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    Delhi Election 2020 : अरविंदर सिंह लवली ने बताया क्यों AAP में जा रहे कांग्रेस के नेता

    By Mangal YadavEdited By:
    Updated: Wed, 15 Jan 2020 04:22 PM (IST)

    Delhi Election 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस की चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली से संजीव गुप्ता ने बात की।

    Delhi Election 2020 : अरविंदर सिंह लवली ने बताया क्यों AAP में जा रहे कांग्रेस के नेता

    नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं। हालांकि विभिन्न सर्वे में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच ही बताया जा रहा है, लेकिन कांग्रेस की सक्रियता कुछ और ही बयां करती नजर आती है। आखिर कैसा रहेगा इस बार चुनावी रण, क्या कुछ बनेंगे समीकरण, क्या हो सकते हैं परिणाम, आदि सवालों को लेकर संजीव गुप्ता ने प्रदेश कांग्रेस की चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली से बातचीत की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश :

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    दिल्ली में इस समय सियासी समीकरण क्या चल रहे हैं? आप इस पर क्या कहेंगे?

    दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होगा। कांग्रेस का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली वासी कांग्रेस के 15 साल लंबे शासनकाल में हुए विकास को लगातार याद कर रहे हैं। भाजपा और आप ने दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया। भाजपा ने जहां सीलिंग से व्यापारियों की कमर तोड़ दी, वहीं एनआरसी और सीएए से लोगों को आपस में बांट दिया। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल साढ़े चार साल तक यही रोना रोते रहे कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा। इसके बाद आखिर के छह माह में जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए सब कुछ करने लग गए।

    तब क्या वजह है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एक एक करके आप का दामन थाम रहे हैं?

    वे खुद नहीं जा रहे बल्कि उन्हें प्रलोभन देकर ले जाया रहा है। हालांकि, यहां पर भी दो बातें हैं। पहली बात यह कि जो नेता आप की सदस्यता ले रहे हैं, ये वही हैं जिन्हें कांग्रेस ने टिकट देने से मना कर दिया था। इससे साफ है कि आप के पास अपने 70 उम्मीदवार भी नहीं हैं। इसीलिए कांग्रेस के नेताओं को टिकट देने का लालच देकर अपने साथ जोड़ रही है।

    तमाम सर्वे भी दिल्ली में आप की ही सरकार बनती दिखा रहे हैं, कांग्रेस की सीटें तो दो अंकों में भी नहीं जा रही?

    सर्वे की प्रामाणिकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हरियाणा में भाजपा को 90 में से 68 और कांग्रेस को महज तीन सीटें दी जा रही थीं, जबकि परिणाम इसके उलट आए। दिल्ली के चुनावी परिणाम हरियाणा से भी चौंकाने वाले होंगे। सर्वे में जमीनी हकीकत को आधार नहीं बनाया जा रहा। आज दिल्ली का नागरिक रह-रहकर दिल्ली के विकास की बाट जोह रहा है और उसे इसके लिए कांग्रेस के सिवाय कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा।

    क्या आपको नहीं लगता कि कांग्रेस प्रचार के मामले में पिछड़ रही है?

    बिल्कुल नहीं। प्रचार की जरूरत वहां होती है, जहां काम न किया गया हो। कांग्रेस का तो काम ही उसका जनाधार है। अभी पार्टी उम्मीदवारों का चयन कर रही है, जल्द ही प्रचार अभियान भी जोर पकड़ लेगा। दिल्ली वासियों ने कांग्रेस सरकार का कामकाज देखा हुआ है, वे यह भी भली प्रकार से जानते हैं कि आज दिल्ली का जो विकसित रूप है, वह कांग्रेस सरकार की ही देन है।

    आपकी नजर में दिल्ली का चुनावी परिणाम क्या रहने वाला है?

    अभी इस विषय पर बहुत कुछ कहना जल्दबाजी और बड़बोलापन दोनों ही होगा। लेकिन मैं इतना अवश्य कह सकता हूं कि कांग्रेस अपने दम पर दिल्ली में सरकार बनाएगी। भाजपा और आप को इस बार दिल्ली की जनता सिरे से नकार देगी। इन दोनों पार्टियों के प्रचार प्रपंच में दिल्लीवासी अब नहीं आएंगे।

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