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    Jharkhand Assembly Election 2019: भाजपा-आजसू के रिश्तों में आई खटास, जानिए कौन पड़ रहा किस पर भारी

    By Alok ShahiEdited By:
    Updated: Sat, 12 Oct 2019 09:35 AM (IST)

    Jharkhand Assembly Election 2019 आजसू को महज आठ सीटें देने के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के इशारे से आजसू के तेवर तल्ख हो गए हैं। ...और पढ़ें

    Jharkhand Assembly Election 2019: भाजपा-आजसू के रिश्तों में आई खटास, जानिए कौन पड़ रहा किस पर भारी

    रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 विधानसभा चुनाव मेें सीटों के तालमेल को लेकर सिर्फ विपक्ष में ही किचकिच नहीं है। सत्ता पक्ष में भी इसे लेकर अभी से कसमसाहट दिखने लगी है। सत्ताधारी दल भाजपा और आजसू में बड़े भाई और छोटे भाई का रिश्ता है लेकिन इन रिश्तों में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के बयान के बाद खटास आ गई है। आजसू ने चुनाव से पूर्व इस उलझते रिश्ते के तार अब दिल्ली में सुलझाने की तैयारी कर ली है।

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    लक्ष्मण गिलुवा बतौर प्रदेश अध्यक्ष अपना मंतव्य स्पष्ट कर दिया है। कहा कि आजसू को सिर्फ उतनी ही सीटें दी जाएंगी जितनी वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में दी गईं थी। भाजपा यदि सीट शेयङ्क्षरग के इसी फार्मूले पर अड़ी रही तो आजसू के खाते में महज आठ सीटें ही आएंगी। लक्ष्मण गिलुवा ने अपने इस बयान के माध्यम से आजसू को उसकी हैसियत का एहसास कराया है।

    इधर, गिलुवा के बयान के बाद आजसू के तेवर भी तल्ख हो गए हैं। आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी को 2014 वाली आजसू समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। यह भी कहा कि 2014 में एनडीए का लक्ष्य 65 का नहीं था। इस बार 65 का लक्ष्य है। यह लक्ष्य साझा प्रयास के बिना हासिल नहीं होगा।

    संगीत के सुरों उदाहरण देते हुए कहा कि गिटार में बहुत से तार होते हैं। जिसकी ट्यूनिंग पर ही संगीत निकलता है। दिल्ली में गठबंधन के सहयोगी दलों की बैठक के बाद यह ट्यूनिंग बन जाएगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का बयान इस ट््यूनिंग के पहले का है। स्पष्ट है कि आजसू शीट शेयङ्क्षरग के मामले में झारखंड के भाजपा नेताओं को नकार कर चल रही है।