्रेस ने पहले ही ले लिया था।

 इंटरव्यू का पहला भाग पढ़ें :चुनाव नतीजों के साथ खत्म हो जाएगा मोदी का दौर : राहुल गांधी

 इंटरव्यू का दूसरा भाग पढ़ेंः जानिए- कांग्रेस का सबसे बड़ा सियासी गेम चेंजर ‘न्याय’ क्या बोले राहुल गांधी

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