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    कभी सोचा है तिकोने या चौकोर न होकर गोलाकार ही क्यों होते हैं ज्यादातर कुएं? हैरान कर देगी वजह

    Updated: Mon, 24 Feb 2025 12:24 PM (IST)

    क्या आपने कभी सोचा है कि कुएं हमेशा गोल ही क्यों होते हैं (Why Wells Are Round)? ऐसा क्यों नहीं होता कि वे चौकोर या तिकोने बनाए जाएं? बता दें यह कोई संयोग नहीं बल्कि इसके पीछे ठोस वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग कारण छिपे हैं। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं इस दिलचस्प रहस्य को जो कुओं के आकार के पीछे जिम्मेदार होता है।

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    तिकोने या चौकोर नहीं, ज्यादातर गोलाकार ही क्यों होते हैं कुएं? (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Why Wells Are Round: सोचिए, अगर कुएं चौकोर होते तो कैसा लगता? या फिर तिकोने होते, तो क्या पानी निकालना उतना ही आसान होता? आपने शायद कभी इस पर ध्यान न दिया हो, लेकिन जरा अपने आसपास नजर दौड़ाइए- चाहे गांव के पुराने कुएं हों या शहरों में बने पारंपरिक जलस्रोत, ज्यादातर कुएं गोल ही होते हैं।

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    क्या यह बस संयोग है, या इसके पीछे कोई ठोस वैज्ञानिक और व्यावहारिक कारण छिपा है? आखिरकार, जब इमारतें चौकोर होती हैं, सड़कें सीधी होती हैं, तो कुएं ही हमेशा गोल क्यों होते हैं? इस सवाल का जवाब (Science Behind Circular Wells) जितना साधारण लगता है, उतना ही चौंकाने वाला भी है। आइए जानते हैं।

    1) समान रूप से पड़ता है पानी पर दबाव

    जब किसी कुएं में पानी भरा होता है, तो उसकी दीवारों पर चारों तरफ समान दबाव पड़ता है। गोल आकृति के कारण यह दबाव संतुलित रहता है, जिससे कुएं की दीवारें ज्यादा मजबूत और टिकाऊ बनती हैं। अगर कुआं चौकोर या तिकोना होता, तो कोनों पर पानी का दबाव ज्यादा पड़ता और धीरे-धीरे उन हिस्सों में दरारें आने लगतीं। समय के साथ, ये दरारें बड़ी हो सकती थीं और कुएं की दीवार गिर भी सकती थी।

    2) मजबूत और टिकाऊ संरचना

    इंजीनियरिंग के नियम बताते हैं कि गोलाकार संरचनाएं अधिक मजबूत और लंबे समय तक चलने वाली होती हैं। यही कारण है कि पुराने जमाने में बने किले, चर्च और मस्जिदों में गुंबद (Dome) का इस्तेमाल किया जाता था। जब दीवारें गोल होती हैं, तो वे बाहरी दबाव को बेहतर तरीके से सहन कर पाती हैं और टूटने का खतरा कम हो जाता है। यही सिद्धांत कुओं पर भी लागू होता है।

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    3) खुदाई और सफाई में आसानी

    गोल कुओं को बनाना चौकोर कुओं की तुलना में ज्यादा आसान होता है। जब कोई कुआं खुदाई करता है, तो गोलाकार आकार खुद-ब-खुद बनता चला जाता है, क्योंकि इंसान का घूमकर खुदाई करना ज्यादा आसान होता है। इसके अलावा, गोल आकार होने की वजह से कुएं की सफाई भी आसान हो जाती है। अगर कुआं चौकोर होता, तो कोनों में गंदगी जमा हो सकती थी और सफाई करना मुश्किल होता।

    4) कम सामग्री में ज्यादा गहराई

    गोल आकार के कुएं बनाने में कम सामग्री लगती है और फिर भी वे गहरे बनाए जा सकते हैं। अगर कुआं चौकोर होता, तो उसकी चारों दीवारों और कोनों को अधिक सहारा देने के लिए ज्यादा ईंटें, पत्थर या सीमेंट लगाना पड़ता, जिससे खर्च भी बढ़ जाता। यही कारण है कि पुराने जमाने में जब सीमित संसाधन उपलब्ध थे, तब भी लोग गोल कुएं बनाना पसंद करते थे।

    5) प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखता है

    कुआं पानी को संचित करने और प्राकृतिक रूप से प्रवाहित करने का एक शानदार तरीका है। जब कुआं गोल होता है, तो पानी का प्रवाह बिना किसी रुकावट के होता है। इससे कुएं के अंदर पानी लंबे समय तक स्वच्छ बना रहता है। अगर कुआं चौकोर होता, तो कोनों में गंदगी और कीचड़ जम सकता था, जिससे पानी दूषित होने का खतरा बढ़ जाता।

    6) भूगर्भीय ताकतों से सुरक्षा

    गोल कुएं भूकंप और मिट्टी खिसकने जैसी प्राकृतिक घटनाओं का सामना करने में भी सक्षम होते हैं। जब जमीन हिलती है, तो गोल कुएं का संतुलन बना रहता है और इसके गिरने की संभावना कम होती है। यही कारण है कि कई पुराने कुएं आज भी सही-सलामत खड़े हैं, जबकि उनके आसपास की कई दूसरी संरचनाएं ढह चुकी हैं।

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