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    सड़क नहीं, बल्कि इस काम के लिए हुआ था Traffic Signal का आविष्कार, बिजली के बजाय गैस से किया जाता था ऑपरेट

    Updated: Sat, 08 Jun 2024 09:16 PM (IST)

    आज हर चौराहे पर आपको ट्रैफिक सिग्नल (Traffic Signal) लगे दिख जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनकी शुरुआत भला कैसे और कहां से हुई थी? बता दें साल 1868 में इन्हें ब्रिटेन में पहली बार इंस्टॉल किया गया था लेकिन उस जमाने में तो सड़कों पर आज जैसी भीड़भाड़ भी नहीं थी। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि भला किसे और क्यों इसकी जरूरत महसूस हुई?

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    सड़कों के लिए नहीं, तो आखिर किसलिए हुआ था Traffic Signal का आविष्कार? (Image Source: X)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। रोड़ के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए आपको कई ट्रैफिक सिग्नल (Traffic Signal) से गुजरना होता है। समय-समय पर बदलता इनका रेड, ग्रीन और येलो रंग, ट्रैफिक नियमों के लिहाज से इस्तेमाल किया जाता है। आप भी जानते होंगे कि गाड़ियों की बढ़ती संख्या को मैनेज करने के लिए ये ट्रैफिक लाइट्स कितनी जरूरी हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसका आविष्कार किसने किया था? आइए, आज इस आर्टिकल में आपको इससे जुड़ी तमाम रोचक जानकारियां देने की कोशिश करते हैं।

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    दुनिया का पहला ट्रैफिक सिग्नल

    दिसंबर 1868 में लंदन के वेस्टमिंस्टर में पहली बार ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे। ये सिग्नल ब्रिटेन की संसद और वेस्टमिंस्टर ब्रिज के पास लगे थे, जिनका संचालन बिजली से नहीं बल्कि गैस की मदद से किया जाता था।

    चूंकि इन्हें मैन्युअल ऑपरेट करना पड़ता है, ऐसे में एक पुलिसकर्मी पाइप के जरिए इसमें गैस भरता और फिर इसका संचालन करता था। बता दें, एक बार लीकेज के चलते इसमें विस्फोट भी हुआ था जिसमें एक पुलिस अफसर की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई थी।

    यह एक खंभानुमा पाइप होता था, जिसमें रेड और ग्रीन दो रंगों की लाइट लगी होती थी। इन सिग्नल को ब्रिटिश रेलवे ट्रैफिक इंजीनियर जॉन पीक नाइट ने तैयार किया था। जी हां, इनका आविष्कार सड़कों के लिए नहीं बल्कि रेलमार्ग पद्धति अपनाने के लिए किया गया था।

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    अमेरिका में लगी थी मॉडर्न ट्रैफिक लाइट

    मॉडर्न ट्रैफिक लाइट की बात करें तो इसकी शुरुआत अमेरिकियों द्वारा की गई थी। साल 1914 में क्लीवलैंड में इसे पहली बार इंस्टॉल किया गया था। यह बिजली से चलती थी लेकिन इसका विकास भी कई चरणों में हुआ। पहले इसे स्विच से जलाया-बुझाया जाता था, लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव आते गए। बता दें, इसे मिशिगन के पुलिस अफसर विलियम ने ईजाद किया था।

    जैसा कि हमने बताया, शुरुआत में इसमें लाल और हरे यानी दो ही रंगों का इस्तेमाल होता था, लेकिन साल 1921 में विलियम ही तीन रंग वाला सिग्नल लेकर आए जिसमें पीला रंग भी शामिल था, जो कि आज भी सिग्नल चेंज होने का सूचक होता है।

    भारत में कब हुई ट्रैफिक सिग्नल की शुरुआत?

    भारत में सबसे पहला ट्रैफिक सिग्नल चेन्नई में लगा था। यह 1953 की बात है, जब एगमोर जंक्शन पर ट्रैफिक सिग्नल इंस्टॉल किए गए थे। कुछ साल बाद यह बेंगलुरु में भी लगे और इसी तरह धीरे-धीरे अन्य शहरों में भी इनका विस्तार होता गया।

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