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    चिड़ियाघर में बारिश से पहले जू मैनेजमेंट की तैयारियां पूरी, जानवरों के बाड़ों में नहीं भरेगा पानी

    By Jagran News NetworkEdited By: Sonu Suman
    Updated: Sun, 22 Jun 2025 06:36 PM (IST)

    दिल्ली चिड़ियाघर ने मानसून से पहले वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। जलभराव से निपटने के लिए पंपों की मरम्मत और नए पंप लगाए गए हैं। शाकाहारी जानवरों के लिए मिट्टी के टीले बनाए गए हैं और बाड़ों को वर्षा से बचाने के लिए टिन/प्लास्टिक शीट डाली गई हैं। पुराने रेन शेड की मरम्मत की गई है और नए भी बनाए गए हैं।

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    दिल्ली चिड़ियाघर में इस मानसून नहीं भरेगा पानी।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के चिड़ियाघर में मानसून से पहले वन्य जीवों की सुरक्षा और सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन ने कमर कस ली है। भारी वर्षा और संभावित जलभराव से निपटने के लिए इस बार पुख्ता तैयारियां की गई हैं ताकि जानवरों को किसी भी तरह की असुविधा या खतरे से बचाया जा सकें।

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    चिड़ियाघर प्रशासन ने बताया कि सीसीयू (सेंट्रल कंट्रोल यूनिट) और मेंटेनेंस सेक्शन में मौजूद सभी पंपों की मरम्मत करवाई जा रही है। साथ ही नए पंप भी मंगवाए गए हैं ताकि जलभराव की स्थिति में तेजी से पानी निकाला जा सके। यह व्यवस्था विशेष रूप से निचले इलाकों और बाड़ों के आसपास की गई है। जहां वर्षा का पानी आसानी से भर सकता है।

    बाड़ों में मिट्टी के टीले बनाए गए

    इसके अलावा शाकाहारी जानवरों के लिए भी विशेष उपाय किए गए हैं। उनके बाड़ों में मिट्टी के टीले बनाए गए हैं ताकि पानी भरने की स्थिति में जानवर सुरक्षित स्थानों पर जा सकें। बाड़ों और फीडिंग प्लेटफार्म पर टिन या प्लास्टिक की शीट डाली गई है ताकि खाना और जानवर दोनों वर्षा से बचे रहें। चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार ने बताया कि वर्षा से बचाव के लिए पुराने रेन शेड की मरम्मत करवाई है और जरूरत के हिसाब से नए शेड भी बनाए गए हैं।

    पंप आपरेटरों की संख्या बढ़ाई गई

    स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छाते, गमबूट, टार्च आदि जरूरी सामग्री की खरीदारी कर उन्हें वितरित किया गया है। जिससे वह किसी भी स्थिति में काम सुचारु रूप से कर सकें। वहीं, चिड़ियाघर परिसर में मौजूद नालों, खाइयों और जल निकासी मार्गों की अच्छी तरह सफाई की गई है ताकि वर्षा के पानी का बहाव बिना रुकावट जारी रहे। पंप आपरेटरों की संख्या बढ़ाई गई है और चौबीसों घंटे शिफ्टों में तैनाती सुनिश्चित की गई है ताकि किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सकें।