नजफगढ़ नाले में तब्दील साहिबी नदी को फिर से नदी बनाने की योजना शुरू, 15 डीएसटीपी से होगा उद्धार
दिल्ली में नजफगढ़ नाले में बदल चुकी साहिबी नदी को फिर से नदी बनाने की योजना शुरू हो गई है। इस परियोजना के तहत, नदी को 15 विकेन्द्रीकृत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (डीएसटीपी) से मुक्त किया जाएगा। यह कदम साहिबी नदी को उसके पुराने स्वरूप में वापस लाने का एक प्रयास है, जिससे दिल्ली के पर्यावरण को लाभ होगा।

संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। सरकारी लापरवाही के कारण साहिबी नदी नजफगढ़ ड्रेन में बदल गया। गुरुग्राम से लेकर दिल्ली तक इसमें 122 छोटे-बड़े नाले गिरते हैं। इस ड्रेन से यमुना में सबसे अधिक प्रदूषण होता है। इसका आकार बड़ा होने के कारण इसके पानी को एसटीपी में ले जाकर शोधित करना संभव नहीं है।
डेढ़ वर्ष की समयसीमा
इस कारण इसमें गिरने वाले छोटे नालों के पानी को शोधित करने के लिए विकेंद्रीकृत सीवरेज उपचार संयंत्र (डीएसटीपी) बनाने की योजना तैयार की गई है। अप्रैल में इस दिल्ली की भाजपा सरकार की पहली व्यय वित्त समिति की बैठक में 27 डीएसटीपी बनाने को मंजूरी दी गई थी। इसमें से 15 डीएसटीपी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। डेढ़ वर्षों के अंदर इनका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
इन क्षेत्रों का होगा उद्धार
ताजपुर, सुंगरपुर, पंजाब खोड़, जाट खोड़, औचंदी, कुतुबगढ़, टिकरी कलां, बाजीतपुर, खेड़ा खुर्द,निजामपुर, गढ़ी रंधाला, घेवरा, जौंती, कंझावला, मोहम्मदपुर में डीएसटीपी बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस क्षेत्र में पड़ने वाले गांवों में सीवर लाइन बिछाकर इसे डीएसटीपी से जोड़ा जाएगा।
37 गांवों और 59 काॅलोनियों पर प्रभाव
इससे नरेला, बवाना और मुंडका विधानसभा क्षेत्र के 37 गांवों और 59 काॅलोनियों में रहने वाले लगभग 12 लाख लोगों को लाभ होगा। सीवर लाइन की समस्या हल होने से सफाई व्यवस्था सुधरेगी। नालों का पानी डीएसटीपी में शोधित होने के बाद नजफगढ़ नाला में गिरेगा।
इससे यमुना में प्रदूषण दूर करने में मदद मिलेगी। 15 डीएसटीपी से बनने से 39एमजीडी पानी शोधित हो सकेगा। डीएसटीपी बनाने और सीवर लाइन बिछाने पर 1964.90करोड़ रुपये खर्च होंगे।
पिछली सरकार पर फोड़ा ठीकरा
दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा का कहना है कि पूर्व की सरकारों की नाकामी के कारण साहिबी नदी आहिस्ता-आहिस्ता नजफगढ़ नाले में बदल गई। फिर से इसे साहिबी नदी बनाने के लिए काम किया जा रहा है। पिछली सरकार ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया था।
यमुना और साहिबी दोनों नदियों की सफाई
यमुना की सफाई रेखा गुप्ता सरकार की प्राथमिकता है, क्योंकि नजफगढ़ नाले से यमुना में 70 प्रतिशत तक प्रदूषण होता है। कई गांवों और कॉलोनियों में सीवर लाइन नहीं होने के यहां की गंदगी नजफगढ़ नाले में गिर रहा है। सीवर लाइन बिछाकर इस समस्या का समाधान किया जाएगा। सरकार यमुना और साहिबी दोनों नदियों को साफ करेगी।
डीएसटीपी | इससे जुड़े गांवों में सीवर लाइन (किमी में) | डीएसटीपी क्षमता (एमजीडी) | लागत (करोड़ रुपये में) |
ताजपुर और सुंगरपुर | 56.88 | 2.5 | 212.69 |
पंजाब खोड़, जाट खोड़, औचंदी व कुतुबगढ़ | 161.56 | 4 | 301.53 |
टिकरी कलां | 81 | 4.5 | 250.43 |
बाजीतपुर | 271.11 | 4 | 354.59 |
खेड़ा खुर्द | 31.82 | 1.5 | 99.95 |
निजामपुर | 37.11 | 2 | 120.70 |
गढ़ी रंधाला व घेवरा | 4.85 | 2 | 87.88 |
जौंती | 21.43 | 1.5 | 82.79 |
कंझावला | 61.81 | 10 | 243.79 |
मोहम्मदपुर | 56.50 | 7 | 210.55 |
कुल | 784.07 | 39 | 1964.90 |
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