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    आईआईटी दिल्ली के छात्रों को बेचा जा रहा था नशा, 80 लाख की चरस के साथ दो ड्रग्स तस्कर गिरफ्तार

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 03:22 PM (IST)

    दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दो चरस तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 80 लाख रुपये की चरस बरामद हुई है। आरोपी, जिनकी पहचान सागर सेजवाल और मनोज संसनव ...और पढ़ें

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    80 लाख रुपये की दो किलो चरस के साथ दो तस्कर गिरफ्तार।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कार में ले जा रहे दो किलोग्राम से अधिक की चरस के साथ क्राइम ब्रांच की टीम ने दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। बरामद चरस की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 80 लाख रुपये बताई गई है।

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    वहीं, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सागर सेजवाल और मनोज संसनवाल के रूप में हुई है। इनके कब्जे से आपूर्ति में इस्तेमाल की जाने वाली कार भी पुलिस ने जब्त कर ली है।

    आरोपी आगामी त्योहारों और विभिन्न आयोजनों के कारण दिल्ली में चरस की बढ़ती मांग को देखते हुए आपूर्ति कर रहे थे। पुलिस इनसे पूछताछ कर ड्रग्स के स्रोत और उसके प्राप्तकर्ताओं का पता लगाने के लिए पूछताछ कर रही है।

    उपायुक्त संजीव कुमार यादव के मुताबिक, आठ अक्टूबर को गुप्त सूचना मिली थी कि एक अंतरराज्यीय ड्रग कार्टेल के दो सदस्य चरस की आपूर्ति के लिए दिल्ली आने वाले हैं।

    सूचना पर एसीपी संजय कुमार नागपाल की देखरेख में और इंस्पेक्टर मंगेश त्यागी और इंस्पेक्टर राबिन त्यागी के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम ने सिंघु बार्डर में जाल बिछाते हुए सागर सेजवाल और मनोज संसनवाल नामक आरोपितों को दबोच लिया। उनके कब्जे से कुल 2.070 किलोग्राम चरस जब्त की गई।

    पूछताछ आरोपियों ने बताया कि आगामी त्योहारों और विभिन्न आयोजनों के कारण दिल्ली में चरस की मांग बढ़ी है। उन्हें स्थानीय उपभोग और अंतरराज्यीय ड्रग सप्लायरों को चरस की आपूर्ति करनी थी।

    आईआईटी दिल्ली के छात्रों को करते थे आपूर्ति

    आरोपी सागर को पहले 2017 में हिमाचल प्रदेश में चरस दिल्ली ले जाते समय गिरफ्तार किया गया था और लगभग 23 महीने तक न्यायिक हिरासत में रहा।

    2019 में रिहा होने के बाद, उसने फिर से दिल्ली में चरस की आपूर्ति शुरू कर दी। वहीं मनोज 2020 में सागर के संपर्क में आया और शुरू में उससे प्राप्त चरस का सेवन करने लगा।

    धीरे-धीरे, वह चरस की बिक्री में शामिल हो गया, मुख्य रूप से कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया और आईआईटी दिल्ली के छात्रों को इसकी आपूर्ति करता था। इसके बाद, वह सागर के साथ हिमाचल प्रदेश जाने लगा और चरस को दिल्ली लाने में उसकी सहायता करने लगा।

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