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    Bihar Election 2025: बिहार में गेहूं-धान और मक्का के उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि, दलहन-तिलहन अब भी चुनौती

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 10:41 AM (IST)

    बिहार में कृषि रोड मैप के चलते अनाज उत्पादन में वृद्धि हुई है लेकिन दलहन और तेलहन के उत्पादन में अभी भी कमी है। सरकार के लिए दलहन उत्पादन बढ़ाना एक चुनौती है। यदि दालों की वैज्ञानिक खेती और किसानों को उचित मूल्य मिले तो बिहार दालों की जरूरतें पूरी कर सकता है। चावल गेहूं और मक्का के उत्पादन में अच्छी वृद्धि हुई है।

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    बिहार में कृषि रोड मैप से अनाज उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि

    राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Election 2025: बिहार में चार कृषि रोड मैप से अनाज (धान, गेहूं एवं मक्का) के उत्पादन एवं उत्पादकता क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलबधियां प्राप्त हुईं, लेकिन दलहन एवं तेलहन में राज्य अब भी पिछड़ा है।

    सरकार एवं कृषि विभाग के लिए दलहन उत्पादन में वृद्धि चुनौती है। यदि राज्य में दलहन की वैज्ञानिक खेती, एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर प्रभावी खरीद एवं किसानों को प्रोत्साहन मिले तो बिहार देश की दालों की जरूरतों को भी बड़े पैमाने पर पूरा कर सकता है।

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    वर्तमान में सरकारी स्तर पर धान-गेहूं की तरह दालों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की मजबूत व्यवस्था नहीं है। यही कारण है कि दालों (चना, मसूर, अरहर, मूंग, उड़द आदि) की खेती अपेक्षाकृत कम होती है।

    तेलहन में सरसों, तिल, मुंगफली, सूर्यमूखी, सोयाबीन आदि की उपज में भी आशा अनुरूप सफलता नहीं है। दलहन एवं तिलहन दोनों का उत्पादन राष्ट्रीय औसत से कम है।

    चार कृषि रोड मैप कार्यक्रम

    चार कृषि रोड मैप कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के फलस्वरूप राज्य में प्रमुख फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि हुई है।

    किसानों के अथक परिश्रम एवं सरकार द्वारा चलाई जा रहीं महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर पर खड़े किसानों तक पहुंचाने तथा आपदा की घड़ी में किसानों को प्राथमिकता के आधार पर त्वरित सहायता उपलब्ध कराने का परिणाम है कि वर्ष 2004-05 में कुल खाद्यान्न का उत्पादन 79.06 लाख टन से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 231.15 लाख टन हुआ।

    इस प्रकार, कुल खाद्यान्न उत्पादन में 192.37 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। कुल खाद्यान्न का प्रति हेक्टेयर उत्पादकता वर्ष 2004-05 में 12.11 क्विंटल प्रति हेक्टेयर था।

    अब बढ़कर वर्ष 2023-24 में 33.86 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गया। इस प्रकार उत्पादकता में 179.06 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

    तृतीय पूर्वानुमान के अनुसार वर्ष 2024-25 में अभी तक 222.68 लाख टन कुल खाद्यान्न उत्पादन दर्शाया गया है, जो अंतिम आकलन में गत वर्ष से अधिक होने की संभावना है।

    26.25 से बढ़कर 95.23 लाख टन हुआ चावल का उत्पादन

    बिहार में वर्ष 2004-05 में चावल का उत्पादन 26.25 से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 95.23 लाख टन हुआ। चावल के उत्पादन में 262.78 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

    तृतीय पूर्वानुमान के अनुसार वर्ष 2024-25 में अभी तक 94.05 लाख टन चावल का उत्पादन आकलित किया गया है, जो अंतिम पूर्वानुमान में बढ़ने की संभावना है।

    32.79 से बढ़कर 73.07 लाख टन पहुंचा गेहूं का उत्पादन

    बिहार वर्ष 2004-05 में गेहूं का उत्पादन 32.79 से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 73.07 लाख टन हुआ। इस प्रकार, उत्पादन में 122.84 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

    गेहूं की उत्पादकता वर्ष 2004-05 में मात्र 16.22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 32.11 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई।

    तृतीय पूर्वानुमान के अनुसार वर्ष 2024-25 में अभी तक 74.34 लाख टन गेहूं के उत्पादन का आकलन किया गया है।

    उत्पादकता 33.03 क्विंटल प्रति हेक्टेयर आकलित है, जो अंतिम पूर्वानुमान में राज्य में रिकार्डगेहूं उत्पादन होने की संभावना है।

    14.91 से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 58.65 लाख टन हुआ मक्का का उत्पादन

    बिहार में 2004-05 में मक्का का उत्पादन 14.91 लाख टन से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 58.65 लाख टन हुआ। उत्पादन में 293.36 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

    मक्का की उत्पादकता वर्ष 2004-05 में 23.79 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 61.38 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई। इस तरह प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में 158.01 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

    तृतीय पूर्वानुमान के अनुसार वर्ष 2024-25 में अभी तक मक्का का उत्पादन 54.17 लाख टन तथा रिकार्ड 63.07 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादकता प्रतिवेदित है। अंतिम पूर्वानुमान में रिकार्ड मक्का की उत्पादकता में वृद्धि की संभावना है।

    बागवानी फसलों के उत्पादन में दमदार वृद्धि

    कृषि रोड मैप के पूर्व राज्य में कुल फल का उत्पादन मात्र 32.28 लाख टन था, जो 2023-24 में बढ़कर 45.34 लाख टन हो गया है।

    कृषि रोड मैप के पूर्व राज्य में कुल सब्जी का उत्पादन मात्र 101.03 लाख टन था, जो 2023-24 में बढ़कर 175.63 लाख टन हो गया है।

    बिहार देश में सब्जियों में चौथा सबसे बड़ा उत्पादक एवं फलों का आठवां सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। वहीं, लीची, मशरूम एवं मखाना उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है।

    देश में उत्पादित कुल मखाना का 85 प्रतिशत, कुल लीची का 24 प्रतिशत तथा कुल मशरूम का 11 प्रतिशत बिहार उत्पादन करता है।

    इसी प्रकार, बिहार देश में तीसरा सबसे बड़ा आलू एवं आम उत्पादक तथा चौथा सबसे बड़ा शहद, भिंडी तथा अमरूद उत्पादक राज्य है।

    वर्ष 2005-06 में दलहन

    • कुल आच्छादन रकबा: 5.92 लाख हेक्टेयर
    • कुल उत्पादन : 4.54 लाख टन
    • उत्पादकता: 766 किलोग्राम/ हेक्टेयर

    वर्ष 2023-24 में दलहन

    • कुल आच्छादन रकबा: 4.68 लाख हेक्टेयर
    • कुल उत्पादन : 3.99 लाख टन
    • उत्पादकता: 972 किलोग्राम/ हेक्टेयर
    • खेसारी का रकबा: लगभग 60,000 हेक्टेयर घटा है।

    वर्ष 2005-06 में तेलहन

    • कुल आच्छादन रकबा: 1.37 लाख हेक्टेयर
    • कुल उत्पादन : 1.34 लाख टन
    • उत्पादकता: 974 किलोग्राम/ हेक्टेयर

    वर्ष 2023-24 में तेलहन

    • कुल आच्छादन रकबा: 1.30 लाख हेक्टेयर
    • कुल उत्पादन : 1.51 लाख टन
    • उत्पादकता: 986 किलोग्राम/ हेक्टेयर
    • राई/सरसों का रकबा: लगभग 13,000 हेक्टेयर बढ़ा है।
    • तेलहन फसलों में राई/ सरसों ही मुख्य फसल है। वर्तमान में 96,977 हेक्टेयर में इसकी खेती हो रही है।

    राष्ट्रीय कृषि कर्मण अवार्ड

    वर्ष फसल
    2011-12 चावल
    2012-13 गेहूं
    2015-16 मक्का
    2016-17 मक्का
    2017-18 गेहूं

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