अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में मिल रहीं एक से बढ़कर एक साड़ियां, धार्मिक से लेकर फिल्मी थीम बेस्ड डिजाइन
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में धार्मिक और फिल्मी थीम पर आधारित साड़ियों का अद्भुत संग्रह प्रस्तुत किया गया है। रामायण, महाभारत जैसे धार्मिक विषयों और बॉलीवुड से प्रेरित डिजाइन ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं। यह मेला साड़ियों के शौकीनों के लिए एक शानदार अवसर प्रदान कर रहा है।

नई दिल्ली भारत मंडपम में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के बिहार पवेलियन में फिल्म दिल वाले दुल्हिनया ले जाएंगे थीम पर बनी साड़ी दिखाती पूजा। ध्रुव कुमार
-रामायण, बनारस के घाट पर बैठे साधु संत, राधाकृष्ण की रासलीला, द्रौपदी का चीरहरण, दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे फिल्म की सिमरन भी प्रदर्शित है साड़ी पर
फोटो नं. 7 से 9
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। भारत मंडपम में चल रहे 44वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में कहानियां बयां करती साड़ियां भी इस बार आकर्षण का केंद्र बन रही हैं। मेले के साझीदार राज्य बिहार के मंडप में पहुंच रहा कोई भी दर्शक इन साड़ियों की तारीफ किए बिना नहीं रहता।
डोरासूत्र नाम की इस स्टाॅल पर उपलब्ध हर साड़ी की थीम की एक अलग ही कहानी है। स्टाॅल संचालिका पटना की पूजा ने बताया कि भारत में कहानियां बहुत चलती हैं। हम बचपन से कहानियां सुनकर ही बड़े होते हैं। इसीलिए हमने साड़ियों को थीम पर बनाना शुरू किया। साड़ी एक परंपरा भी है।
पूजा ने बताया कि उनके पास रामायण थीम की साड़ी, बनारस के घाट पर बैठे साधु संतों, राधा कृष्णकी रासलीला, द्रौपदी का चीरहरण, दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे फिल्म की सिमरन को प्रदर्शित करते हुए एवं उनके भावों को भी साड़ी की थीम में दर्शाया गया है। ये सभी साड़ियां टशर सिल्क, काटन और सिल्क के कपड़े में उपलब्ध हैं।
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पूजा ने बताया कि पहले वह बिहार सरकार की कर्मचारी थीं लेकिन 2020 में कोरोनाकाल के दौरान जब उन्हें दूसरा बच्चा होने वाला था तो उनके शेखपुरा से पटना के पटेल नगर तक आना जाना मुश्किल हो रहा था। तब उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर यह काम आरंभ किया। समय बीतने के साथ उन्हें लोगों की सराहना तो मिली ही, इन साड़ियों की बिक्री भी बढ़ने लगी।
आज उन्हें अपनी नौकरी छोड़ने का कोई अफसोस नहीं है। अबकी बार राज्य सरकार की ओर से ही उन्हें बिहार मंडप में स्टाॅल दिया गया है। पूजा ने बताया कि ये साड़ियों हैंडलूम और हैंडप्रिंटिड हैं। इनकी कीमत सात हजार से शुरू होती है। हालांकि, मशीन से प्रिंटेड साड़ियां मात्र एक हजार रुपये में भी मिल जाएंगी।
साड़ी की रामायण थीम
रामायण थीम वाली साड़ी की थीम में भगवान राम के वनवास से शुरू किया गया है। भरत द्वारा भगवान राम की चरण पादुका रखकर राज काज चलाना, सीता हरण, रामसेतु निर्माण, हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी लाना, जटायु रावण युद्ध, रावण वध और उसके बाद भगवान राम के राज्याभिषेक को रामदरबार के माध्यम से दर्शाया गया है।
बनारस के घाट की थीम
पूजा ने बताया कि एक साड़ी में बनारस के घाट पर साधु संतों की उपस्थिति और उनके हाव भाव को दर्शाया गया है। बनारस और उसके घाटों का भी आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व महत्व है। इसीलिए इस थीम को भी साड़ी की थीम में शामिल किया गया है।
द्रौपदी चीरहरण भी साड़ी की थीम में
द्रौपदी के चीरहरण को भी साड़ी की थीम में शामिल किया है। इसके माध्यम से यह दिखाया है कि चीरहरण के समय द्रौपदी को श्रीकृष्ण की जरूरत पड़ी। अब महिलाओं को खुद अपनी मदद करनी चाहिए। अपना कृष्णा खुद बनना चाहिए।
दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे की थीम
दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे फिल्म की सिमरन को भी साड़ी की थीम में शामिल किया गया है। पूजा ने बताया कि इसके माध्यम से हमने यह दिखाने की कोशिश की गई है कि महिला को किसी के पीछे नहीं भागना चाहिए, वह खुद अकेले आत्मनिर्भर बनकर भी अपनी जिंदगी गुजार सकती है।

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