Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Chunavi किस्‍से: 'हिटलर जीत गया...', जब एक नेता गिरफ्तार हुआ तो सुर्खियों में आया, फिर जीता तो विदेश में भी चर्चा हुई

    Updated: Thu, 28 Mar 2024 10:00 AM (IST)

    Lok Sabha Election 2024 भारतीय चुनाव के इतिहास में कई ऐसी रोचक घटनाए हुए हैं जिनके किस्से आज बी बड़े चाव से सुनाई जाती हैं। ऐसे ही एक किस्से के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जब विधानसभा चुनाव में जॉन एफ कैनेडी ने एडॉल्फ हिटलर को गिरफ्तार किया था। चुनाव आयोग ने अपनी चुनावी किस्सों की सीरीज में इस घटना को शेयर किया है।

    Hero Image
    यह घटना 2008 मेघालय विधानसभा चुनाव के दौरान की है।

    चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के एलान से पहले चुनाव आयोग ने एक रोचक पहल की शुरुआत की, जिसमें आयोग ने चुनाव से जुड़े कुछ ऐसे रोचक किस्से शेयर कर रहा है।

    आयोग के ये किस्‍से खूब सु्र्खियां बटोर रह रहे हैं। आयोग ने चुनाव की एक ऐसी दिलचस्‍प घटना शेयर की, जिसके होने पर शोर मच गया था कि हिटलर जीत गया। आयोग ने बताया कि कैसे भारतीय चुनाव में जॉन एफ. कैनेडी ने एडॉल्फ हिटलर को गिरफ्तार किया था। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, 2008 में मेघालय में विधानसभा चुनाव चल रहे थे। उस समय कांग्रेस के एक प्रत्‍याशी का नाम था, एडॉल्फ लू हिटलर मराक। उन पर चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

    जॉन एफ कैनेडी

    संयोगवश जिस पुलिस अफसर ने एडॉल्फ लू हिटलर मराक को गिरफ्तार किया, उनका नाम था 'जॉन एफ कैनेडी'। अगले दिन समाचार पत्रों ने खबर का शीर्षक रखा, 'एडॉल्फ हिटलर को जॉन एफ कैनेडी ने किया गिरफ्तार।' यह घटना राज्य ही नहीं देशभर में चर्चा का विषय बन गई।

    एडॉल्फ हिटलर को मिली जीत

    चुनाव परिणामों में एडॉल्फ लू हिटलर मराक को जीत मिली थी। पिछले साल उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन की है। इस खास नाम की वजह से देश ही नहीं विदेश में भी उनकी चर्चा रही है कि कैसे एक भारतीय राजनेता का नाम एडॉल्फ हिटलर के नाम पर है। गौरतलब है कि एडॉल्फ हिटलर जर्मनी का क्रूर तानाशाह था, जिसे द्वितीय विश्वयुध्द के लिए जिम्मेदार माना जाता है। अप्रैल 1945 में उसने खुद को गोली मार ली थी।

    वहीं जॉन एफ कैनेडी अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति थे। वह 1961 से लेकर 1963 तक इस पद पर थे। 1963 में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। फिलहाल चुनाव आयोग ने चुनावी किस्सों की सीरीज में इस रोचक वाकये को शेयर कर लोगों को फिर इस घटना की याद दिला दी।

    ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election: कौन है देश का सबसे अमीर सांसद? संपत्ति जानकर चौंक जाएंगे, इतनी है सालाना कमाई

    ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: चुनावी प्रचार में इन नेताओं की फिसल गई जुबान, क्‍या अब पार्टी को उठाना पड़ेगा खामियाजा?

    (सोर्स: चुनाव आयोग अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर चुनाव से जुड़े कुछ रोचक किस्‍से शेयर कर रहा है, यह किस्‍सा वहीं से लिया गया है)