'उसे बनना था SRK पर टीचर ने मारा ओवरएक्टिंग का ताना...', छात्र के सुसाइड पर सेंट कोलंबस स्कूल के खिलाफ प्रदर्शन
दिल्ली के सेंट कोलबंस स्कूल के एक छात्र की आत्महत्या के बाद, अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि कुछ शिक्षकों द्वारा मानसिक उत्पीड़न के कारण छात्र ने यह कदम उठाया। परिजनों का कहना है कि छात्र ने स्कूल के काउंसलर्स से आत्महत्या की बात कही थी, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। छात्र ने सुसाइड नोट में शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के सेंट कोलबंस स्कूल के 10वीं के छात्र के आत्महत्या करने के बाद परिजन जहां गहरे सदमे में हैं, वहीं अन्य छात्रों के परिजनों में भी आक्रोश है। छात्र के माता-पिता, रिश्तेदारों और दोस्तों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
उनका आरोप है कि कुछ शिक्षकों की ओर से लगातार मानसिक उत्पीड़न और अपमान झेलने के बाद छात्र ने आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाया, लेकिन स्कूल ने समय रहते न तो जिम्मेदारी निभाई न ही परिवार को चेताया।
'महीनों से अंदर ही अंदर टूटता जा रहा था बच्चा, किसी ने नहीं सुना'
मृतक छात्र की मौसी ने रोते हुए बताया कि बच्चा लंबे समय से तनाव में था, लेकिन वे परीक्षा और बोर्ड दबाव के कारण चुप रहे। वह बार-बार बताता था कि उसे परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमें तो आज उसके दोस्तों से पता चला कि उसने स्कूल के काउंसलर्स और शिक्षकों से भी कहा था कि वह आत्महत्या कर लेगा, पर किसी ने हमें एक बार भी सूचना नहीं दी।
उसे बनना था शाहरूख और शिक्षिका ने बता दिया ओवरएक्टिंग
छात्र की बहन ने दावा किया कि वह बेहद प्रतिभाशाली था। डांस और थिएटर में अव्वल और हाल ही में एक प्रतियोगिता जीती थी, लेकिन स्कूल ने उसे प्रमाणपत्र तक नहीं दिया।
छात्र के दोस्तों का कहना है कि यह उत्पीड़न कोई नया नहीं था। एक दोस्त ने बताया कि वह कहता था कि वह सेंट कोलंबस का अगला शाहरुख खान बनेगा।
एक दिन वो ड्रामा क्लब में वह फिसल गया, तो एक शिक्षक ने सबके सामने उसका मजाक उड़ाया और बोल दिया कि वह ओवरएक्टिंग कर रहा है। वो अंदर ही अंदर बहुत टूट गया था।
मैंने रोकने की कोशिश की, लेकिन वह गुस्से में भाग गया
एक अन्य छात्र ने बताया कि घटना वाले दिन उसने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह गुस्से में वहां से भाग गया। उसने कहा कि कक्षा में डांटना अलग बात है, लेकिन किसी को बार-बार सबके सामने अपमानित करना, छोटी-छोटी बात पर निशाना बनाना, यह उत्पीड़न है।
स्कूल में यह सिर्फ उसके साथ नहीं, कई बच्चों के साथ हो रहा है। प्रदर्शन में शामिल एक अभिभावक ने बताया कि जब बच्चा स्कूल से बाहर भागा, वो स्कूल के बाहर ऑटो में थीं। उसकी आंखें बिल्कुल लाल थीं। उसने मुझसे कहा कि अपने बच्चे को इस स्कूल में मत पढ़ाइए। तब हमें अंदाजा नहीं था कि वह ऐसी अवस्था में था।
पैरेंट्स की मांग, दोषी शिक्षकों पर हो कार्रवाई
मामले की गंभीरता के बावजूद सेंट कोलंबस स्कूल की ओर से अब तक किसी प्रकार का बयान जारी नहीं किया गया है। विरोध कर रहे अभिभावकों और बच्चों ने मांग की कि दोषी शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई हो, स्कूल पर जवाबदेही तय हो और ऐसे मामलों को दोबारा रोकने के लिए सिस्टम में सुधार किया जाए।
छात्र ने राजेंद्र प्लेस मेट्रो स्टेशन से कूदकर जान दे दी। उसे तुरंत बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित किया गया। छात्र ने एक सोसाइड नोट भी लिखा है कि जिसमें कुछ शिक्षकों के नाम लिखकर उन्हें अपनी मानसिक स्थिति के लिए जिम्मेदार बताया और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उसने अपनी मौत के बाद अंग दान करने की भी इच्छा जताई थी।

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