Tesla ने भारत में कदम रखते ही एक भारतीय कंपनी पर किया केस, दिल्ली HC का Elon Musk के पक्ष में फैसला
दिल्ली हाई कोर्ट ने टेस्ला इंक की याचिका पर भारतीय कंपनी टेस्ला पावर इंडिया को टेस्ला पावर ट्रेडमार्क इस्तेमाल करने से रोका। कोर्ट ने कहा कि कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण या किसी भी रूप में टेस्ला नाम का उपयोग नहीं करेगी। भारतीय कंपनी ने कहा कि उनका ईवी बनाने का कोई इरादा नहीं है और वे टेस्ला के नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे। टेस्ला इंक ने भ्रम की संभावना जताई थी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अमेरिका स्थित टेस्ला इंक की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए भारतीय कंपनी टेस्ला पावर इंडिया को निर्देश दिया है कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण सहित किसी भी रूप में टेस्ला पावर या टेस्ला पावर यूएसए ट्रेडमार्क का उपयोग न करे।
कोर्ट ने उक्त आदेश टेस्ला की याचिका पर दिया। न्यायमूर्ति तेजस कारिया की पीठ ने कहा कि किसी भी तरह से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उपयोग करने, सेवाएं प्रदान करने, विज्ञापन देने या कारोबार करने पर भी रोक लागू होगा।
अदालत ने प्रतिवादी भारतीय कंपनी का बयान रिकार्ड पर लिया। जिसमें कहा गया कि कंपनी का इलेक्ट्रिक गाड़ियां (ईवी) बनाने का कोई इरादा नहीं है और वे मुकदमे के आखिरी निपटारे तक टेस्ला पावर, टेस्ला पावर यूएसए’ या किसी दूसरे ब्रांड के ट्रेडमार्क के तहत दूसरी कंपनियों की ईवी की मार्केटिंग नहीं करेंगे या टेस्ला शब्द का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
पीठ ने उक्त आदेश टेस्ला इंक की याचिका पर दिया। इसमें टेस्ला इंक ने टेस्ला पावर इंडिया को टेस्ला पावर, टेस्ला पावर यूएसए ट्रेडमार्क के साथ वाले लोगो और संबंधित डोमेन नेम का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग की थी। टेस्ला इंक ने कहा कि भारतीय कंपनी के मार्क में ‘टेस्ला’ शब्द का उपयोग से उपभोक्ताओं में भ्रम की संभावना है।

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