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    सीबीआई की एनओसी के बिना नहीं होगा सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट का ध्वस्तीकरण, जांच बनी देरी की वजह

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 01:37 AM (IST)

    दिल्ली में सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट का ध्वस्तीकरण सीबीआई की एनओसी के बिना नहीं होगा। जांच में हो रही देरी के कारण ध्वस्तीकरण प्रक्रिया रुकी हुई है। सी ...और पढ़ें

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    फाइल फोटो

    धर्मेंद्र यादव, बाहरी दिल्ली। सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट की ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू होने में अभी कुछ समय और लग सकता है। अपार्टमेंट के निर्माण में भ्रष्टाचार से संबंधित केस की जांच कर रही सीबीआई ने अदालत से अनुरोध किया है कि इमारत के ढांचे में क्लोराइड का स्त्रोत जानने के लिए कुछ जांच आवश्यक है, इसलिए ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले डीडीए हमसे एनओसी ले। यानि, ध्वस्तीकरण से पहले डीडीए को सीबीआई से एनओसी लेनी होगी।

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    आगामी 12 जनवरी को सीबीआई कोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट देगी, तभी साफ हो पाएगा कि ध्वतीकरण की प्रक्रिया कब शुरू हो पाएगी। इस बीच, सीबीआई टीम ने डीडीए अधिकारियों के साथ सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट का दौरा किया है।

    गत 13 अक्टूबर से खाली हो चुके सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट परिसर काे इस समय पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। 336 फ्लैट के ध्वस्तीकरण का टेंडर पाने वाली कंपनी ने अब इसे अपने कब्जे में ले लिया है। लेकिन, तोड़ने का कार्य अभी शुरू नहीं हो पाया है।

    ध्वस्तीकरण की तैयारियों के बीच पिछले दिनों सीबीआई कोर्ट में भ्रष्टाचार से संबंधित मामले को लेकर दिए अपने जवाब में सीबीआई ने कहा कि अपार्टमेंट निर्माण से संबंधित कागजात व सैंपल जुटा लिए गए हैं। सीमेंट में क्लोराइड का स्त्रोत जानने के लिए कुछ सैंपलिंग की जरूरत है।

    भ्रष्टाचार के केस के संबंध में सीबीआई परिसर से कुछ जरूरी सुबृूत, प्रमाण, सैंपल लेना चाहती है। इसलिए, उनकी एनओसी के बिना डीडीए इमारत के ध्वस्तीकरण का कार्य आरंभ न करे। सीबीआई के जवाब कोर्ट ने 12 जनवरी को ताजा स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है।

    डीडीए के 27 अधिकारियों व बिल्डर पर केस

    सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर भ्रष्टाचार करने के आरोप में सीबीआई ने इसी साल सितंबर महीने में डीडीए के 27 अधिकारी व पांच बिल्डर-ठेकेदारों के खिलाफ केस दर्ज किया था। सीबीआई को दी शिकायत में कहा गया है कि निम्न गुणवत्ता सामग्री के कारण फ्लैट बनने के एक दशक से भी कम समय में असुरक्षित घोषित करने पड़े, इससे को लगभग 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

    आरोपित ने कंपनियों के निदेशकों के साथ मिलकर साजिश रची और मापदंडों को नजरअंदाज कर क्वालिटी और स्ट्रक्चरल सेफ्टी की जरूरतों से समझौता किया। जनवरी 2023 में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ठेकेदारों/बिल्डरों/निर्माण एजेंसियों के खिलाफ तत्काल आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया था। साथ ही डीडीए के जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान करने के लिए जांच और दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने को भी कहा। बाद में इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया था।

    "जो काम होना है, जल्दी हो। सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के निवासी और आरडब्ल्यूए देरी के खिलाफ है। अपार्टमेंट के निवासी चाहते हैं कि सीबीआई जल्द से जल्द अपना काम पूरा करे और ध्वस्तीकरण के लिए एनओसी दे, ताकि अपार्टमेंट का जल्द पुनर्निर्माण शुरू हो सके। लोग जल्द से जल्द सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट में लौटना चाहते हैं।"

    -गौरव पांडे, महासचिव, सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट, मुखर्जी नगर

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