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    दीवाली से पहले दिल्लीवालों के लिए आएगी गुड न्यूज? पटाखों पर बैन को लेकर SC ने कर दी अहम टिप्पणी

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 05:13 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली से पहले कहा कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध व्यावहारिक नहीं है। कोर्ट इस मुद्दे पर संतुलित समाधान ढूंढ रहा है, जो लोगों की भावनाओं और पर्यावरण की सुरक्षा दोनों का ध्यान रखे। कोर्ट का कहना है कि नियम व्यावहारिक होने चाहिए। अब कोर्ट आगे की सुनवाई के बाद फैसला लेगा, जिसका लक्ष्य दीवाली को शांति और पर्यावरण सुरक्षा के साथ मनाना है।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दीपावली से कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि एनसीआर में पटाखे चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध न तो व्यावहारिक है और न ही आदर्श। प्रतिबंध में ढील देने का संकेत देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसे प्रतिबंधों का अक्सर उल्लंघन होता है, लिहाजा इसमें न्यायसंगत संतुलन की आवश्यकता है।

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    पूर्ण प्रतिबंध हटाने की मांग

    प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने इसके साथ ही एनसीआर में हरित पटाखों के निर्माण और बिक्री की अनुमति मांगने वाली कई याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। केंद्र और एनसीआर के राज्यों की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पूर्ण प्रतिबंध हटाने की मांग करते हुए जोरदार दलीलें दीं। कहा कि बच्चों को दीपावली और अन्य त्योहारों पर बिना किसी समय सीमा के पटाखे चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए।

    लॉकडाउन में ही सही रहा एक्यूआई

    एनसीआर में वर्ष 2018 से लागू पूर्ण प्रतिबंध पर सवाल उठाते हुए पीठ ने अधिकारियों और अन्य के वकीलों से पूछा कि क्या इस प्रतिबंध से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में कोई ठोस बदलाव या कमी आई है। मेहता ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि प्रदूषण का स्तर लगभग एक जैसा रहा है, सिवाय कोविड-19 लाकडाउन अवधि के, जब औद्योगिक गतिविधियां और वाहन बंद थे।

    अदालत तलाश रही संतुलित समाधान

    प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद पटाखों का इस्तेमाल जारी है। बहुत कठोर आदेश समस्याएं पैदा करते हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि अदालत एक संतुलित समाधान तलाश रही है जो पर्यावरण और आजीविका, दोनों के हितों की रक्षा करे। आदेश सुरक्षित रखने से पहले पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार और एनसीआर के राज्यों, पटाखा निर्माताओं, पर्यावरणविदों और न्यायमित्र सहित सभी की विस्तृत दलीलें सुनीं।

    पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों का पालन

    सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से एक ‘संतुलित दृष्टिकोण’ अपनाने का आग्रह किया जो श्रमिकों के आजीविका के अधिकार और नागरिकों के त्योहार मनाने के अधिकार, दोनों की रक्षा करे, साथ ही पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों का पालन सुनिश्चित करे। मेहता ने प्रस्ताव दिया कि राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) द्वारा अनुमोदित केवल हरित पटाखों के निर्माण और बिक्री की अनुमति कड़ी निगरानी में दी जाए।

    उन्होंने सुझाव दिया, ‘बिक्री केवल लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों के माध्यम से ही होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वे केवल अनुमत पटाखे ही बेच रहे हैं। किसी भी ई-कामर्स प्लेटफार्म को पटाखों की आनलाइन बिक्री की अनुमति नहीं होनी चाहिए।’

    तुरंत सील करें फैक्ट्रीज

    उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (पेसो) व नीरी अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर निर्माण इकाइयों का निरीक्षण करेंगे और मानदंडों का उल्लंघन करने वाली इकाई को तुरंत सील कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि एनसीआर में दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के कुल 16 जिले आते हैं।

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    (एजेंसी इनपुट के साथ)