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    फ्लाइट की खिड़की में क्यों होता है एक छोटा-सा छेद? पढ़ें इसके पीछे की हैरान कर देने वाली वजह

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 11:54 AM (IST)

    फ्लाइट की खिड़की में एक छोटा-सा छेद होता है जिसे अक्सर कई लोग अनदेखा कर देते हैं और कई सोचते हैं कि इसका क्या काम हो सकता है। क्या आपने भी कभी इस छोटे-से छेद पर ध्यान दिया है? अगर हां तो आज हम आपको इसके पीछे की हैरान कर देने वाली वजह के बारे में बताएंगे जो सीधे तौर पर आपकी सुरक्षा से जुड़ी है।

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    हवाई जहाज की खिड़कियों में क्यों होता है छेद? (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हवाई जहाज में सफर करते वक्त आपने कभी खिड़की पर गौर किया है? अक्सर हम आसमान से धरती को निहारने में खो जाते हैं, लेकिन क्या आपने खिड़की के शीशे पर बने उस छोटे से गोल छेद को नोटिस किया है (Why Airplane Windows Have A Hole)?

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    दरअसल, यह छोटा-सा छेद भले ही मामूली लगे, लेकिन असल में यह आपके सफर को सुरक्षित और आरामदायक बनाने में बड़ा रोल प्ले करता है। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों होता है यह छेद और इसका क्या काम है।

    ऊंचाई पर बदलता है दबाव

    जैसे-जैसे हवाई जहाज आसमान में ऊपर उठता है, वैसे-वैसे बाहर की हवा हल्की होती जाती है, लेकिन जहाज के अंदर यात्रियों को आरामदायक माहौल देने के लिए हवा को आर्टिफिशियल रूप से प्रेशर में रखा जाता है। यानी बाहर की हवा और अंदर की हवा के दबाव में काफी फर्क हो जाता है।

    यह अंतर खिड़की पर भारी दबाव डालता है। अब सोचिए, अगर खिड़की का शीशा कमजोर हो तो क्या होगा? यहां काम आता है खिड़की में बना छोटा-सा छेद। दरअसल, यह छेद दबाव को संतुलित करने का काम करता है। इससे बाहरी और आंतरिक परत के बीच का प्रेशर कंट्रोल रहता है और खिड़की का मजबूत बाहरी शीशा ही पूरे दबाव को झेलता है। नतीजा यह होता है कि अंदर का शीशा यात्रियों के लिए सुरक्षित बना रहता है।

    धुंध और बर्फ जमने से बचाव

    आपने देखा होगा कि ठंडे मौसम में कांच पर धुंध जम जाती है। कुछ ऐसा ही विमान में भी हो सकता है। जब प्लेन बादलों यानी नमी वाले रास्ते से गुजरता है, तो खिड़की के शीशे पर धुंध या बर्फ जमने का खतरा होता है।

    यहीं पर यह छोटा-सा छेद फिर से मदद करता है। यह खिड़की की परतों के बीच हल्की-सी हवा को आने-जाने देता है, जिससे नमी जमा नहीं हो पाती। नतीजा यह होता है कि खिड़की बिल्कुल साफ रहती है और यात्री 35,000 फीट की ऊंचाई पर भी बाहर का नजारा आराम से देख पाते हैं।

    छोटा-सा छेद करता है कई बड़े काम

    पहली नजर में यह छेद बेहद मामूली लगता है, लेकिन इसकी भूमिका बेहद खास है। यही छेद विमान की खिड़की को मजबूत बनाए रखता है, दबाव को संतुलित करता है और धुंध या बर्फ जमने से रोकता है। बिना इसके उड़ान के दौरान खिड़की पर कई तरह की समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।

    तकनीकी भाषा में कहलाता है 'ब्लीड होल'

    तकनीकी भाषा में इस छोटे छेद को 'ब्लीड होल' कहा जाता है। इसका नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह धीरे-धीरे दबाव और नमी को बाहर निकालता है। यानी यह खिड़की की तीन परतों के बीच संतुलन बनाए रखता है और विमान के अंदर सफर को सुरक्षित बनाता है।

    आरामदायक और सुरक्षित बनता है सफर

    अगली बार जब आप हवाई सफर करें और खिड़की से झांकते हुए बादलों के बीच उड़ान का मजा लें, तो उस छोटे-से छेद पर भी ध्यान दीजिएगा। भले ही यह दिखने में मामूली लगे, लेकिन यही आपके सफर का अदृश्य पहरेदार है। यह आपकी सुरक्षा, आराम और साफ नजारे- तीनों का ख्याल रखता है।

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