पांच दिसंबर तक WAQF संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य, अन्यथा खत्म कर दिया जाएगा वक्फ का दर्जा
मुस्लिम संगठन वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण में तेजी ला रहे हैं, क्योंकि नए कानून के तहत 5 दिसंबर तक पंजीकरण अनिवार्य है। इसके लिए राष्ट्रीय, प्रांतीय और स्थानीय स्तर पर हेल्प डेस्क बनाए जा रहे हैं। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पंजीकरण प्रक्रिया में मदद के लिए देशभर में एक हजार से अधिक हेल्प डेस्क गठित करने की तैयारी की है।

जागरण संवाददता, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन कानून के विरुद्ध आंदोलन के बीच मुस्लिम संगठनों ने देशभर में मौजूद वक्फ संपत्तियों के पंजीयन की प्रक्रिया भी तेज कर दी है। इसके लिए राष्ट्रीय, प्रांतीय व स्थानीय स्तर पर हेल्पलाइन डेस्क बनाए जा रहे हैं, ताकि करीब डेढ़ माह में देशभर में करीब 15 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियों का पंजीयन ''उम्मीद'' पर किया जा सके।
वैसे, ऐसे प्रयासों के बीच मुस्लिम संगठनों को उम्मीद कम ही है कि डेढ़ माह में यह प्रक्रिया पूरी हो पाएगी। क्योंकि, इसमें तकनीकी और व्यावहारिक दिक्कतें हैं, जिसके चलते पंजीयन की प्रक्रिया धीमी है। अभी तक कुछ हजार ही पंजीयन हो सके हैं।
ऐसे में इसमें राहत की मांग को लेकर एआईएमपीएलबी ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है, जिसपर सुनवाई इस माह के अंत में है।
नए कानून के प्रावधान के अनुसार, पांच दिसंबर तक देशभर में सभी वक्फ संपत्तियों का पंजीयन अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के उम्मीद पोर्टल पर कराना अनिवार्य है, अन्यथा उनका वक्फ का दर्जा समाप्त किया जा सकता है।
मुस्लिम संगठनों को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी, लेकिन पिछले माह अंतरिम आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने पंजीयन प्रक्रिया को बहाल रखा, जिसके बाद से अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड (एआईएमपीएलबी), जमात-ए-इस्लामी हिंद व जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसे संगठनों की पंजीयन को लेकर सक्रियता बढ़ी है।
उनके द्वारा देशभर में हेल्प डेस्क बनाए जा रहे हैं, जिसमें खास तौर पर आईटी, कानून व राजस्व के जानकारों को रखा जा रहा है, जो वक्फ संपत्तियों के पंजीयन में मुतवल्ली की मदद कर रहे हैं। एक ऐसे ही हेल्प डेस्क का उद्घाटन दक्षिणी दिल्ली के जमात-ए-इस्लामी हिंद के मुख्यालय में उसके अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने किया। हुसैनी ने कहा कि वक्फ संपत्तियों के पंजीयन के लिए काफी कम समय बचा है।
उसमें भी पंजीयन में काफी दिक्कतें आ रही है। इसलिए, देशभर में ऐसे केंद्र बनाने और उनके माध्यम से वक्फ पंजीयन के कार्य को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजीयन का अर्थ अनुचित वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ संघर्ष खत्म नहीं है, वह जारी रहेगा।
एआईएमपीएलबी ने 16 नवंबर को रामलीला मैदान में वक्फ संशोधन कानून के विरुद्ध बड़ी रैली की तैयारी की है। साथ ही प्रांत स्तर पर उसके विरोध सम्मेलन, प्रदर्शन जारी है। जबकि, पंजीयन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए उसने देशभर में एक हजार से अधिक हेल्प डेस्क गठित करने की तैयारी की है।
एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता कासिम रसूल इलियास के अनुसार, नए कानून के अनुसार, सभी वक्फ संपत्तियों का पंजीयन अब नए सिरे से उम्मीद पोर्टल पर कराना होगा। वैसे तो पंजीयन जमात-ए-इस्लामी हिंद के हेल्प डेस्क के समन्वयक इनाम-उर-रहमान खान ने बताया कि भले ही वक्फ बाई यूजर को भले ही सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में मान्य किया है, लेकिन उसका भी पंजीयन अनिवार्य है।
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