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Virendra Sachdeva: भाजपा का बड़ा फैसला, वीरेंद्र सचदेवा के हाथ में ही रहेगी दिल्ली बीजेपी की कमान

लंबे इंतजार के बाद दिल्ली भाजपा को अपना स्थायी मुखिया मिल गया है। एमसीडी की सत्ता भाजपा के हाथ से जाने के बाद आदेश गुप्ता को प्रदेश अध्यक्ष पद की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। उनकी जगह उपाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) को दिल्ली भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।

By Santosh Kumar SinghEdited By: Abhishek TiwariThu, 23 Mar 2023 12:14 PM (IST)
Virendra Sachdeva: भाजपा का बड़ा फैसला, वीरेंद्र सचदेवा के हाथ में ही रहेगी दिल्ली बीजेपी की कमान
Virendra Sachdeva: वीरेंद्र सचदेवा के हाथ में ही रहेगी दिल्ली बीजेपी की कमान

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। भाजपा नेतृत्व ने ढाई माह से ज्यादा इंतजार के बाद दिल्ली प्रदेश के स्थायी अध्यक्ष की घोषणा कर दी है। पार्टी ने कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) पर विश्वास जताते हुए उन्हें स्थायी अध्यक्ष बनाया है। नगर निगम चुनाव में हार के बाद आदेश गुप्ता के इस्तीफा देने पर इन्हें अस्थायी अध्यक्ष बनाया गया था।

पंजाबी मतदाताओं को साधने की कोशिश

इनके नेतृत्व में पार्टी आबकारी घोटाले को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की घेराबंदी करने में सफल रही। पार्टी द्वारा लगातार दबाव बनाने के परिणामस्वरूप मनीष सिसोदिया व सत्येंद्र जैन को इस्तीफा देना पड़ा। अब पार्टी मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर आंदोलन कर रही है। इन्हें अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने पंजाबी मतदाताओं को भी साधने की कोशिश की है।

आदेश गुप्ता के इस्तीफे के बाद बने थे कार्यकारी अध्यक्ष

आदेश गुप्ता की टीम में सचदेवा उपाध्यक्ष बनाए गए थे। साथ ही बूथ प्रबंधन से जुड़े काम में राष्ट्रीय टीम में भी सहयोगी की भूमिका निभा रहे थे। निगम चुनाव में हार के कारण गुप्ता को अपना पद छोड़ना पड़ा और पार्टी ने सचदेवा पर विश्वास जताया। उसके बाद से ही स्थायी अध्यक्ष को लेकर कयास लगने लगे थे। इनके सामने निगम चुनाव में पराजय से निराश नेताओं व कार्यकर्ताओं को एकजुट कर संगठनात्मक गतिविधियों क आगे बढ़ाने की चुनौती थी जिससे कि लोकसभा चुनाव की तैयारी को धार मिल सके।

इसमें वह बहुत हद तक सफल रहे। उनके नेतृत्व में कार्यकर्ता आबकारी घोटाले को लेकर आक्रामक तरीके से आप सरकार को घेर रही है। सिसोदिया के इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा ने जंतर मंतर, आप कार्यालय के बाहर, मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन किया। उप मुख्यमंत्री पद से उनके इस्तीफे को पार्टी अपनी जीत के रूप में प्रचारित करते हुए आंदोलन को और तेज कर दिया है।

इनके अस्थायी अध्यक्ष बनने के बाद दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। दिल्ली भाजपा द्वारा की गई इसकी व्यवस्था की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सराहना की। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद प्रदेश कार्यकारिणी से लेकर जिला व मंडल कार्यकारिणी की बैठक कम समय में कराकर इन्होंने अपनी संगठनात्मक कौशल का परिचय दिया। पहली बार मंडल स्तर की कार्यकारिणी बैठक में बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया।

निगम की रणनीति में मिली मात

पार्टी ने निगम में महापौर व स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव में आप को मात देने की रणनीति बनाई जिसमें सफल नहीं रही। निगम में आप व भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़प और महापौर व स्थायी समिति के चुनाव में हुई देरी के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया गया। कई भाजपा पार्षदों ने क्रास वोटिंग भी की।

रिपोर्ट इनपुट- संतोष कुमार सिंह

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