Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बस्तर में 'नक्सलवाद बनाम विकास' पर होगा मुकाबला, भाजपा ने भूपेश सरकार को घेरा

    छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों की तारीख का एलान कर दिया गया है। राज्य में 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में चुनाव होंगे। दोनों राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार के लिए जोरों-शोरों से तैयारी कर रही है। इस बार भाजपा-कांग्रेस के बीच नक्सलवाद बनाम विकास के मुद्दे पर चुनावी मुकाबला होगा।

    By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sat, 14 Oct 2023 07:09 PM (IST)
    Hero Image
    बस्तर में 'नक्सलवाद बनाम विकास' पर होगा मुकाबला (Image: Jagran)

    जागरण संवाददाता, रायपुर। छत्तीसगढ़ में सात नवंबर को होने जा रहे पहले चरण के मतदान में इस बार भाजपा-कांग्रेस के बीच नक्सलवाद बनाम विकास के मुद्दे पर चुनावी मुकाबला होगा। पहले चरण में बस्तर की 12 और दुर्ग संभाग की आठ समेत 20 सीटों पर मतदान होना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भाजपा नेताओं को मिली एक्स श्रेणी की सुरक्षा

    इन क्षेत्रों में नक्सल प्रभाव के कारण विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने भाजपा के 24 नेताओं को एक्स श्रेणी की सुरक्षा दी है। दरअसल, पिछले दो वर्षों में 10 से अधिक भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की नक्सलियों की ओर से हत्या किए जाने से सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा व नारायणपुर जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है।

    पीएम मोदी ने भूपेश सरकार को घेरा

    इन घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बस्तर में अपनी सभाओं के दौरान भूपेश सरकार को घेर चुके हैं। शाह ने पिछली सभाओं में जोर दिया कि मोदी सरकार नक्सलवाद और आतंकवाद के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति अपना रही है। शाह स्पष्ट कर चुके हैं कि देश में नक्सलवाद सिर्फ छत्तीसगढ़ के तीन जिलों तक सिमट कर रह गया है।

    रक्षा मंत्री ने लगाया आरोप

    केंद्र सरकार ने वहां विकास पहुंचाया, वहां बिजली पहुंचाई। नक्सलग्रस्त इलाकों में लगातार सुरक्षाबलों के कैंप खोले। एनआइए और ईडी को भी नक्सलियों के खिलाफ अभियान में जोड़ा। बस्तर बटालियन बनाई गई। एक जुलाई 2023 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भूपेश सरकार पर आरोप लगाया था कि अगर कांग्रेस सरकार का सहयोग मिलता तो यहां भी नक्सलवाद खत्म हो जाता।

    कांग्रेस का दावा 

    इस बीच, कांग्रेस भी बस्तर में विकास के दावों को आधार बनाते हुए चुनाव मैदान में उतर आई है। भूपेश सरकार नक्सल प्रभाव के कारण बंद किए गए बस्तर में 363 स्कूलों को खुलवाने, उद्योग और कारोबार में वृद्धि, आपसी विश्वास और सुरक्षा की कार्ययोजनाओं से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बदलाव का दावा कर रही है। बस्तर की सभी 12 सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं, जबकि बस्तर लोकसभा सीट कांग्रेस सांसद हैं।

    इस तरह नक्सल प्रभाव हुआ कम

    जानकारी के मुताबिक 2018 में जहां 994 ग्राम पंचायत के 2710 गांव नक्सलियों के प्रभाव में थे। अब 589 गांव नक्सल प्रभाव से आजाद हो गए हैं। एंटी नक्सल ऑपरेशन के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 में जहां 151 पुलिस-नक्सली मुठभेड़ हुई थी, वह 2022 में घटकर 46 हो गई हैं। कांग्रेस की सरकार आने के बाद नक्सली घटनाओं में 80 प्रतिशत कमी आई है। भाजपा सरकार में नक्सली पूरे प्रदेश में सक्रिय थे। इनके कार्यकाल में झीरम घाटी जैसी वारदात में कांग्रेस के नेता मारे गए।

    यह भी पढ़े: छत्तीसगढ़ में होगा महिला उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला, 25% से ज्यादा महिला प्रत्याशी उतारेगी कांग्रेस; BJP भी नहीं पीछे

    यह भी पढ़े:  CG Election 2023: छत्तीसगढ़ के चुनावी दंगल में शीर्ष नेताओं को उतारने की तैयारी में कांग्रेस और भाजपा