हर पोलिंग बूथ पर उपलब्ध रहेंगी 11 प्रकार की सुविधाएं, जिला निर्वाचन पदाधिकारी दिया निर्देश
गया में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सेक्टर पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने चुनाव से पूर्व तैयारी मतदान केंद्रों पर सुविधाएं और ईवीएम प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी। सेक्टर पदाधिकारियों को आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने और मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रशिक्षित किया गया।

जागरण संवाददाता, गयाजी। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए प्रतिनियुक्त किए गए 10 विधानसभा के लिए सभी सेक्टर पदाधिकारी एवं सेक्टर पुलिस पदाधिकारी को बिहार विधानसभा चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं भयमुक्त सम्पन्न कराने के लिए के लिए शनिवार को प्रेक्षागृह प्रशिक्षण सह कार्यशाला जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में हुआ।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि चुनाव की घोषणा के पूर्व से ही चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं भयमुक्त वातावरण में संपन्न कराने के लिए सेक्टर पदाधिकारी द्वारा अभी से ही अपने क्षेत्र में तैयारी प्रारंभ कर दी जाती है और यह आवश्यक भी है, क्योंकि अधिसूचना जारी होने के बाद बहुत कम समय मिलता है।
एक सेक्टर पदाधिकारी को अपने क्षेत्र के भेद्यता की मैपिंग भी करनी है। सभी मतदान केंद्रों पर आयोग द्वारा निर्धारित 11 प्रकार के न्यूनतम सुविधा उपलब्ध करनी है, पूरे क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों के रूट से भली भांति परिचित होना है।
उन्होंने कहा कि सेक्टर पदाधिकारी के जिम्मे लगभग 15-15 की संख्या में मतदान केंद्र रहता है, अभी से ही अपने क्षेत्र के सभी बूथों पर पहुंच पथ, बिजली की व्यवस्था, रैम्प, टायलेट, पेयजल, भवन की स्थिति इत्यादि की जांच जरूर कर ले, ताकि जिस बूथ पर जो कमी है, उसको अभी से ही जांच कर दुरुस्त किया जा सके।
उन्होंने कहा कि विगत चुनाव का इतिहास में व्यवधान उत्पन्न करने वाले तत्व की जानकारी लेनी होती है और इसका प्रतिवेदन भी उपलब्ध कराना होता है ताकि तदनुसार विधि व्यवस्था की कार्रवाई की जा सके।
मतदान तिथि के एक दिन पूर्व रात में यह सुनिश्चित करना होता है कि सभी मतदान केंद्रों पर सभी मतदान कर्मी, पीठासीन पदाधिकारी एवं पुलिस बल पहुंच चुके हैं। साथ ही मतदान तिथि को प्रातः से ही सभी पीठासीन पदाधिकारी को मॉक पोल के लिए तैयार करवाना होता है।
मॉकपोल के उपरांत उसे डिलीट करवा कर वीवीपैट से मॉक पोल की पर्ची हटाकर स-समय मतदान प्रारंभ करवाना है। मॉक पोल के पहले एवं बाद में ईवीएम के किसी पार्ट को बदलने की आवश्यकता पड़ती है, तो सुरक्षित ईवीएम भी सेक्टर पदाधिकारी के पास ही रहता है और दो घंटे के अंदर ईवीएम का वह पार्ट या पूरा ईवीएम बदलना होता है,इसकी जानकारी भी आवश्यक है।
ईवीएम की पूरी जानकारी रखेंगे
उन्होंने कहा कि निर्वाचन अधिसूचना जारी होने से लेकर मतदान संपन्न होने तक आपके क्षेत्र में किसी भी प्रकार की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हो यह सुनिश्चित करवाना भी सेक्टर पदाधिकारी की जिम्मेवारी है, इसलिए पूरी गंभीरता के साथ प्रशिक्षण प्राप्त किया जाए तथा ईवीएम की भी जानकारी अच्छी तरह से प्राप्त कर लें, ताकि मतदान के दौरान छोटी-मोटी तकनीकी समस्या का निदान आपके द्वारा तुरंत किया जा सके।
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