125 साल पुराने हिंदू कॉलेज की जर्जर इमारत के जीर्णोद्धार की निकली राह, किनारी बाजार से हुई थी शुरुआत
कश्मीरी गेट स्थित 125 वर्ष पुराने हिंदू कॉलेज की इमारत का जीर्णोद्धार किया जाएगा। एमसीडी ने हेरिटेज कमेटी को प्रस्ताव भेजा है। कॉलेज के पूर्व छात्रों के आग्रह पर एमसीडी ने हामी भरी है। 1899 में चांदनी चौक के किनारी बाजार में हिंदू कॉलेज की शुरुआत हुई थी। 1908 में कॉलेज को कश्मीरी गेट की इमारत में स्थानांतरित किया गया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कश्मीरी गेट स्थित 125 वर्ष पुराने हिंदू कॉलेज की इमारत आने वाले वर्षों में नए रंग-रूप में नजर आ सकती है। पिछले वर्ष कॉलेज की स्थापना के 125 वर्ष पूरा होने पर कॉलेज के पूर्व छात्रों के आग्रह पर एमसीडी ने इस इमारत के जीर्णोद्धार के लिए हामी तो भर दी थी, लेकिन दिल्ली सरकार से संरक्षित अधिसूचित इमारत होने से एमसीडी इसे नया रूप देने में बड़ी ही सावधानी से चलना चाहती है।
इसके लिए एमसीडी ने जर्जर इमारत के जीर्णोद्वार करने का प्रस्ताव हेरिटेज कमेटी को भेज दिया है। वहां से जल्द मंजूरी मिलने पर अगले वर्ष की पहली तिमाही में काम शुरू हो सकता है।
कश्मीरी गेट की आटो पार्ट मार्केट के पास स्थित इस इमारत के एक हिस्से में फिलहाल राज्य निर्वाचन आयोग का कार्यालय है, जबकि यहां पर एमसीडी का सिटी सदर पहाड़गंज जोन का कार्यालय भी है। इसके सामने एक इमारत है, जहां पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कार्यालय है। उसमें पहले सेंट स्टीफंस कॉलेज था। समय के साथ इन कॉलेजों को नार्थ कैंपस में स्थानांतरित कर दिया गया था।
एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया हमें पुराने हिंदू कॉलेज की एलुमनी और अन्य पूर्व छात्रों ने इसके लिए संपर्क किया था। उन्होंने बताया कि चूंकि कॉलेज की इमारत से उनका जुड़ाव है, इसलिए वह इस इमारत के जीर्णोद्धार में मदद करना चाहते हैं। उन्हीं के आग्रह के बाद हमने इसके जीर्णोद्धार की तैयारी की है।
इमारत ऐतिहासिक है और दिल्ली सरकार से अधिसूचित होने की वजह से इसमें हेरिटेज कमेटी से मंजूरी की आवश्यकता है। इसलिए टाउन प्लानिंग विभाग ने इसका प्रस्ताव बनाकर मंजूरी के लिए भेजा है। मंजूरी मिलने के बाद अभियांत्रिक विभाग जीर्णोद्वार में लागत का आकलन करेगा। सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 1899 में चांदनी चौक के किनारी बाजार में हिंदू कॉलेज की शुरुआत हुई थी। इसके संस्थापक कृष्ण दास थे। 1908 में कॉलेज को जगह की कमी के चलते कश्मीरी गेट की इसी इमारत में स्थानांतरित कर दिया था। 1953 में इसे नार्थ कैंपस की 25 एकड़ स्थित भूमि पर स्थानांतरित कर दिया गया था।
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