भुने चनों में ‘जहर’ की मिलावट, औरामाइन ओ से कैंसर का खतरा; लाजपत नगर समेत कई बाजारों में मिली गड़बड़ी
दिल्ली के बाजारों में भुने चनों में 'औरामाइन ओ' नामक जहरीले रसायन की मिलावट पाई गई है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने छापेमारी कर मिलावट का खुलासा किया और लोगों को मिलावटी चनों से बचने की सलाह दी है। विभाग मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
अनूप कुमार सिंह, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में पौष्टिक नाश्ते भुने चने में कपड़ा रंगने वाली औद्योगिक डाई 'औरामाइन ओ' की खतरनाक मिलावट की जा रही है। इसने इसे जहर बना दिया है, जो लीवर, किडनी और कैंसर जैसी बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है। यह मिलावट राजधानी के लाजपत नगर जैसे प्रमुख बाजारों में बिक रहे भुने चने में भी पाई गई है।
बता दें कि औरामाइन ओ चनों को चमकदार पीला रंग देने के साथ कुरकुरापन भी देता, इससे लोग इसके प्रति आकर्षित होते हैं। इसका सेवन स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा रहा है, विशेष कर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए यह मिलावट जानलेवा साबित हो सकती है। यह न्यूरोलाजिकल विकार उत्पन्न करने के साथ ही और पाचन तंत्र नष्ट कर देता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी (आइएआरसी) ने इसे कार्सिनोजेन (मनुष्यों में कैंसर पैदा करने की क्षमता) घोषित किया हुआ है। राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान को पत्र लिख इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि ‘मिलावट करोड़ों लोगों के जीवन से खिलवाड़ है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) की निगरानी विफल हो चुकी है।’ अपनी एक्स पोस्ट में उन्होंने लिखा ‘औरामाइन कपड़ों के लिए है, भोजन के लिए नहीं, सरकार जागे।’
एफएसएसएआइ और खाद्य सुरक्षा विभाग ने दिल्ली के व्यस्त बाजारों में बिकने वाले भुने चनों को लेकर अभियान शुरू कर दिया है, बताया गया कि विभिन्न बाजारों से 200 नमूने लिए गए। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में इनमें से 40 प्रतिशत में औरामाइन ओ की मौजूदगी पाई गई।
एफएसएसएआइ के एक अधिकारी ने बताया कि हमने एफएसएसएआइ ने सभी राज्यों को इस संदर्भ में जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही दिल्ली के अनियमित बाजारों पर जांच फोकस बढ़ाया है। अब तक 15 मुकदमें दर्ज कराए जा चुके हैं, 50 विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित कर दिए और 10 मिलावटखोरों पर पांच लाख का जुर्माना लगाया।
दिल्ली में करोड़ों का बाजार
दिल्ली में भुने चने का बाजार करोड़ों का है। बाजार के अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक यहां स्ट्रीट वेंडर्स और होलसेल मार्केट्स से प्रतिदिन 50 से 60 टन भुना चना बिकता है। इस अनुसार इसकी वार्षिक खपत 18 से 20 हजार टन है। 150 से 200 प्रति किलो के हिसाब से दैनिक व्यापार करीब सवा करोड़ और वार्षिक कारोबार 400 करोड़ के करीब है। यह हजारों छोटे व्यापारियों की आजीविका है, लेकिन मिलावट ने इसे संकट में डाल दिया।
मिलावट कैसे पहचानें
- दबाव टेस्ट: चने को उंगलियों से दबाएं। मिलावटी चने पाउडर बन जाते हैं, प्राकृतिक नहीं।
- रंग टेस्ट: गुनगुने पानी में 10 मिनट भिगोएं। पानी पीला हो जाए या चने का रंग निकले, तो औरामाइन है।
- दिखावट जांच: असली चने भूरे-गोल, छोटे और मट्टे होते हैं। चमकदार पीले, बड़े चने संदिग्ध हैं।
- स्वाद-परीक्षा: कुरकुरे लगने पर भी अजीब रासायनिक स्वाद आए तो सावधान।
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