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    सीमांचल में 'घुसपैठ' पर सियासी दलों का घमासान, PM मोदी और ओवैसी की स्टेटमेंट के बाद माहौल गर्म!

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 09:44 AM (IST)

    किशनगंज में चुनाव से पहले सीमांचल में घुसपैठ का मुद्दा गरमा गया है। भाजपा इसे जोर-शोर से उठा रही है वहीं विपक्ष इसे नकार रहा है। प्रधानमंत्री ने घुसपैठियों को निकालने की बात कही है जबकि ओवैसी ने भाजपा पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया है। राजद ने भाजपा से घुसपैठियों की संख्या बताने को कहा है। भाजपा का कहना है कि घुसपैठ से आबादी बढ़ी है।

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    सीमांचल में घुसपैठ पर होता रहा है सियासी दलों का घमासान

    अमरेंद्र कांत, किशनगंज। चुनाव के दौरान सीमांचल में हर बाद घसपैठ को लेकर सियासी घमासान होता रहा है। बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान जल्द ही होने वाला है, लेकिन चुनाव से पहले सीमांचल में घुसपैठ के मुद्दे को हवा दे दी गई है। भाजपा की सभा में इस मुद्दे को जोरों से उठाया जाता है, जबकि विपक्षी दल इसे सिरे से नकारते हुए नफरत फैलाने की बात कहते हैं। चुनाव में इस मुद्दे को लेकर जारी सियासी घमासान के बीच हर नेताओं के अपने-अपने दावे भी हैं।

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    पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने पूर्णिया की सभा में घुसपैठिए का मुद्दा अपने भाषण के दौरान जोरों पर उठाया था। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों को देश से निकालकर रहेंगे। दो दिन पहले फारबिसगंज में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में देश के गृह मंत्री ने राहुल गांधी के वोट अधिकार यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि घुसपैठिये नहीं बचेंगे। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी यह मुद्दा उठता रहा है।

    प्रधानमंत्री की सभा के बाद सीमांचल में एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी ने इलाके का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा व आरएसएस पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 11 स्राल से देश में भाजपा की सरकार है। उनके कार्यकाल में कैसे घुसपैठ हो गया। सरकार कहां सोई थी।

    उन्होंने कहा कि सीमांचल में कोई घुसपैठिये नहीं रहते हैं, बल्कि भाजपा के नेता बकवास कर रहे हैं। यहां एक मात्र बांग्लादेशी है जिसे वहां से भगा दिया गया। यह भी कहा कि सीमांचल के मुसलमान भारत के नागरिक हैं।

    दूसरी ओर, राजद नेता सह पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदयनारायण चौधरी ने किशनगंज में कहा कि बीजेपी कह रही है की सीमांचल में घुसपैठिये हैं तो अब तक कितने घुसपैठिए यहां से चिह्नित किए गए, यह भी बीजेपी को बताना चाहिए।

    कुछ माह पूर्व पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने भी इस मुद्दे पर एक निजी चैनल पर बोले थे। जिसके बाद किशनगंज में विरोध किया गया। ठाकुरगंज में शेरशाहवादी समुदाय के लोगों ने रैली कर घुसपैठ के मुद्दे को निराधार बताते हुए प्रमाण देने की बात कही थी।

    वहीं, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुशांत गोप कहते हैं कि घुसपैठ के कारण पिछले 15 सालों में कई गांव की आबादी में सौ प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

    उन्होंने बताया कि महीनगांव, गाछपाड़ा, छतरगाछ समेत कई ऐसे इलाके हैं जहां 60 से 100 प्रतिशत आबादी बढ़ी है। इसी तरह दिघलबैंक, कोचाधामन व अन्य भी इलाका है जहां की आबादी तेजी से बढ़ी है। यह घुसपैठ नहीं है तो क्या है, जबकि विद्यार्थी परिषद, भाजपा, आरएसएस समय-समय पर आंदोलन करती रही है।

    हर माह पकड़े जाते हैं बांग्लादेशी नागरिक

    किशनगंज व सीमावर्ती इलाकों की बात करें तो हर माह यहां तीन से चार बांग्लादेशी नागरिक पकड़े जाते हैं। जिनके पास भारतीय आधार कार्ड के साथ बांग्लादेश के नागरिकता का प्रमाण पत्र भी मिलता रहा है। वर्तमान में चल रहे एसआईआर में करीब 15 हजार मतदाताओं को संदिग्ध मानते हुए नोटिस भी भेजा गया। सभी से नागरिकता से संबंधित कागजात की मांग की गई।

    कितने संदिग्ध का नाम काटा गया यह तो मतदाता सूची जारी होने के बाद ही सामने आ पाएगा, लेकिन प्रारंभिक तौर पर जिले में एक लाख 45 हजार मतदाताओं के नाम शुरू में काटे गए थे। जिनसे दावा आपत्ति लिया गया है। इस इलाके में घुसपैठ सभी दलों के लिए चुनाव में मुद्दा बन जाता है।

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