गुमनाम है हेल्पलाइन 1031 का दफ्तर
दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) का हेल्पलाइन नंबर-1031 कहां से संचालित हो रहा है, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। जतिन कुमार ने सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत जानकारी मांगी थी कि हेल्पलाइन नंबर किस दफ्तर से संचालित किया जा रहा है। कितने कर्मचारी हैं और
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) का हेल्पलाइन नंबर-1031 कहां से संचालित हो रहा है, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। जतिन कुमार ने सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत जानकारी मांगी थी कि हेल्पलाइन नंबर किस दफ्तर से संचालित किया जा रहा है। कितने कर्मचारी हैं और इस पर कितना खर्च आ रहा है।
आरटीआइ के जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय, एसीबी कार्यालय व सतर्कता विभाग ने कहौ कि उन्हें जानकारी नहीं है कि हेल्पलाइन का दफ्तर कहां है। हेल्पलाइन नंबर-1031 पर फोन कर दफ्तर का पता पूछने पर जानकारी नहीं दी जाती है। भाजपा का आरोप है कि सत्ताधारी दल से जुड़े गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) को हेल्पलाइन चलाने की जिम्मेदारी दी गई है।
एनजीओ के मालिक ने उसे दो-तीन कॉल सेंटर को सौंप दिया है। जिनमें कुछ कॉल सेंटर दिल्ली व कुछ गुड़गांव में है। इसलिए कार्यालय का पता अत्यंत गोपनीय रखा गया है। 1 भाजपा नेताओं के मुताबिक कानून कहता है कि हेल्पलाइन कार्यालय में सरकारी कर्मचारियों को बैठाया जाना चाहिए, क्योंकि वहां पर कानूनी मसले आते हैं। जिसे सरकारी कर्मचारी ही समझ सकते हैं और उसका समाधान कर सकते हैं।
सरकार ने गैर कानूनी तरीके से इसे निजी लोगों के हाथों में सौंप दिया है।1उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत करने के लिए दिल्ली पुलिस ने भी कुछ साल पूर्व बाराखंभा थाना परिसर में सतर्कता थाना खोला है। जिसकी देखरेख विशेष आयुक्त स्तर के अधिकारी कर रहे हैं।
सतर्कता थाने में लोग दस्तावेज उपलब्ध करा मौखिक शिकायत करते हैं। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में तैनात अधिकारियों का कहना है कि शुरू में सरकार ने उक्त हेल्पलाइन की देखरेख की जिम्मेदारी छह अधिकारियों को सौंपी थी। लेकिन कुछ महीने बाद ही पांच को हटा दिया गया।
इस मामले में एसीबी प्रमुख एमके मीणा ने बताया कि वर्तमान में केवल एक अधिकारी इसकी देखरेख कर रहा है।एसीबी की हेल्पलाइन -1031 कहां से संचालित हो रहा है इस बात की जानकारी मुङो भी नहीं है। भ्रष्टाचार की शिकायत करने के लिए ही इसे खोला गया है। इसे गोपनीय क्यों रखा जा रहा है। यह बात समझ में नहीं आ रही है।
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