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    कभी सोचा है, लाल ही क्यों होता है भारत में ज्यादातर Letter Box का रंग? कम ही लोग जानते हैं वजह

    Updated: Mon, 23 Jun 2025 02:19 PM (IST)

    क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि भारत में ज्यादातर पोस्ट बॉक्स का रंग लाल (Red Letter Box) ही होता है? अब क्या आपने कभी इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश की है? अगर नहीं,तो चलिए हम बता देते हैं। दरअसल, लाल लेटर बॉक्स की शुरुआत भी ब्रिटिशर्स ने ही की थी, लेकिन क्यों? यहां पढ़ें।

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    क्यों Letter Box होते हैं लाल? (Picture Courtesy: Instagram)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में डाक सेवाओं का एक लंबा और गौरवशाली इतिहास रहा है। चिट्ठियां पहुंचाने के लिए डाकघरों और लेटर बॉक्स का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है। हालांकि, इंडियन पोस्टल सर्विस ब्रिटिशर्स की देन है, जिसे लॉर्ड डलहॉजी ने 1854 में शुरू किया था। अपनो से जुड़े रहने का उस जमाने में सबसे कॉमन तरीका था। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि भारत में ज्यादातर लेटर बॉक्स का रंग लाल ही क्यों होता है (Why Letter Boxes are Red)? क्या यह सिर्फ एक परंपरा है या इसके पीछे कोई खास कारण छुपा हुआ है? आइए इसकी वजह समझते हैं।  

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    हमेशा से लाल नहीं थे लेटर बॉक्स

    ब्रिटिश शासन के शुरुआती दौर में हरे रंग के लेटर बॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है। हरा रंग प्रकृति में काफी मात्रा में मौजूद है, इसलिए यह अचानक से ध्यान आकर्षित नहीं करता। इसलिए लोगों को हरे रंग के लेटर बॉक्स ढूंढ़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। ऐसी कई शिकायतें आने के बाद फैसला किया गया कि लेटर बॉक्स का रंग बदलकर लाल कर दिया जाए। साल 1874, यानी पोस्टल सर्विस शुरू होने के 20 साल बाद लाल रंग के लेटर बॉक्स की शुरुआत हुई। हालांकि, सभी लेटर वॉक्स को लाल रंगने में लगभग 10 साल तक का समय लग गया था। 

     

    क्यों चुना गया लाल रंग? 

    लाल रंग को इसलिए चुना गया, क्योंकि यह दूर से भी आसानी से नजर आता है। दरअसल, लाल रंग की वेवलेंथ सबसे ज्यादा होती है और फ्रिक्वेंसी सबसे कम होती है। इस वजह से इस रंग को आसानी से दूर से भी देखा जा सकता है। साथ ही, यह रंग चमकदार होता है, जिससे लोगों का ध्यान आसानी से लेटर बॉक्स की ओर जाता है। इसके अलावा, लाल रंग को इमरजेंसी और जरूरी संकेतों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, जो डाक सेवा की गंभीरता को दिखाता है।

     

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    भारत के अलावा और भी कई देशों में लाल रंग के लेटर बॉक्स ही लगाए जाते हैं। दरअसल, जहां-जहां अंग्रेज गए, वहां-वहां उन्होंने लाल रंग के लेटर बॉक्स लगाने की परंपरा शुरू की। हालांकि, कुछ देशों में अलग-अलग रंगों के डाक बॉक्स भी देखने को मिलते हैं।  

     

    क्या सभी लेटर बॉक्स लाल होते हैं?  

     पहले के समय में सभी लेटर बॉक्स लाल ही होते थे, लेकिन आगे चलकर डाक विभाग ने कुछ खास सेवाओं के लिए अलग-अलग रंगों के बॉक्स भी शुरू किए हैं, जैसे-  

    • हरा रंग-  हरे रंग के लेटर बॉक्स का इस्तेमाल लोकल मेल इकट्ठा करने के लिए किया जाता है 
    • नीला रंग- नीले रंग के लेटर बॉक्स मेट्रो सिटीज भेजे जाने वाले मेल को इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं  
    • पीला रंग- पीला लेटर बॉक्स अलग-अलग राज्यों की राजधानी के मेल इकट्ठा करने के लिए होते हैं

     लेकिन आमतौर पर सड़कों पर दिखने वाले ज्यादातर लेटर बॉक्स आज भी लाल रंग के ही होते हैं।