Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    चीटियों को सीधी लाइन में चलते तो देखा होगा, मगर क्या आप जानते हैं उनके इस बर्ताव की वजह?

    Updated: Sun, 23 Feb 2025 02:03 PM (IST)

    क्या आपने कभी चीटियों की लंबी कतार को ध्यान से देखा है? ऐसा लगता है जैसे वे किसी अनुशासित सेना की तरह परेड कर रही हों- एकदम सही लाइन में! ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ये छोटी-छोटी चीटियां इतनी परफेक्ट लाइन में चलती कैसे हैं (Why Do Ants Walk In A Line)? क्या उनके पास भी कोई गूगल मैप्स है जो उन्हें सही रास्ता दिखाता है?

    Hero Image
    चीटियां हमेशा सीधी लाइन में ही क्यों चलती हैं? (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Why Do Ants Walk In A Line: आपने कभी गौर किया है कि चीटियां हमेशा एक सीधी लाइन में ही क्यों चलती हैं? अगर आपने किसी चींटी दल को चलते हुए देखा हो, तो यह नजारा किसी सैन्य परेड की तरह लगता है- एकदम अनुशासित, व्यवस्थित और संगठित! मगर क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर चीटियां ऐसा क्यों करती हैं? क्या यह महज संयोग है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण छिपा है?

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    असल में, चीटियां बहुत ही संगठित और सामाजिक कीट होती हैं, जो पूरी तरह से एक खास सिस्टम के तहत काम करती हैं। उनकी सीधी लाइन में चलने की आदत के पीछे एक खास वजह है- 'फेरोमोन ट्रेल' (Pheromone Trail)। यह एक प्रकार का रसायन (केमिकल सिग्नल) होता है, जो चीटियां एक-दूसरे को रास्ता दिखाने के लिए छोड़ती हैं।

    तो आइए जानते हैं कि चीटियां इस ट्रिक का इस्तेमाल कैसे करती हैं (How Do Ants Follow Each Other) और उनके अनुशासित व्यवहार के पीछे की रोचक वैज्ञानिक वजह क्या है।

    1) फेरोमोन ट्रेल: चीटियों की गुप्त भाषा

    जब कोई चींटी खाने की तलाश में निकलती है और उसे खाना मिल जाता है, तो वह अपने घर यानी चींटी कॉलोनी की ओर लौटते हुए जमीन पर फेरोमोन छोड़ती जाती है। यह फेरोमोन दूसरी चीटियों के लिए एक संकेत होता है, जिससे वे ठीक उसी रास्ते पर चलती हैं और भोजन तक पहुंच जाती हैं।

    मजेदार तथ्य: चीटियां सिर्फ खाने के लिए ही नहीं, बल्कि खतरे या किसी दुश्मन के बारे में भी फेरोमोन के जरिए एक-दूसरे को सतर्क कर सकती हैं।

    2) क्यों सीधी लाइन में चलती हैं चीटियां?

    चीटियां सीधी लाइन में इसलिए चलती हैं क्योंकि वे अपने आगे वाली चींटी द्वारा छोड़े गए फेरोमोन के रास्ते पर चल रही होती हैं। यह ट्रेल जितना मजबूत होता है, उतनी ही ज्यादा चीटियां उस रास्ते को अपनाती हैं।

    सीधी रेखा में चलने के फायदे:

    • रास्ता तय करने में आसानी होती है।
    • भोजन के स्रोत तक जल्दी पहुंच पाती हैं।
    • मिलकर काम करने में मदद मिलती है।

    यह भी पढ़ें- पैरों को रगड़ती मक्खियां तो बहुत देखी होंगी, मगर क्या मालूम है उनके इस बर्ताव की वजह?

    3) क्या चीटियां अपने रास्ते बदल सकती हैं?

    हां! अगर किसी कारण से रास्ते में रुकावट आ जाए या कोई दूसरा आसान रास्ता मिल जाए, तो चीटियां अपनी ट्रेल को बदल सकती हैं। नई चींटियां नए रास्ते पर फेरोमोन छोड़ती हैं और बाकी चींटियां उन्हें फॉलो करने लगती हैं।

    4) क्या होगा अगर फेरोमोन ट्रेल मिट जाए?

    अगर किसी कारण से फेरोमोन ट्रेल मिट जाए (जैसे पानी गिरने से), तो चीटियों को रास्ता ढूंढने में मुश्किल होती है। वे कभी-कभी इधर-उधर भटकने लगती हैं, जब तक कि कोई नई चींटी नया फेरोमोन ट्रेल न बना दे।

    दिलचस्प बात: वैज्ञानिकों ने देखा है कि चीटियां कभी-कभी गलती से गोल-गोल घूमती रहती हैं, अगर उनकी फेरोमोन ट्रेल टूट जाए और कोई नया रास्ता न मिले! इसे "डेथ सर्कल" (Death Spiral) कहते हैं।

    5) चीटियों के इस बरताव से इंसानों ने क्या सीखा?

    चीटियों की यह नेविगेशन तकनीक इतनी प्रभावी है कि वैज्ञानिकों ने इसी से प्रेरणा लेकर "एल्गोरिदम" (Algorithm) बनाए हैं, जिनका इस्तेमाल ट्रैफिक कंट्रोल, रोबोटिक्स और इंटरनेट नेटवर्क्स में किया जाता है!

    यह भी पढ़ें- 'रत्ती भर लाज नहीं' बोलते समय कभी सोचा है कि कहां से आया यह मुहावरा? पढ़िए दिलचस्प कहानी