2036 ओलिंपिक दावेदारी से पहले खेल मंत्रालय डोपिंग पर सख्त, खेल मंत्रालय ने छवि सुधारने की तैयार की योजना
खेल मंत्रालय 2036 ओलिंपिक की दावेदारी से पहले डोपिंग के मामलों पर सख्त हो गया है। मंत्रालय ने खेलों में डोपिंग की समस्या से निपटने और देश की छवि को सु ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भारतीय खिलाड़ियों की डोपिंग को लेकर लगातार खराब होती छवि को सुधारने के लिए खेल मंत्रालय ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हाल में जारी 2024 के अंतरराष्ट्रीय डोपिंग परीक्षण आंकड़े इस बात के संकेत हैं कि जागरूकता अभियानों और निगरानी के चलते स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। यह सुधार ऐसे समय में अहम माना जा रहा है, जब भारत 2036 ओलिंपिक खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करने की तैयारी में है।
भारत की छवि को नुकसान पहुंचने की आशंका
विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2024 में कुल 7,113 डोपिंग परीक्षण किए, जिनमें 6,576 मूत्र और 537 रक्त नमूने शामिल थे। इनमें से 260 नमूनों में प्रतिकूल विश्लेषणात्मक परिणाम सामने आए।
इससे देश की पाॅजिटिविटी दर 3.6 प्रतिशत रही। 5,000 या उससे अधिक परीक्षण करने वाले देशों में यह सबसे अधिक है और भारत लगातार तीसरे साल इस सूची में शीर्ष पर रहा है। इससे अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आइओसी) के सामने भारत की छवि को नुकसान पहुंचने की आशंका भी जताई जा रही है।
मौजूदा पाॅजिटिविटी दर एक प्रतिशत से थोड़ी अधिक
हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि 2023 के मुकाबले स्थिति में मामूली सुधार हुआ है। पिछले वर्ष पाॅजिटिविटी दर 3.8 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 3.6 प्रतिशत रह गई है, जबकि परीक्षणों की संख्या बढ़ी है। अधिकारी के मुताबिक 2025 में अब तक 7,000 से अधिक परीक्षण हो चुके हैं और मौजूदा पाॅजिटिविटी दर एक प्रतिशत से थोड़ी अधिक है, जिसे सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
जागरूकता कार्यक्रमों पर जोर दिया जा रहा
मंत्रालय ने यह भी स्वीकार किया कि डोपिंग के पीछे खिलाड़ियों और कोचों पर सरकारी नौकरी की होड़ का दबाव एक बड़ा कारण है। कई मामले अनजाने में प्रतिबंधित दवाओं के सेवन से भी जुड़े होते हैं।
इस समस्या से निपटने के लिए ‘नो योर मेडिसिन’ जैसे मोबाइल ऐप और जागरूकता कार्यक्रमों पर जोर दिया जा रहा है। तुलना करें तो चीन ने 24,214 परीक्षणों के साथ केवल 0.2 प्रतिशत, अमेरिका ने 6,592 परीक्षणों में 1.1 प्रतिशत और रूस ने 10,514 परीक्षणों में 0.7 प्रतिशत पॉजिटिविटी दर दर्ज की।
भारतीय खेल जगत में दूसरा बड़ा मुद्दा घरेलू फुटबाॅल सत्र का ठहराव है। राष्ट्रीय महासंघ द्वारा व्यावसायिक साझेदार न मिल पाने के कारण इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) और आई-लीग पर संकट खड़ा हो गया था। मंत्रालय के अनुसार, आईएसएल क्लबों ने अब अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) और मंत्रालय को नया प्रस्ताव सौंपा है।
जनवरी में पुरस्कारों की घोषणा होने की संभावना
इसमें क्लब-स्वामित्व वाले माॅडल के तहत स्थायी व्यावसायिक अधिकारों की मांग की गई है, जबकि एआईएफएफ को नियामक की भूमिका में बनाए रखने का सुझाव है। मंत्रालय ने भरोसा दिलाया है कि तमाम अड़चनों के बावजूद लीग जरूर होगी। खेल मंत्रालय ने यह भी संकेत दिया है कि लंबे समय से लंबित राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की घोषणा जल्द की जाएगी। जांच और चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और जनवरी में पुरस्कारों की घोषणा होने की संभावना है।
जनवरी से लागू होगा नया स्पोर्ट्स बिल
खेल मंत्रालय के सूत्र ने बताया कि केंद्र सरकार जनवरी से नया स्पोर्ट्स बिल लागू करने जा रही है। उन्होंने कहा कि इस कानून का उद्देश्य देश में खेल प्रशासन को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और खिलाड़ियों के हित में बनाना है। नए स्पोर्ट्स बिल से खेल संघों की कार्यप्रणाली में सुधार होगा और खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

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