रिठाला अग्निकांड: जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य, ऐसे बची थीं 5 जिंदगियां; चार की हुई थी मौत
बाहरी दिल्ली के रोहिणी स्थित रिठाला गांव की एक फैक्ट्री में आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई। पुलिस जांच में झगड़े के बाद एक ठेकेदार द्वारा आत्मदाह करने की बात सामने आ रही है। फैक्ट्री में ज्वलनशील केमिकल का भंडारण था। रुपये के लेनदेन के विवाद के कारण किसी ने खुद को आग लगाई, जिससे आग पूरी इमारत में फैल गई।
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जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। बाहरी दिल्ली में रोहिणी क्षेत्र के रिठाला गांव स्थित फैक्ट्री में आग लगने से चार लोगों की मौत के मामले में पुलिस की जांच में कुछ चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही हैं। बृहस्पतिवार को पुलिस ने फैक्ट्री के कई श्रमिकों समेत आग में झुलसे पीड़ित के बयान दर्ज किए हैं। इसमें फैक्ट्री में झगड़े के बाद एक ठेकेदार की ओर आत्मदाह करने की बात सामने आ रही है। साथ ही फैक्ट्री में ज्वलनशील केमिकल के भंडारण की बात भी सामने आई है।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि घटना के कई पहलुओं की जांच की जा रही है। अभी पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, चार मंजिला की इमारत में तीन फैक्ट्री चल रही थी। भूतल व पहली मंजिल पर एक मालिक और दूसरी व चौथी मंजिल पर दूसरे मालिक की फैक्ट्री थी, जबकि तीसरी मंजिल पर एक अन्य फैक्ट्री थी।
वहीं, इन फैक्ट्रियों के स्टाफ ने पुलिस को बताया कि मंगलवार शाम को दो फैक्ट्री संचालकों के बीच बातचीत चल रही थी। उसी समय रुपये के लेनदेन के विवाद में किसी ने खुद को आग लगाई, जिसकी चपेट में कई लोग आ गए। देखते ही देखते आग पूरी इमारत में आग फैल गई। आग किसने लगाई, पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि संजू और विशाल ने पुलिस को इसी तरह के बयान दिए हैं। ये दोनों हादसे के वक्त फैक्ट्री में थे। इन्होंने छत पर पहुंचकर जान बचाई थी। वहीं हादसे के बाद से तीसरी मंजिल पर फैक्ट्री चलाने वाले राकेश अरोड़ा भी गायब हैं। इनके बेटे रोहित अरोड़ा ने बताया कि पिता मंगलवार की शाम फैक्ट्री में कहीं माल भिजवाने गए थे, तभी यह हादसा हुआ है। बृहस्पतिवार को उन्होंने डीएनए जांच के लिए खून के नमूने अस्पताल पहुंचकर दिए हैं।
आग से झुलसे तीन में से दो की हालत गंभीर
आग से फैक्ट्री मालिक के बेटे नितिन, कर्मचारी राकेश और विरेंद्र झुलस गए थे। इनमें से नितिन और राकेश की हालत गंभीर है। नितिन और राकेश 80 फीसदी तक झुलस गए हैं।
इमारत पूरी तरह से हुई जर्जर
फोरेंसिंक और क्राइम ब्रांच बृहस्पतिवार की सुबह घटनास्थल का मुआयना करने पहुंची तो उस वक्त फैक्ट्री के अंदर इतनी गर्मी थी कि उनका जांच करना मुश्किल था। ऐसे में टीम शाम को घटनास्थल पर पहुंची और साक्ष्य लिए। वहीं इस घटना के बाद पूरी इमारत जर्जर हो चुकी है। अंदर का हिस्सा भी आग की तेज लपटों के कारण पूरी तरह से कमजोर हो गया है। फैक्ट्री के अंदर भूतल से चौथी मंजिल तक रखा सभी सामान जलकर राख हो गया है। बिजली के मीटर, फैक्ट्री के अंदर लगी लिफ्ट समेत पूरी इमारत को भारी नुकसान पहुंचा है।
स्थानीय लोगों ने सीढ़ी लगाकर पांच लोगों की बचाई जान
स्थानीय निवासी दिनेश कुमार ने बताया कि फैक्ट्री में आग लगने की जैसे ही सूचना मिली, वह कुछ लोगों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि पहली और दूसरी मंजिल पर कई लोग फंसे हैं, जो नीचे नहीं आ पा रहे थे। उन्होंने तुरंत दो सीढ़ियों की मदद से पहली और दूसरी मंजिल में फंसे पांच लोगों को रेस्क्यू किया। वहीं आग लगने के बाद फैक्ट्री में एक के बाद कई धमाके हुए, जिसके बाद आग की लपटें फैक्ट्री से बाहर गलियों तक आने लगी। गली में खड़ी ई-रिक्शा और एक मोटरसाइकिल भी इसकी चपेट में आ गई थी।
सामान होने से नहीं भाग पाए लोग लोगों ने बताया कि जब आग लगी तब भूतल की सीढ़ियों पर काफी सामान रखा था। सीढ़ियों पर आग अधिक फैली तो लोग चाहकर भी ऊपरी मंजिल से नीचे नहीं उतर पाए। वहीं, छत पर शेड लगे होने के कारण भी कई लोग ऊपर से भी नहीं भाग पाए। अगर सीढ़ियों पर सामान नहीं, होता तो शायद आग ऊपरी मंजिलों तक तेजी से नहीं फैलती।
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