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    Road Safety: दिल्ली की सड़कों पर 40 प्रतिशत स्ट्रीट लाइटें बंद, 4,289 डार्क स्पॉट बने हादसों और अपराध के हॉटस्पॉट

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 10:58 PM (IST)

    दिल्ली में सड़क सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि 40 प्रतिशत स्ट्रीट लाइटें बंद हैं, जिससे 4,289 अंधेरे स्थान बन गए हैं। ये अंधेरे स्थान दुर्घटनाओं और अपराधों के लिए हॉटस्पॉट बन गए हैं, जिससे नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    अनूप कुमार सिंह, नई दिल्ली। शाम सात बजे कनाॅट प्लेस का कस्तूरबा गांधी मार्ग और जंतर-मंतर अंधेरे में डूब जाता है। साढ़े सात बजे राजघाट की ओर जाने वाला महात्मा गांधी मार्ग पर भी अंधेरा रहता है। दोनों स्मार्ट स्ट्रीट लाइट वाले वीवीआईपी क्षेत्र हैं। यह तस्वीर राष्ट्रीय राजधानी की केवल एक सड़क की नहीं, पूरी दिल्ली के स्ट्रीट लाइट कुप्रबंधन की है। दिल्ली में लगभग 40 प्रतिशत स्ट्रीट लाइट या तो नहीं जलतीं या बंद रहती हैं। प्रतिदिन दिल्ली के बाहरी इलाकों से लेकर वीआईपी जोन तक अंधेरा बढ़ रहा है और शिकायतें भी। दिल्ली पुलिस ने पाया है कि राष्ट्रीय राजधानी में 4,289 डार्क स्पाट हैं, जहां स्ट्रीट लाइट बहुत कम या बंद हैं।

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    दिल्ली की सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्ग पर रात में उजाला करने के लिए स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं, लेकिन इनमें से कई अधिकांश बंद रहती हैं। स्ट्रीट लाइटों की खराब स्थिति यातायात को असुरक्षित करती हैं। दुर्घटनाओं के साथ अपराध को बढ़ावा देती है। लोग देर शाम ऐसी सड़कों पर निकलने से कतराते हैं। इससे दिल्ली की आर्थिक गतिविधियां, नाइट-लाइफ और पर्यटन पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।

    यह भी कह सकते हैं कि ये विकास की गति पर ब्रेक लगा रहे हैं। दक्षिणी दिल्ली में मोदी मिल फ्लाईओवर, ओखला फेज-तीन, नेहरू प्लेस मेट्रो स्टेशन से कालकाजी मंदिर जाने वाले मार्ग के साथ ही आउटर रिंग रोड पर पंचशील पार्क फ्लाईओवर के नीचे आने व जाने वाले मार्ग पर अंधेरा रहता है। स्ट्रीट लाइट या तो जलती नहीं या खराब पड़ी हैं। जीके-एक से नेहरू प्लेस आने वाले मार्ग पर भी फ्लाईओवर के नीचे स्ट्रीट लाइट नहीं जलतीं।

    नवंबर महीने में अब तक पीडब्ल्यूडी सेवा पोर्टल पर स्ट्रीट लाइटों को लेकर कुल 528 शिकायतें आईं, जिनमें से केवल 182 का ही समाधान हो सका। इसके साथ यमुनापार, बाहरी दिल्ली में भी रात में बिना स्ट्रीट लाइट के सड़कों पर आवाजाही करना खतरनाक हो गया है। अंधेरी सड़कें दुर्घटनाओं और अपराध को बढ़ावा देती हैं। लोग शाम के बाद बाहर निकलने से कतराते हैं।

    जहां स्ट्रीट लाइट खराब, वहां बढ़ गए अपराध

    दिल्ली में पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, एनडीएमसी और डिस्काॅम के पास करीब साढ़े चार लाख पोल और नौ लाख से अधिक लाइट प्वाइंट हैं। इनमें से लगभग 40 प्रतिशत खराब रहती हैं। दिल्ली पुलिस के अनुसार रात में अपराध 18 प्रतिशत बढ़े हैं और अधिकांश घटनाएं उन्हीं जगहों पर हुईं, जहां स्ट्रीट लाइट बंद थीं।

    एमसीडी के पास सबसे बड़ा नेटवर्क है-चार लाख एलईडी और लगभग 60 हजार सोडियम लैंप। इसके बावजूद जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही रही। 2014 का टेंडर 2021 में समाप्त होने पर चार वर्ष तक नया टेंडर नहीं हो सका। सितंबर 2025 में नया ठेका संभव हुआ।

    जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच 2,200 से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं, इनमें अभी भी कई लंबित हैं। पीडब्ल्यूडी के 96,736 स्ट्रीट लाइट प्वाइंट में लगभग 40 प्रतिशत खराब रहते हैं। एनडीएमसी के 15,000 स्मार्ट एलईडी और हाई मास्ट तुलनात्मक रूप से बेहतर हैं, पर वीवीआईपी क्षेत्र में 675 से अधिक शिकायतें फिर भी दर्ज हुईं, जबकि इनकी निरंतर निगरानी होती है। धरातल पर समय पर मरम्मत नहीं होती।

    शिकायत करने पर भी समस्या का नहीं हो रहा समाधान

    • महात्मा गांधी मार्ग: रात साढ़े सात बजे सचिवालय तक का 1.3 किमी हिस्सा अंधेरा में डूबा रहता है। यहां 70 प्रतिशत स्ट्रीट लाइट बंद हैं। लक्ष्मीनगर की रीता शर्मा ने एप पर तीन शिकायतें कीं, लेकिन समाधान नहीं हुआ।
    • अफ्रीका एवेन्यू: रात आठ बजे आरके पुरम मेट्रो से स्वामी वेंकटेश्वर मार्ग की पूरी पट्टी अंधेरे में डूबी रहती है। यहां आधी स्ट्रीट लाइट खराब। वकील अनुराग सिंह कहते हैं कि सड़क और पार्किंग दोनों अंधेरे में हैं। हेल्पलाइन पर कई शिकायतें की, लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला।
    • कंझावला–सुल्तानपुर रोड: रात में नौ बजे रोहिणी से नजफगढ़ तक लगभग 10 किमी मार्ग के अधिकांश हिस्से में अंधेरा नजर आया। 60 प्रतिशत लाइट नहीं जलतीं। यह मार्ग अपराध का हाटस्पाट बन गया है।
    • द्वारका सेक्टर-पांच: गलियों की 80 प्रतिशत स्ट्रीट लाइट बंद। ऐसे में लोगों को रात में आवाजाही करने में होती है परेशानी।
    • निर्माण विहार : आधी सड़क अंधेरे में डूबी मिली। रखरखाव के अभाव में 40 प्रतिशत एलईडी लाइट बंद।
    • जनकपुरी: यहां की समस्या अजीब है, दिन में कभी-कभी स्ट्रीट लाइट जल जाती है, पर रात में नहीं। इससे असामाजिक गतिविधियां बढ़ गई हैं।

    स्ट्रीट लाइट निरीक्षण डाटा

    • लोनिवि के मुताबिक, कुल 90,656 स्ट्रीट लाइट प्वाइंट्स में से 67,776 प्वाइंट्स अभी काम कर रहे हैं
    • लोनिवि के मुताबिक, कई लाइट्स खराब होने का कारण केबल, वायर, फिटिंग्स का चोरी होना है।
    • कुछ प्वाइंट्स वायरिंग इश्यू, केबल नुकसान, पोल एक्सीडेंट या चोरी के कारण अभी मरम्मत के इंतजार में हैं।

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