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    Jharkhand Election 2019: चुनाव बाद की पटकथा लिखने में जुटे भाजपा के रणनीतिकार, सिल्‍ली में सुदेश को वाकओवर!

    By Alok ShahiEdited By:
    Updated: Mon, 18 Nov 2019 12:35 PM (IST)

    Jharkhand Assembly Election 2019 भाजपा और आजसू के बीच टूट चुके रिश्तों को अभी भी सिली जुबां से बांधे रखने की कोशिशें दोनों ही दलों के रणनीतिकार कर रहे ...और पढ़ें

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    Jharkhand Election 2019: चुनाव बाद की पटकथा लिखने में जुटे भाजपा के रणनीतिकार, सिल्‍ली में सुदेश को वाकओवर!

    रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 भाजपा और आजसू के बीच टूट चुके रिश्तों को अभी भी सिली जुबां से बांधे रखने की कोशिशें दोनों ही दलों के रणनीतिकार कर रहे हैं। यही वजह है कि इतना कुछ हो जाने के बाद भी रिश्तों की मर्यादा कायम है, कोई जुबान से कुछ बोलने को राजी नहीं है। हालांकि, जुबान की इन तमाम मर्यादाओं का पालन करते हुए आजसू ने भाजपा को एक और झटका दिया है। उसने छह प्रत्याशियों की और सूची के साथ-साथ अपना घोषणापत्र भी जारी कर दिया। घोषणापत्र के साथ ही दोनों दलों के बीच कॉमन मिनिमम एजेंडे का प्लॉट भी रविवार को ध्वस्त हो गया।

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    आजसू के इन तमाम झटकों के बावजूद भाजपा खेमे का शांत रुख स्पष्ट बता रहा है कि अब पार्टी ने चुनाव परिणाम के बाद की रणनीति पर अमल शुरू कर दिया है। भाजपा के रणनीतिकारों ने चुनाव के बाद की पटकथा अभी से लिखनी शुरू कर दी है, जिसमें आजसू पार्टी के किरदार भाजपा के साथ खड़े नजर आते हैं। यही वजह है कि भाजपा के स्तर से तकरीबन तय कर लिया गया है कि आजसू प्रमुख सुदेश महतो की सिल्ली सीट से प्रत्याशी नहीं दिया जाएगा। शेष तमाम सीटों से भाजपा अपने उम्मीदवार देगी।

    ऐसी सीटें जहां भाजपा और आजसू में सीधा मुकाबला है, वहां प्रचार के दौरान आजसू के खिलाफ तल्ख टिप्पणी से परहेज किया जाएगा। वहां भी निशाने पर कांग्रेस और झामुमो ही होंगी, भले ही उनके प्रत्याशी मुकाबले में न हों। इधर, आजसू भी भाजपा को लेकर जुबान का रुख नरम तो रखेगी, लेकिन आदिवासी-मूलवासी और ओबीसी हितों को लेकर पूर्व की सरकारों पर प्रहार करेगी। विशेष राज्य की अपनी पुरानी मांग को भी आजसू ने अपने घोषणपत्र में शामिल किया है।