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    क्या बीन की धुन सुनकर सचमुच नाचने लगते हैं सांप? यहां समझें नाग और सपेरे के इस खेल का सीक्रेट

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 04:15 PM (IST)

    आपने फिल्मों में देखा होगा बीन की धुन सुनकर सांप नाचना शुरू कर देते हैं। लेकिन सांपों के तो कान ही नहीं होते तो वो बीन की धुन सुनते कैसे हैं। और क्या वे सचमुच इसकी आवाज पर नाचते हैं या इसके पीछे कोई और राज छिपा है? आइए जानें नाग-नागिनों के इस खेल का रहस्य।

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    बीन की धुन सुनते ही क्यों नाचने लगते हैं सांप? (Picture Courtesy: Instagram)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आपने कई फिल्मों में देखा होगा कि सपेरे बीन बजाकर सांपों को नचाने का करतब दिखाते हैं। नाग-नागिनों पर बनी बॉलीवुड की फिल्मों में तो एक न एक सीन तो ऐसा होता ही था, जिसमें बीन की धुन पर नाचते हुए सांप नजर आ जाएं। मशहूर एक्ट्रेस श्रीदेवी की फिल्म नागिन में भी तो ऐसा ही दृश्य है, जिसमें अमरीश पुरी बीन बजाकर सांपों को अपने काबू में करते हैं।

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    मोनी रॉय का फेमस सीरियल नागिन में भी ऐसा ही एक सीन है, जिसमें सपेरे की बीन की धुन सुनकर नागिन झूम-झूमकर नाचने लगती है। बचपन के किस्से भी अगर आपको याद हों, तो कई जगहों पर सपेरा बीन बजाकर सांपों के नाच का करतब दिखाता था और बच्चे इसे देखकर काफी रोमांचित हो उठते थे।

    लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या सचमुच सांप बीन की धुनकर नाचते हैं या इसके पीछे कोई और वजह है। एक सवाल ये भी उठता है कि सांप के पास हमारे-आपकी तरह कान भी नहीं होते, फिर वे कैसे बीन की धुनकर नाचने लगते हैं? आइए जानें सांप की बीन की आवाज पर नाचने के पीछे का राज।

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    सांपों के पास कान नहीं होते?

    सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि सांप बाहरी कान नहीं रखते, इसलिए वे हवा में फैली ध्वनि तरंगों को सुनने में असमर्थ होते हैं। यानी वे बीन की धुन सुन ही नहीं पाते हैं। ऐसे में भला वे इसकी आवाज सुनकर थिरकने क्यों लगते हैं? आपको बता दें कि सांप हवा में फैली आवाज नहीं सुन सकते, लेकिन वे जमीन से आने वाले कंपन को महसूस कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर सपेरा जोर से पैर पटकता है या डंडे से जमीन पर थपथपाता है, तो सांप उस कंपन को समझ सकता है, लेकिन बीन की मधुर धुन सुनकर नहीं नाचता।

    सुन नहीं सकता, तो धुन पर नाचता कैसे है?

    जब सपेरा बीन हिलाता है, तो सांप उसकी गति पर प्रतिक्रिया देता है। सांप की प्राकृतिक प्रवृत्ति होती है कि वह खतरे को देखकर सतर्क हो जाता है और अपने शरीर को उठाकर हिलाने लगता है। यह एक प्रोटेक्टिव पोजिशन है, जिसमें सांप अपने दुश्मन को डराने की कोशिश करता है। सपेरा बीन को धीरे-धीरे हिलाकर सांप को उसी दिशा में मोड़ने के लिए प्रेरित करता है, जिसे देखकर लगता है कि सांप "नाच" रहा है। तो जिसे लोग सांप का नाचना समझ रहे होते हैं, असल में वो बस सांप का डिफेंस मकेनिज्म है।

    आपने अगर ध्यान दिया होगा, तो कई सपेरे अपनी बीन को छोटे-छोटे कांच के टुकड़ों से सजाकर भी रखते हैं। इन टुकड़ों से रोशनी रिफ्लेक्ट होती है, जिसे देखकर भी सांप सतर्क हो जाते हैं और अपनी रक्षा करने के लिए एक्टिव मोड में आकर हिलने-डुलने लगते हैं।

    लोगों को आकर्षित करने की ट्रिक

    भारत में सपेरों का इतिहास सदियों पुराना है। पारंपरिक रूप से सपेरे सांपों को पकड़कर उनके जहर निकालते थे और उन्हें दिखाकर पैसे कमाते थे। बीन बजाने का नाटक सिर्फ लोगों को आकर्षित करने का एक तरीका था। असल में, ज्यादातर सपेरे कोबरा जैसे जहरीले सांपों का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि उनका फन फैलकर खड़ा होना दर्शकों को रोमांचित करता था।

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