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    Bihar Elections: पहले राजद, फिर वीआइपी, एक प्रत्‍याशी नामांकन दो पार्टियों से

    By Sunil Raj Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Sun, 19 Oct 2025 08:57 PM (IST)

    बिहार चुनाव में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहाँ एक ही व्यक्ति ने पहले राजद और फिर वीआईपी पार्टी से नामांकन दाखिल किया। इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा पैदा कर दी है। राजनीतिक विश्लेषक इस स्थिति को असामान्य मान रहे हैं और इसके पीछे की रणनीति को समझने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों पार्टियों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

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    तेजस्‍वी यादव व मुकेश सहनी। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव दूसरे चरण के नामांकन में बस गिनती के कुछ घंटे बचे हैं, लेकिन, महागठबंधन में सीटों का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। उम्मीदवार तक कंप्यूज हैं कि क्या करें और क्या न करें। अब ताजा मामला मधेपुरा के आलम नगर विधानसभा क्षेत्र से सामने आया है। यहां एक ही प्रत्याशी नवीन कुमार ने राजद और इसके बाद विकासशील इंसान पार्टी के सिंबल पर नामांकन कर दिया है। 

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    सीट गई वीआइपी को, लेकिन उम्‍मीदवार वही

    असल में नवीन कुमार को पहले राजद की ओर से सिंबल दिया गया था। सिंबल मिलते ही उन्होंने नामांकन कर दिया। लेकिन बाद में यह सीट राजद ने समझौते के तहत विकासशील इंसान पार्टी को सौंप दी। वीआइपी ने नवीन कुमार को यहां से अपना उम्मीदवार बना दिया। वीआइपी का सिंबल मिलते ही नवीन कुमार ने वीआइपी के सिंबल से भी नामांकन कर दिया। हालांकि इससे पहले राजद की ओर से किए गए उनके नामांकन को रद कर दिया गया। विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि यह सीट वीआइपी के पास है और नवीन कुमार उनके अधिकृत उम्मीदवार हैं।

    वीआइपी ने उतारे तीन और उम्‍मीदवार 


    इधर विकासशील इंसान पार्टी ने रविवार को तीन और उम्मीदवारों को सिंबल दिया। वीआइपी के प्रदेश अध्यक्ष बाल गोविंद को चैनपुर, मनोज सहनी को सुगौली और बिहपुर से अपर्णा कुमारी मंडल को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इससे पहले वीआइपी ने अपनी पहली सूची में औराई, बरुराज, गौड़ाबौराम, दरभंगा शहरी और कुशेश्वरस्थान के साथ आलमनगर और इसके उम्मीदवारों के नाम जारी किए थे। 

    कई सीटों पर अब भी पेच फंसा हुआ है। नामांकन के अंतिम दिन वहां की स्‍थ‍ित‍ि स्‍पष्‍ट होगी। वहीं कुछ सीटें ऐसी भी हैं जहां महागठबंधन में फ्रेंडली फाइट की नौबत है। सहयोगी दलों ने इन सीटों पर अपने प्रत्‍याशी खड़ा कर दिया है। ऐसे में यदि नाम वापसी नहीं होती है तो मुकाबला रोचक हो सकता है।