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    हिमालयी घास के कोट-शॉल और मफलर की चमक ने जीता दिल, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बने आकर्षण का केंद्र

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 09:28 AM (IST)

    भारत मंडपम में 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में उत्तराखंड पवेलियन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां पारंपरिक ऊनी वस्त्रों के स्टॉल पर खरीदारों की भारी भीड़ है। हिमालयी घास और प्राकृतिक ऊन से बने वस्त्र, जैसे कोट, शॉल और मफलर, विशेष रूप से पसंद किए जा रहे हैं। ग्राहकों का कहना है कि ये उत्पाद प्राकृतिक, टिकाऊ और आकर्षक हैं, जो इन्हें खास बनाते हैं। ठंड बढ़ने के साथ ही बिक्री में और तेजी आने की संभावना है।

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    शशि ठाकुर, नई दिल्ली। भारत मंडपम में चल रहे 44वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इस बार उत्तराखंड पवेलियन खरीदारों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। खासतौर पर यहां लगाए गए पारंपरिक ऊनी वस्त्रों के स्टॉल पर सुबह से ही बड़ी संख्या में आगंतुक पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड की पारंपरिक गर्माहट और स्थानीय शिल्प की खुशबू इन उत्पादों में साफ झलकती है, जिसकी वजह से खरीदारों की दिलचस्पी उम्मीद से कहीं अधिक देखने को मिल रही है।

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    हाल नंबर-2 में स्थित इस स्टॉल पर हिमालयी घास और प्राकृतिक ऊन से तैयार किए गए वस्त्र सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। यहां उपलब्ध ऊनी कोट, शॉल, मफलर, टोपी, दस्ताने और मोजे न केवल डिजाइन और गुणवत्ता में बेहतरीन हैं बल्कि कठोर ठंड में बेहतर सुरक्षा भी प्रदान करते हैं। हल्के वजन और प्राकृतिक तासीर वाले ये उत्पाद ग्राहकों के लिए बड़े आकर्षण का कारण बने हैं।

    स्टाल संचालक सोनी रावत ने बताया कि इस बार मेले में खरीदारों की संख्या उम्मीद से कहीं ज्यादा है। लोगों में पारंपरिक और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को लेकर उत्साह लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हिमालयी घास से बने गर्म कपड़े इस साल सबसे ज्यादा बिक रहे हैं, क्योंकि ये हल्के होने के बावजूद अत्यधिक गर्माहट प्रदान करते हैं। साथ ही इन्हें उत्तराखंड के स्थानीय शिल्पकारों द्वारा हाथों से तैयार किया जाता है, जिससे कारीगरों की आय में भी महत्वपूर्ण वृद्धि होती है।

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    मेले में पहुंचे कई उपभोक्ताओं ने बताया कि इस तरह के प्राकृतिक, टिकाऊ और आकर्षक डिजाइन वाले वस्त्र आम बाजारों में आसानी से उपलब्ध नहीं होते। पारंपरिक कला और आधुनिक उपयोगिता का सुंदर मेल इन उत्पादों को और विशिष्ट बनाता है। मेले के आगामी दिनों में उत्तराखंड पवेलियन पर और अधिक भीड़ बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। ठंड में वृद्धि के साथ ही ऊनी वस्त्रों की बिक्री और तेजी पकड़ सकती है। स्थानीय कला, प्राकृतिक सामग्री और पारंपरिक तकनीक का अनोखा संगम इस वर्ष उत्तराखंड पवेलियन को मेले का प्रमुख आकर्षण बना रहा है।