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    तिहाड़ को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की बड़ी घोषणा, दिल्ली शहर से बाहर की जाएगी जेल; हो चुकी है शुरुआत

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 07:25 PM (IST)

    दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की है कि तिहाड़ जेल को दिल्ली से बाहर स्थानांतरित किया जाएगा। शहर के भीतर जेल की उपस्थिति के कारण होने वाली ...और पढ़ें

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    rekha gupta (9)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार राजधानी की न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने और न्याय तक आम लोगों की पहुंच आसान बनाने के लिए कई स्तरों पर काम कर रही है। इसमें तिहाड़ जेल को दिल्ली के शहरी क्षेत्र से बाहर स्थानांतरित करने की योजना भी शामिल है।

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    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोसायटी ऑफ इंडियन लाॅ फर्म्स (SILF) की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित मेडिएशन सेंटर के शुभारंभ पर आयोजित कार्यक्रम में ये बात कही। कार्यक्रम में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि समेत कई वरिष्ठ लोग मौजूद रहे।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायिक ढांचे की मजबूती दिल्ली सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसी सोच के तहत केंद्र सरकार ने बीते वर्षों में सैकड़ों अप्रचलित कानूनों को समाप्त किया और करीब 1500 कानून हटाए गए।

    उन्होंने बताया कि अतिरिक्त कोर्ट ब्लाॅक और नए कोर्ट रूम के निर्माण, फास्ट-ट्रैक अदालतों को मजबूत करने और तिहाड़ जेल को शहर से बाहर स्थानांतरित करने की दिशा में काम किया जा रहा है।

    उन्होंने कार्यक्रम में भाजपा के दिवंगत नेता व वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण जेटली के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि अरुण जेटली के मार्गदर्शन में एसआईएलएफ की स्थापना हुई थी और यह संस्था कानून के पेशे को एक मजबूत मंच उपलब्ध कराती रही है।

    इस अवसर पर एसआईएलएफ के अध्यक्ष डाॅ. ललित भसीन ने बताया कि दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर एसआईएलएफ की नई इमारत तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि इसमें ऑनलाइन मध्यस्थता के लिए अलग से दो मंजिलों का प्रावधान किया गया है, जिससे मध्यस्थता की लागत कम होगी।

    इसके अलावा विवाद समाधान के लिए एक प्रो-बोनो पहल भी शुरू की गई है, जिसके तहत निश्शुल्क परामर्श दिया जाएगा ताकि लोग लंबे मुकदमों के बजाय समझौते के रास्ते को समझ सकें।

    एसआईएलएफ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज सिंह ने कहा कि यदि कानूनी व्यवस्था तक पहुंच सीमित है, तो यह सोचना जरूरी हो जाता है कि न्याय वास्तव में अधिकार है या केवल विशेषाधिकार। उन्होंने कहा कि तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सरल कानूनों के जरिए न्याय को सुलभ और समयबद्ध बनाना जरूरी है।

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