Bihar Election 2025: 'पिछले नतीजों से सबक ले कांग्रेस', सीटों के बंटवारे से पहले महागठबंधन में मचा घमासान
बिहार में महागठबंधन को लेकर भाकपा (माले) लिबरेशन ने कांग्रेस से आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारे की बातचीत में अधिक यथार्थवादी होने की उम्मीद जताई है। भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी 243 सीटों में से कम से कम 40 पर चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रही है। उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने का समर्थन किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में महागठबंधन में शामिल भाकपा (माले) लिबरेशन ने उम्मीद जताई है कि कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चल रही सीट-बंटवारे की बातचीत में अधिक यथार्थवादी दृष्टिकोण अपनाएगी और 2020 के चुनाव में अपने प्रदर्शन से सबक लेगी।
वामपंथी पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने जोर देकर कहा कि विपक्षी गठबंधन के सबसे बड़े सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को छोटे सहयोगियों के प्रति अधिक उदार होना चाहिए क्योंकि बिहार में नए दलों के संभावित प्रवेश के साथ आईएनडीआईए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन का विस्तार होने की संभावना है।
कितनी सीटों की उम्मीद पाले बैठी है भाकपा (माले)?
भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी 243 सीटों में से कम से कम 40 पर चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रही है, जबकि पिछले चुनाव में उसने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर महागठबंधन सत्ता में आता है तो राजद नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने को लेकर कोई अस्पष्टता नहीं है।
'इस बार उचित प्रतिनिधित्व चाहते हैं'
भट्टाचार्य ने कहा कि पिछली बार कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था और केवल 19 सीट पर ही जीत पाई थी। कांग्रेस ने अपनी क्षमता से ज्यादा का बोझ उठाया था। इसलिए मुझे लगता है कि कहीं न कहीं संतुलन होना चाहिए। पिछली बार भाकपा (माले) लिबरेशन का प्रतिनिधित्व कम था और इस बार हम उचित प्रतिनिधित्व चाहते हैं। नए सहयोगी भी हैं, जिसका मतलब है कि राजद और कांग्रेस को 2020 की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ना होगा। उन्हें ज्यादा उदार होना होगा।
महागठबंधन में कितने दल शामिल?
वर्तमान में महागठबंधन में छह दल शामिल हैं - राजद, कांग्रेस, भाकपा(माले) लिबरेशन, भाकपा, माकपा और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी), जो एक नई पार्टी है। इस साल के अंत में होने वाले चुनावों से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (पारस गुट) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के भी इसमें शामिल होने की संभावना है।
भट्टाचार्य ने कहा कि हमने लगभग 40 सीटों की सूची पहले ही सौंप दी है। बातचीत जारी है। हम दक्षिण और उत्तर बिहार, दोनों जगहों से चुनाव लडऩा चाहते हैं। क्योंकि पिछली बार हमने जहां भी चुनाव लड़ा था।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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