अब स्वच्छ यमुना की नई डेडलाइन 2029 घोषित, 8000 करोड़ से 303 ड्रेनेज परियोजनाओं को करेंगे काम
दिल्ली में यमुना नदी को साफ करने की समय सीमा अब 2029 तक बढ़ा दी गई है। इस परियोजना के तहत 8000 करोड़ रुपये की लागत से 303 ड्रेनेज परियोजनाओं पर काम कि ...और पढ़ें

फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। यमुना को साफ करने की दिल्ली सरकार ने अब नई डेडलाइन दे दी है। अब 2029 तक यमुना को स्वच्छ कर दिया जाएगा। दिल्ली सरकार ने इस तरह का दावा प्रेसवार्ता कर किया है। जल और लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा है कि जनता ने 5 साल के लिए उनकी सरकार को चुना है, लोग थोड़ा इंतजार करें, सभी मुद्दों पर काम हो रहा है, एक दो साल के हिसाब से नहीं, पिछले 40-50 साल की प्लानिंग को लेकर दिल्ली में काम हो रहा है। बता दें कि सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पहले यमुना नदी की सफाई के लिए 2027 तक की डेडलाइन सुनिश्चित की थी।
दावा-योजनाएं बनेंगी और उन पर अमल भी होगा
उन्होंने दावा किया कि 2029 तक यमुना को साफ कर दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि अब योजनाएं बनेंगी और उन पर अमल भी होगा। उन्होंने कहा कि यमुना की हालत इसलिए भी खराब है कि पूर्व की सरकार ने एक तो ठीक से योजनाएं नहीं बनाईं और जो बनाईं भी, उन पर ठीक से अमल नहीं किया और यही कारण है कि यमुना अब तक साफ नहीं हो पाई।
पूरा रोड मैप है तैयार
जल मंत्री वर्मा ने यमुना को साफ किए जाने की योजना पर चर्चा करते हुए कहा कि बार-बार पूछा जाता है कि यमुना कब साफ होगी? कहा कि मैं बताना चाहता हूं कि यमुना चार या छह महीने में साफ नहीं होगी या फिर एक या दो साल में भी साफ नहीं होगी। कहा कि इसके लिए पूरा रोड मैप तैयार किया जा चुका है। यमुना 2029 में साफ होगी।
सबको देंगे सीवर के कनेक्शन
उन्होंने साफ किया कि हमने इसके लिए सभी उन कालोनी में सीवर लाइन डालने की योजना बनाई है जहां सीवर लाइन नहीं है। इन कालोनियोंं में सीवर लाइन डाली जाएगी, यहां तक कि झुग्गी कालोनियों को भी सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा। सभी लाेगों को सीवर के कनेक्शन दिए जाएंगे।
सीवर के पानी को एसटीपी में ले जाया जाएगा
दिल्ली भर के सीवर के पानी को एसटीपी में ले जाया जाएगा। एसटीपी में इस पानी को उपचारित कर पार्कों में उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा भी जिस काम के लिए इसका उपयोग हो सकता है इस पानी को उसमें उपयोग किया जाएगा।
उसके बाद जो पाली बचेगा उसे यमुना में छोड़ा जाएगा। जिन नालों के माध्यम से सीवर का पानी यमुना में गिरता है उन नालों की सफाई की जाएगी। यह काम भी जल्दी शुरू होने वाला है। इसके लिए मशीनें आ रही हैं।
दिल्ली की कोई भी गंदगी को यमुना में नहीं जाने दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि 2029 में हम यमुना को साफ करके दिखाएंगे यह हमारी सरकार का संकल्प है और यह हमारी सरकार का दिल्ली की जनता से वादा है।
एसटीपी कम हैं,कई एसटीपी मानकों पर खरे नहीं उतरते
बता दें कि दिल्ली में हर दिन लगभग 792 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रतिदिन) सीवेज उत्पन्न होता है, जिसमें से करीब 600 एमजीडी को उपचारित किया जाता है, लेकिन लगभग 200 एमजीडी अशोधित सीवेज नालों के माध्यम से यमुना में बह जाता है। बताया जाता है कि एसटीपी की संख्या जरूरत के हिसाब से कम है, सभी एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) पूरी क्षमता से काम नहीं करते हैं और कई मानकों पर खरे भी नहीं उतरते हैं। दिल्ली में 37 एसटीपी काम कर रहे हैं।
यमुना सफाई की यह है योजना
दिल्ली में 48 किमी लंबी यमुना की सफाई की सफाई के लिए 45 प्वाइंट एक्शन पर काम चल रहा है। इस पर जल बोर्ड, सिंचाई व बाढ़ विभाग, एमसीडी, डीपीसीसी, डीडीए और इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट सभी को मिलकर काम करना है। अगले तीन सालों में फेज-वाइज काम किया जाएगा। ताकि यमुना पूरी तरह से साफ हो सके।
इस योजना के तहत ही 8000 करोड़ रुपये की लागत से 303 ड्रेनेज परियोजनाओं को काम किया जाएगा। जिस पर जल बोर्ड, सिंचाई व बाढ़ विभाग, एमसीडी, डीपीसीसी, डीडीए और इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट सभी को मिलकर काम करना है।
योजना के तहत नालों के गंदे पानी को ट्रीट करना, सीवरेज नेटवर्क में विस्तार, आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की स्थापना जैसे कार्य शामिल हैं।
अमृत-2 योजना के तहत निलोठी, पप्पनकलां, यमुना विहार, ओखला, केशोपुर, वसंत कुंज, घिटरोनी, महरौली और मोलड़बंध सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की कैपसिटी अपग्रेड किया जा रहा है, ताकि दिल्ली में रोजाना जितना सीवेज वाटर जनरेट होता है उसे पूरी तरह से ट्रीट किया जा सके। इसी योजना के तहत 40 नए एसटीपी का निर्माण करने का प्लान है।

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