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    Delhi Road Accidents: सड़क हादसों की बढ़ती घटनाओं के पीछे गड्ढे, अव्यवस्थित निर्माण और सिस्टम की खामियां

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 02:17 AM (IST)

    दिल्ली में सड़क हादसों की बढ़ती घटनाओं के पीछे सड़कों पर गड्ढे, लंबे समय तक चलने वाले निर्माण कार्य और ट्रैफिक प्रबंधन की कमजोरियां मुख्य कारण हैं। को ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पूर्व संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) एसबीएस त्यागी ने कहा कि राजधानी दिल्ली में सड़क हादसों की बढ़ती घटनाओं के पीछे सड़कों पर गड्ढे, लंबे समय तक चलने वाले निर्माण कार्य और ट्रैफिक प्रबंधन की कमजोरियां मुख्य कारण बनती जा रही हैं। खासकर घने कोहरे और वर्षा के मौसम में ये गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं।

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    दोपहिया वाहन चालक अक्सर इन गड्ढों को समय रहते नहीं देख पाते और हादसे का शिकार हो जाते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में मौतें दर्ज की जा रही हैं। चिंताजनक स्थिति यह कि अधिकांश मामलों में चालक बिना हेलमेट के यात्रा करते हैं। ऐसे में जब वाहन फिसलता है या गड्ढे में गिरता है, तो सिर में गंभीर चोट लगने से मौत की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।

    नियमों के बावजूद हेलमेट पहनने के प्रति लापरवाही हादसों को और घातक बना रही है। सड़कों पर जगह-जगह चल रहे निर्माण कार्य भी दुर्घटनाओं का बड़ा कारण हैं। फ्लाईओवर, अंडरपास और मेट्रो जैसी परियोजनाओं का निर्माण कई-कई साल तक चलता रहता है। इन स्थानों पर सड़कें संकरी हो जाती हैं, संकेतक ठीक से नहीं लगाए जाते और रात के समय पर्याप्त रोशनी का अभाव रहता है। इससे वाहन चालकों को अचानक मोड़ या बाधा का अंदाजा नहीं लग पाता और हादसे हो जाते हैं।

    तकनीक के इस्तेमाल में बढ़ोतरी के बावजूद यातायात व्यवस्था में सिस्टम की कमी भी सामने आ रही है। हर दिन हजारों वाहन चालकों के ई-चालान काटे जा रहे हैं, लेकिन उनके निपटारे के लिए पर्याप्त संख्या में यातायात न्यायालय उपलब्ध नहीं हैं। नतीजतन, बड़ी संख्या में चालान लंबित रहते हैं। लोग चालान का भुगतान नहीं करते और मामला कोर्ट तक पहुंच जाता है, जहां अंततः लोक अदालतों के माध्यम से ही निपटारा होता है। कोर्ट में भी सीमित संख्या में ही मामलों का निस्तारण हो पाता है।

    इसके अलावा यातायात पुलिसकर्मियों की भारी कमी भी एक गंभीर समस्या है। हर वर्ष तीन हजार से अधिक पुलिसकर्मी सेवानिवृत्त हो जाते हैं, लेकिन उस अनुपात में नई भर्तियां नहीं हो पातीं। वहीं, अन्य राज्यों से आए पुलिस अधिकारियों को दिल्ली की सड़कों, ट्रैफिक पैटर्न और सिस्टम को समझने में लंबा समय लग जाता है।

    इस दौरान व्यवस्था को संभालने में कठिनाइयां सामने आती हैं। सड़क हादसों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए गड्ढों की समयबद्ध मरम्मत, निर्माण कार्यों की कड़ी निगरानी, हेलमेट नियमों का सख्त पालन, ट्रैफिक कोर्ट की संख्या बढ़ाने और पुलिस बल की कमी दूर करने की आवश्यकता है। जब तक इन बुनियादी समस्याओं का समाधान नहीं होगा, तब तक सड़क हादसों पर लगाम लगाना मुश्किल बना रहेगा।