क्या आप जानते हैं बारिश के बाद क्यों बढ़ जाती है उमस? यहां समझें इसके पीछे का पूरा साइंस
क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि बारिश के बाद उमस (Humidity After Rainfall) ज्यादा बढ़ जाती है। इसके कारण चिपचिपाहट ज्यादा पसीना आता है और गर्मी लगती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? दरअसल इसके पीछे सिंपल साइंस छिपी है। आइए जानें इसके बारे में।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गर्मियों में बारिश होने के बाद अक्सर लोगों को लगता है कि तापमान कम होने से राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा होता नहीं है। खासकर अगर बारिश हल्की हुई हो। बारिश होने के बाद उमस और भी ज्यादा बढ़ जाती है (How Rain Affects Humidity), जिससे पसीना ज्यादा आता है और शरीर चिपचिपा महसूस होने लगता है।
लेकिन बारिश के बाद तो ठंडक महसूस होनी चाहिए, फिर गर्मी क्यों लगने लगती है और पसीना क्यों आता है? क्या इस बारे में आपने कभी सोचा है? बरसात के बाद उमस बढ़ने की वजह क्या है? (Why Humidity Increases After Rain) आइए इसके पीछे के वैज्ञानिक कारणों को समझते हैं।
उमस के कारण क्यों ज्यादा गर्मी लगती है?
उमस या Humidity हवा में मौजूद वॉटर वेपर की मात्रा को कहते हैं। जब हवा में नमी ज्यादा होती है, तो पसीना जल्दी नहीं सूख पाता, जिससे शरीर को ठंडक महसूस नहीं होती और गर्मी ज्यादा लगती है।
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बारिश के बाद उमस क्यों बढ़ जाती है?
- पानी का ईवापोरेशन- बारिश के दौरान जमीन, पेड़-पौधे और इमारतों पर पानी जमा हो जाता है। जब बारिश रुकती है और सूरज निकलता है, तो यह पानी धीरे-धीरे वेपोराइज होकर हवा में मिल जाता है। इससे वातावरण में नमी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे उमस महसूस होती है।
- हवा में वॉटर वेपर की ज्यादा मात्रा- बारिश के समय हवा में पहले से ही वॉटर वेपर भरी होती है। जब बारिश होती है, तो यह भाप बादलों के रूप में नीचे आती है। बारिश के बाद भी हवा में यह नमी बनी रहती है, जिससे ह्युमिडिटी का स्तर बढ़ जाता है।
- तापमान और उमस का संबंध- गर्म हवा, ठंडी हवा की तुलना में ज्यादा नमी सोख सकती है। जब बारिश के बाद तापमान थोड़ा कम होता है, लेकिन हवा में नमी ज्यादा होती है, तो यह सेचुरेट हो जाती है। इस स्थिति में हवा और ज्यादा नमी नहीं ले पाती, जिससे पसीना सूखने में दिक्कत होती है और उमस बढ़ जाती है।
- ह्यूमिडिटी इंडेक्स का प्रभाव- मौसम वैज्ञानिक "हीट इंडेक्स" के माध्यम से तापमान और उमस के प्रभाव को मापते हैं। जब उमस ज्यादा होती है, तो शरीर का पसीना वेपोराइज नहीं हो पाता, जिससे गर्मी ज्यादा महसूस होती है। बारिश के बाद हीट इंडेक्स बढ़ जाता है, भले ही तापमान कम हो।
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