केन्द्रीय मंत्री भी नहीं दूर कर सके बंगाली टोला स्कूल की बदहाली, जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करते हैं बच्चे
सहरसा जिले के नवहट्टा में स्थित प्राथमिक विद्यालय बंगाली टोला की हालत जर्जर बनी हुई है। 1986 में स्थापित यह विद्यालय आज भी तारणहार का इंतजार कर रहा है। नेताओं ने वादे तो किए पर स्थिति नहीं बदली। जर्जर कमरों में बच्चे खतरे के बीच पढ़ते हैं संसाधनों की कमी है।

संवाद सूत्र, नवहट्टा ( सहरसा)। नगर पंचायत व प्रखंड मुख्यालय नवहट्टा स्थित प्राथमिक विद्यालय बंगाली टोला अंग्रेजी पाड़ की बदहाली दूर होने का नाम ही नहीं ले रही है । साल 1986 में स्थापित यह विद्यालय तारणहार की तलाश में है।
वर्तमान में केन्द्र सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी जब बिहार सरकार में अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री के साथ ही सहरसा जिले के प्रभारी बीस सूत्री मंत्री थे तो महादलित टोले के इस विद्यालय में आधा घंटा से अधिक बिताया था।
जिला प्रशासन के सभी महकमें के अधिकारी साथ थे लेकिन विकास का भरोसा दिलाने के बावजूद बदहाली दूर नहीं हो सकी। लगभग दस ग्यारह साल बीत गए स्थिति जस की तस है।
छत से गिरता है क्रंकीट का चट्टा
स्कूल में मात्र दो कमरा है, वह भी जर्जर। शिक्षकों एवं बच्चों की जान जोखिम से भरा रहता है। काई बार वर्ग संचालन के दौरान बच्चें ज़ख्मी भी हुए हैं। अनहोनी की घटना के समय जोखिम कम हो इसलिए बच्चों को वर्ग कक्ष के बाहर बरामदे पर ही पढ़ाया जाता है ।
वर्ग एक से पांच तक के इस स्कूल में 143 बच्चे और छह शिक्षक हैं। स्कूल में जमीन की घोर कमी है। दो शौचालय में से एक ही उपयोगी है एक में किवाड़ ही नहीं है। पेयजल के लिए एक चापाकल है। खासियत यह है कि स्वच्छ पेयजल हेतु आरओ लगा है।
लौटानी पड़ी भवन निर्माण की राशि
विद्यालय भवन निर्माण हेतु सर्व शिक्षा अभियान के तहत 2007 में लगभग छह लाख की राशि उपलब्ध कराई गई। भवन निर्माण के लिए आवश्यक जमीन उपलब्ध नहीं हो पाया। पुराने भवन को जमींदोज कर नया भवन खड़ा किया जा सकता था, लेकिन विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
अंततः प्रधानाध्यापक को राशि विभाग को लौटाना पड़ गया। उसके बाद न जमीन उपलब्धता पर ध्यान दिया जा सका न भवन निर्माण पर। प्रधानाध्यापक दीपेंद्र राम ने कई बार विभागीय आला अधिकारियों को जर्जर भवन में जोखिम भरे पठन पाठन की सूचना दी है लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल सका है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।