क्या होता है Bomb Cyclone और कैसे है ये तूफान से अलग? यहां पढ़ें इसकी A to Z जानकारी
आप सभी ने अक्सर कई तरह के चक्रवात और तूफानों का नाम सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी बॉम्ब साइक्लोन (Bomb Cyclone Explained) के बारे में सुना है। बेहद कम लोग ही इसके बारे में जानते हैं। यह मौसम से जुड़ी एक खतरनाक घटना है जिसे कई लोग तूफान समझ लेते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे इससे जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आपने बॉम्ब साइक्लोन (Bomb Cyclone) का नाम कई बार सुना होगा, लेकिन यह असल में क्या है इसके बारे में बहुत कम लोगों को ही पता होगा। दरअसल, यह मौसम से जुड़ी एक खतरनाक घटना है, जो मिड लेटिट्यूट यानी पृथ्वी के उष्णकटिबंधीय और ध्रुवीय क्षेत्रों के बीच होती है। इसकी वजह से तेज और हानिकारक हवाएं, मूसलाधार बारिश, भारी बर्फबारी, बाढ़ और बेहद ठंडा तापमान हो सकता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे Bomb Cyclone से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में, जिसकी मदद से आप आसानी से इसके बारे में समझ पाएंगे।
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क्या होता है बॉम्ब साइक्लोन?
जब तूफान (Storm Differences) तीव्र गति से आगे बढ़ता है, तो इसे बॉम्ब साइक्लोन या बम चक्रवात कहते हैं। यह विस्फोटक साइक्लोजेनेसिस या बॉम्बोजेनेसिस के नाम से भी जाना जाता है, जो एक मध्य अक्षांश चक्रवात है। यह शब्द मौसम संबंधी शब्द "बॉम्बोजेनेसिस" या "एक्सप्लोसिव साइक्लोजेनेसिस" से आया है। ऐसा तब होता है, जब स्टॉर्म सिस्टम का सेंट्रल प्रेशर 24 घंटों के भीतर कम से कम 24 मिलीबार गिर जाता है। इसमें हवाएं अंदर की ओर घूमती हैं। बॉम्ब साइक्लोन की हवाएं 74 मील (119 किमी) प्रति घंटा या इससे भी तेज रफ्तार से चल सकती हैं। यह तूफान प्रशांत महासागर में काफी ज्यादा आम हैं, लेकिन यह अटलांटिक महासागर में भी आ सकता है या फिर जमीन पर भी आ सकता है। आमतौर पर सर्दियों के दौरान बनने वाला बॉम्ब साइक्लोन भारी वर्षा का कारण भी बन सकता है।
कैसे बनता है बॉम्ब साइक्लोन?
बम चक्रवात (Cyclone Characteristics) तब बनता है, जब सतह पर और जेट स्ट्रीम स्तर पर हालात तूफान के तेज होने के लिए बिल्कुल सही होती हैं। जेट स्ट्रीम ऊपरी वायुमंडल में तेज हवाओं का एक पतला बैंड है। कई तरह की वायुमंडलीय प्रक्रियाएं मिलकर इन तूफानों की वजह बनती हैं। ज्यादातर तेज बॉम्ब साइक्लोन महासागरों के ऊपर बनते हैं। जब वॉटर वेपर लिक्विड और बर्फ में बदल जाता है, जैसा कि इन तूफानों में होता है, तो भारी मात्रा में एनर्जी निकलती है, जिसे गुप्त ऊष्मा ऊर्जा कहा जाता है। इस एनर्जी कुछ हिस्सा तूफान को और तेज कर देता है।
बॉम्ब साइक्लोन कब और कहां बनता है?
एक्सप्लोसिव साइक्लोजेनेसिस ज्यादातर महासागरों में होता है और आमतौर पर ठंड के मौसम के दौरान होता है। यह तूफान उत्तरी गोलार्ध में लगभग नवंबर से मार्च और दक्षिणी गोलार्ध में लगभग मई से अगस्त में बनता है। हालांकि, कई बार यह उससे पहले या बाद में भी आ सकता है। वैज्ञानिकों की मानें, तो बम चक्रवात बेहद विनाशकारी हो सकते हैं और शिपिंग आदि के लिए खतरा बन सकते हैं।
बम चक्रवात को तूफान क्यों नहीं कह सकते?
भले ही बॉम्ब साइक्लोन तूफान जैसी तेज हवाएं चला सकता है और कभी-कभी तूफान की तरह लग सकता है, लेकिन फिर भी इन्हें तूफान नहीं कहा जा सकता है। बॉम्ब साइक्लोन कई तरह के फिजिकल प्रोसेस से मिलकर बनता है और उनमें तूफान से कोई समानता नहीं होती है। एक तरफ जहां बॉम्ब साइक्लोन मध्य अक्षांशों में होता है और मौसम से जुड़ा होता है, तो वहीं दूसरी ओर तूफान उष्ण कटिबंध में उत्पन्न होते हैं और मौसम या मजबूत जेट स्ट्रीम से जुड़े नहीं होते हैं।
क्या बम चक्रवात आम होते जा रहे हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार, ग्लोबल क्लाइमेट चेंज, दुनिया भर में ज्यादा बार मौसम से जुड़ी घटनाओं का कारण बन रहा है। बम चक्रवात के मामले में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। क्लाइमेट चेंज की वजह से पृथ्वी गर्म हो रही है और इसका चक्रवात की गतिशीलता पर असर पड़ रहा है, जिसे वैज्ञानिक वर्तमान में समझने की कोशिश कर रहे हैं।
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