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    Delhi News: साउथ रेंज पुलिस ने बनाया रिकॉर्ड, ऑपरेशन विश्वास के तहत बरामद किए 1000 मोबाइल

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 03:34 AM (IST)

    दक्षिण रेंज पुलिस ने 'ऑपरेशन विश्वास' के तहत साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। गुरुग्राम की टीम ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, और IFSO के संयुक्त ...और पढ़ें

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    अमर कॉलोनी स्थित आर्य सभागार में साइबर जागरूकता कार्यक्रम के दौरान युवती को उसका खोया मोबाइल देते विशेष पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था जो-दो मधुप तिवारी। जागरण

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। ''अरे दीवानों.., मुझे पहचानो..., कहां से आया... मैं हूं कौन, मैं हूं कौन''। डॉन फिल्म का यह गाना गुरुग्राम से आई एजुकेशन थ्रू थियेटर के कलाकारों की टीम ने मंच से उस वक्त गुनगुनाया, जब वे ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित आर्य सभागार में नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दे रहे थे।

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    यह नाटक दक्षिणी रेंज पुलिस के ऑपरेशन विश्वास के तहत आयोजित साइबर जागरूकता कार्यक्रम का एक हिस्सा था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दक्षिणी रेंज जोन-दो के विशेष पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था मुधप तिवारी थे, जबकि विशिष्ट अतिथि दक्षिणी रेंज के संयुक्त पुलिस आयुक्त एसके जैन थे।

    इस मौके पर इफसो के संयुक्त पुलिस आयुक्त रजनीश गुप्ता ने साइबर सुरक्षा पर जागरूक करता हुआ व्याख्यान दिया। इसके तहत उन्होंने सभागार में मौजूद पुलिस अधिकारी, पुलिस कर्मियों एवं जनता को साइबर ठगों से बचने व सावधान रहने के टिप्स दिए। इसी कार्यक्रम में पुलिस ने 100 से अधिक लोगों को उनके खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन भी लौटाए।

    कार्यक्रम का मुख्य केंद्र इफसो के संयुक्त पुलिस आयुक्त रजनीश गुप्ता का जागरूकता व्याख्यान ही था। उन्होंने बताया कि साइबर ठग बहुत बड़ी संख्या में है और संगठित होकर अपराध कर रहे हैं। उन्होंने ठगी का बड़ा ताना बाना बुन रखा है।यही वजह है कि साइबर अपराध पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।

    विदेश में बैठा साइबर अपराधी भारत समेत दुनिया भर में अपराध कर रहा है। समझा जा सकता है कि भारत में संबंधित क्षेत्र की पुलिस को विदेश में बैठे ठग को पकड़ने के लिए कितना परिश्रम करना पड़ता है। जरूरी है कि यदि जनता जागरूक हो और ठगों के पैंतरे को पहचान लें तो निश्चित तौर पर साइबर अपराध व अपराधियों को मात दी जा सकती है।

    संयुक्त पुलिस आयुक्त ने सभागार में उपस्थित समूह को समझाया कहा कि मोबाइल हेक, व्हाट्स एप हेक के बाद तुरंत क्या करना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने साइबर सुरक्षा नंबर 1930 की उपयोगिता का वर्णन किया।

    कार्यक्रम में बताया गया कि साल भर में दक्षिणी रेंज पुलिस ने 1000 से ज्यादा मोबाइल बरामद करके उनके असली मालिकों को दिए हैं। मोबाइल रिकवरी और साइबर अपराध को सुलझाने में तेजी से कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को भी सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में दक्षिणी पूर्वी जिले के डीसीपी डा. हेमंत तिवारी, अतिरक्त पुलिस उपायुक्त एश्वर्या शर्मा, सहायक पुलिस उपायुक्त सुमित झा के अलावा कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे।