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    दिग्विजय सिंह ने कठिन सीट से लोक सभा चुनाव लड़ने की चुनौती स्वीकारी

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Mon, 18 Mar 2019 08:10 PM (IST)

    दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट में मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उन्होंने कठिन सीटों पर चुनाव लड़ने का आमंत्रण दिया ...और पढ़ें

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    दिग्विजय सिंह ने कठिन सीट से लोक सभा चुनाव लड़ने की चुनौती स्वीकारी

    भोपाल, राज्य ब्यूरो। अपनी ही पार्टी के नेताओं द्वारा कठिन सीट से चुनाव लड़ने का सुझाव दिए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर इस चुनौती को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा है कि 1977 में जनता पार्टी की लहर में भी वह जीते थे। चुनौतियां स्वीकार करना आदत में है। सिंह के ट्वीट पर भाजपा नेता व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने दिग्विजय को भोपाल से चुनाव लड़ने की चुनौती देते हुए कहा कि यहां भूल के भी मत आ जाना।

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    दिग्विजय सिंह को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बनाया जाना लगभग तय है, लेकिन उन्हें पार्टी राजगढ़ से टिकट देने के मूड में नहीं है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ उन्हें सलाह दे चुके हैं कि वह किसी कठिन सीट से लड़ें तो सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनका नाम लिए बिना कहा कि बड़े नेताओं को कठिन सीटों पर ही चुनाव लड़ना चाहिए। ऐसी सीटें जहां से पार्टी कई सालों से चुनाव नहीं जीती है। इसके बाद सोमवार सुबह दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर पार्टी नेताओं की चुनौती को स्वीकार करने के संकेत दिए।

    दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे पर सोमवार को दो ट्वीट किए। एक ट्वीट में उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उन्होंने कठिन सीटों पर चुनाव लड़ने का आमंत्रण दिया। उन्होंने लिखा कि 'मुझे इस लायक समझा, इसलिए मैं उनका आभारी हूं।'

    इससे पहले सुबह साढ़े सात बजे अपने पहले ट्वीट में सिंह ने कहा कि वह राघौगढ़ की जनता की कृपा से 1977 में भी जनता पार्टी की लहर में चुनाव जीते थे। चुनौतियां स्वीकार करना उनकी आदत में है। उन्होंने गेंद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पाले में डालते हुए कहा कि जहां से मेरे नेता कहेंगे, मैं लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार हूं। दूसरी ओर उनके छोटे भाई विधायक लक्ष्मण सिंह ने दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया से चर्चा में कहा कि राजगढ़ आसान सीट नहीं है। 2014 में कांग्रेस यहां से दो लाख 28 हजार से ज्यादा वोटों से हारी थी।

    बाबूलाल ने भोपाल से लड़ने की दी चुनौती

    दिग्विजय के ट्वीट पर बाबूलाल गौर ने उन्हें भोपाल लोकसभा सीट से लड़ने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि यहां भाजपा की जड़ें मजबूत हैं। कांग्रेस के सुरेश पचौरी जैसे बड़े नेता से लेकर नवाब साहब तक हार चुके हैं। गौर ने कहा कि भोपाल से जीतना यानी लोहे के चने चबाना है। दिग्विजय सिंह को कहा कि भोपाल भूल के मत आ जाना।

    राजगढ़ से इनके नाम की चर्चा

    दिग्विजय को राजगढ़ से प्रत्याशी नहीं बनाए जाने के संकेतों के बाद अब सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पूर्व सांसद नारायण आमलावे और पूर्व विधायक शिवनारायण मीणा के नाम चर्चा में आ गए हैं।