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    कभी सोचा है एक जैसा क्यों नहीं है इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स का सैल्यूट? जानें तीनों का फर्क

    Updated: Thu, 01 May 2025 04:55 PM (IST)

    जब भी हम किसी सैनिक को सैल्यूट करते देखते हैं तो हमारे मन में देशभक्ति और सम्मान की भावना जाग उठती है लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि भारतीय सेना (Army) नौसेना (Navy) और वायुसेना (Air Force)- इन तीनों के सलामी देने (Indian Military Salutes) के तरीके एक-दूसरे से अलग होते हैं? आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं इसकी दिलचस्प वजह।

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    Indian Military Salutes: थलसेना, जलसेना और वायुसेना के सैल्यूट में क्या है अंतर? (Image Source: Jagran.com)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Indian Military Salutes: क्या आपने कभी गौर किया है कि जब Indian Army, Navy और Air Force के जवान सैल्यूट करते हैं, तो उनके हाथ उठाने का तरीका अलग होता है? एक जैसी वर्दी, एक जैसे देशप्रेम के जज्बे के बावजूद तीनों सेनाओं का सलामी देने का अंदाज अलग क्यों है (Why Different Salutes)? बता दें कि इसके पीछे सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि एक गहरी सोच और इतिहास छिपा है। चलिए, इस दिलचस्प फर्क को थोड़ा विस्तार से समझते हैं।

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    आर्मी का सैल्यूट - हथेली नीचे की ओर क्यों?

    भारतीय थलसेना यानी इंडियन आर्मी के जवान जब सैल्यूट करते हैं, तो उनकी हथेली जमीन की ओर झुकी होती है। बता दें, जवान जिस हाथ से बंदूक या कोई और हथियार पकड़ते हैं, उसी हाथ से सैल्यूट करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह भरोसा दिखाने का तरीका है। जब वे सैल्यूट करते हैं, तो उनकी सारी उंगलियां खुली रहती हैं।

    इसके पीछे एक और ऐतिहासिक कारण है। पुराने जमाने में जब तलवारों और हथियारों से युद्ध होता था, तब नीचे की ओर हथेली दिखाने का मतलब होता था, कि सैनिक के हाथ में कोई हथियार नहीं है, वह खाली हाथ है और इसलिए भरोसा किया जा सकता है।

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    नेवी का सैल्यूट - हथेली अंदर की ओर क्यों?

    भारतीय नौसेना यानी इंडियन नेवी का सैल्यूट बाकी सेनाओं से थोड़ा अलग है। इसमें हथेली शरीर की ओर मुड़ी होती है। वे अपना दाहिना हाथ 90 डिग्री के कोण पर नीचे की तरफ झुकाकर रखते हैं। बता दें, इसका कारण नेवी की ऐतिहासिक परंपरा में छिपा है।

    पुराने समय में, जब नाविक कठोर मेहनत से जहाज चलाते थे, तब उनके हाथ अक्सर गंदे और घिसे हुए होते थे। ऐसे में वे खुले हाथ से सैल्यूट करने से बचते थे, ताकि सामने वाले को अपमान न लगे। इसलिए उन्होंने हथेली को अंदर की ओर करके सलामी देने की परंपरा अपनाई। यह तरीका आज भी सम्मान, विनम्रता और अनुशासन का प्रतीक है।

    एयरफोर्स का सैल्यूट - सीधी हथेली और 45 डिग्री का एंगल

    भारतीय वायुसेना यानी इंडियन एयरफोर्स का सैल्यूट सबसे स्टाइलिश और सटीक दिखता है। इसमें हथेली सीधी होती है और जमीन से लगभग 45 डिग्री के एंगल पर ऊपर उठाई जाती है। यह तरीका स्मार्टनेस, गति और सटीकता का प्रतीक है- ठीक वैसे ही जैसे वायुसेना के काम करने का तरीका।

    एयरफोर्स की सलामी तेज, चुस्त और आत्मविश्वास से भरपूर होती है, जो इस बात को दर्शाती है कि उनके निर्णय भी उतने ही तेज और सटीक होते हैं।

    तीनों सेनाओं के सैल्यूट में क्यों है फर्क?

    तीनों सेनाओं की कार्यशैली, उनके इतिहास और मूल्यों के अनुसार उनका सलामी देने का तरीका भी अलग है। आर्मी जमीन पर लड़ती है, नेवी समुद्र में, और एयरफोर्स आसमान में। उनकी ट्रेनिंग, काम करने का माहौल और परंपराएं भी अलग हैं और यही फर्क उनके सैल्यूट में भी साफ नजर आता है।

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