सदियों पुरानी है कबड्डी की कहानी… भारत के गली-कूचों से निकलकर आज पूरी दुनिया पर अपनी छाप छोड़ रहा है यह खेल
क्या आप जानते हैं कि कबड्डी (From Mud To Mat) आईपीएल के बाद सबसे ज्यादा देखा गया स्पोर्ट है जिसे आज 31 से भी ज्यादा देशों में खेला जा रहा है? यह शक्ति और धैर्य की एक अनोखी चुनौती जैसा है जिसमें दूसरी टीम के पाले में घुसकर इतनी फुर्ती से उसे छूकर लौटना होता है जितनी तेजी से शायद आप पलक भी नहीं झपकते होंगे।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Ancient Story of Kabaddi: कबड्डी को कई लोग ताकत का खेल समझते हैं, जिसमें एक तरह की शारीरिक झड़प शामिल होती है। बता दें, भारत के ग्रामीण इलाकों से लेकर शहर के बड़े मैदानों में आज भी यह खूब शौक से खेला जाता है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इसकी लोकप्रियता अभी भी काफी ज्यादा है। ऐसे में, क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत कहीं और नहीं, बल्कि भारत की मिट्टी से ही हुई थी।
कबड्डी, कबड्डी, कबड्डी!!! क्या है इसका मतलब?
आपको बता दें, कि कबड्डी, तमिल शब्द काई-पुडी (KAI-PIDI) से बना है, जिसका मतलब है हाथ पकड़ना (Holding Hands), जो कि एक प्रकार से ताकत का ही खेल है, यानी आप अस्वस्थ (Unfit) होकर इसे नहीं खेल सकते हैं। इस खेल में गजब की फुर्ती चाहिए होती है, जिसमें पलक झपकने से पहले ही सामने मौजूद टीम के पाले में घुसकर वापस लौटना होता है।
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महाभारत से जुड़ा है कनेक्शन
भारत में कबड्डी की कहानी सदियों पुरानी है। एक अनुमान के मुताबिक, कबड्डी की तकनीक उन तौर तरीकों से मेल खाती हैं, जो इंसान प्राचीन काल में खतरनाक परिस्थितियों में पलटवार (Counter Attack) करने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे। इतना ही नहीं, कबड्डी से मिलती जुलती कहानियां महाभारत (Mahabharat) में भी लिखी गई हैं, जैसे- दुश्मन के चक्रव्यूह में घिरे अर्जुन के बेटे अभिमन्यु की कहानी, जो कबड्डी के दांव याद दिलाती है। हालांकि, इस खेल में मामूली बदलाव किए गए, लेकिन लक्ष्य जस का तस ही रहा, यानी दुश्मन के इलाके में छापा मारना या रेड करना।
क्या है इस खेल को खेलने का तरीका?
कबड्डी के खेल में 7 खिलाड़ियों वाली दो टीम होती हैं। एक के बाद एक दोनों टीमों का खिलाड़ी, जिसे रेडर कहते हैं, लगातार कबड्डी बोलता हुआ दूसरी टीम के पाले में कदम रखता है। लक्ष्य होता है, दूसरी टीम के ज्यादा से ज्यादा सदस्यों को छूकर वापस अपने पाले में लौटना।
आज छू रहा है लोकप्रियता की नई बुलंदियां
बता दें, आज यह खेल लोकप्रियता की नई बुलंदियां छू रहा है। प्रो-कबड्डी लीग के पहले सीजन (Pro Kabaddi League 14) को 435 मिलियन से भी ज्यादा लोगों ने देखा। उस साल यह आईपीएल के अलावा भारतीय टेलीविजन का दूसरा सबसे ज्यादा देखा गया स्पोर्ट्स टूर्नामेंट बन गया। कहना गलत नहीं होगा कि जिस खेल ने आज गली-कूचों से निकलकर पूरी दुनिया पर अपनी छाप छोड़ने का काम किया है, उसकी जड़ें हमारे देश से जुड़ी हैं।
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