Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तिहाड़ जेल में कैदियों संग गायों का बसेरा, गौ-सेवा से सुधरेंगे कैदी

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 01:50 AM (IST)

    दिल्ली की तिहाड़ जेल में अब कैदियों के साथ गायों को भी आश्रय मिलेगा। उपराज्यपाल ने जेल नंबर 7 में गौशाला का उद्घाटन किया, जहाँ 10 साहीवाल गायें हैं। जेल प्रशासन का मानना है कि इससे कैदियों में नैतिकता और करुणा का भाव जागेगा। इसके साथ ही, जेल में तीन डिजिटल पहलों का भी उद्घाटन किया गया है, जिसमें इन्वेंट्री प्रबंधन प्रणाली और एनजीओ पोर्टल शामिल हैं।

    Hero Image

    दिल्ली की तिहाड़ जेल में अब कैदियों के साथ गायों को भी आश्रय मिलेगा।

    जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ में अब कैदियों के साथ गायों को भी आश्रय मिलेगा। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राज्य के गृह मंत्री आशीष सूद और जेल महानिदेशक एसबीके सिंह की मौजूदगी में जेल नंबर 7 में गौशाला का उद्घाटन किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नई गौशाला में फिलहाल 10 साहीवाल गायें हैं। हालाँकि नई गौशाला आकार और क्षमता में छोटी है, लेकिन 250 एकड़ के तिहाड़ परिसर में बड़ी गौशालाएँ खोलने की संभावना तलाशने का काम जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। सरकार को उम्मीद है कि इससे सड़कों पर आवारा गायों को आश्रय देने वाली गौशालाओं की कमी दूर होगी।

    गौवंश की सेवा से कैदियों में नैतिकता और करुणा का भाव जागृत 

    जेल प्रशासन का मानना है कि गौशाला न केवल गायों को आश्रय प्रदान करेगी, बल्कि उनके संरक्षण को भी बढ़ावा देगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गौवंश की सेवा से कैदियों के मन से नकारात्मकता दूर होगी और करुणा का भाव जागृत होगा।

    उपराज्यपाल ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब आप गाय जैसे पालतू जानवर की सेवा करते हैं, तो इस सेवा के दौरान जो करुणा जागृत होती है, वह आपके भीतर नैतिकता भी जगाती है और तनाव को दूर करती है। उपराज्यपाल ने गौशाला के आर्थिक लाभों के बारे में भी बताया। आशीष सूद ने कहा कि जिन कैदियों से मिलने वाला कोई नहीं है, उनके लिए गाय का स्पर्श और सेवा मानसिक शांति प्रदान करती है। यह एक वैज्ञानिक रूप से सिद्ध चिकित्सा पद्धति है।

    तीन अन्य सुविधाओं का उद्घाटन

    जेल मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में तीन डिजिटल पहलों का उद्घाटन किया गया। इसमें एक इन्वेंट्री प्रबंधन प्रणाली शामिल है। इस सुविधा से सभी को दवाइयाँ, राशन और कपड़े रीयल-टाइम उपलब्ध होंगे। स्टॉक खत्म होने से पहले सभी को समय पर अलर्ट प्राप्त होंगे। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि यदि एक जेल में किसी वस्तु का अतिरिक्त स्टॉक है और दूसरी जेल में खत्म हो रहा है, तो वे दूसरी जेल के स्टॉक का उपयोग कर सकेंगे।

    इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। उद्घाटन की गई दूसरी पहल को एनजीओ पोर्टल कहा जाता है। देश भर के एनजीओ इस पोर्टल पर मुफ्त पंजीकरण कर सकेंगे और कैदियों के पुनर्वास के लिए अपनी गतिविधियों को अपलोड कर सकेंगे। इससे जेलों और एनजीओ के बीच सहयोग बढ़ेगा। एक अन्य पहल के तहत टीजे उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री भी शुरू की गई है।