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    Delhi Blast: जिस पार्किंग में तीन घंटे तक कार में बैठा रहा डॉ. उमर, 7 साल पहले चलाती थी ASI; लेकिन अब...

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 11:45 PM (IST)

    लाल किला के पास स्थित सुनहरी मस्जिद की पार्किंग अवैध गतिविधियों का अड्डा बन गई है। यहां से प्राइवेट बसें दूसरे राज्यों के लिए चलती हैं और माल लोड-अनलोड किया जाता है, जिससे टैक्स चोरी होती है। एएसआई के अनुसार, यह टूरिस्ट पार्किंग है, लेकिन इसका उपयोग अवैध बस अड्डे के रूप में हो रहा है। हाल ही में, लाल किला ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई एक कार भी यहाँ पार्क की गई थी। एएसआई अधिकारी ने मामले की जाँच की बात कही है।

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    सुनहरी मस्जिद के सामने इसी लाल किला पार्किंग में खड़ी थी आई-20 कार, जिसमें हुआ धमाका। चंद्र प्रकाश मिश्र

    वीके शुक्ला, नई दिल्ली। लाल किला की सुनहरी मस्जिद टूरिस्ट पार्किंग अवैध गतिविधियों का अड्डा बन गई है। अवैध रूप से यहां से प्राइवेट बसों का बस अड्डा चलता है। दूसरे राज्यों के लिए यहां से बसें चलती हैं, बसों से लेकर छोटा हाथी तक में यहां माल लोड-अनलोड किया जाता है। टैक्स चाेरी कर सवारियों के साथ सामान भी दूसरे राज्यों के लिए ले जाया जाता है।

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    जबकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के कागजों में यह टूरिस्ट पार्किंग है और यहां से लाल किला आदि देखने आने वाले पर्यटकों को पार्किंग सुविधा दिए जाने का प्रावधान है। मगर इस पार्किंग का प्राइवेट बस अड्डे के रूप में पिछले कई साल से उपयोग हो रहा है।

    पुलिस और एएसआई नियमों को नजरअंदाज करते हैं। इसी पार्किंग में सोमवार को तीन घंटे तक आतंकी उमर उस आई -20 कार पार्क कर रहा। जिसका लाल किला ब्लास्ट मामले में उपयोग किया गया है।

    बता दें कि 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान पर्यटकों की सुविधा के लिहाज से लाल किला के पास सुहनरी मस्जिद के सामने पार्किंग बनाई गई थी। एएसआई के तत्कालीन दिल्ली मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद रहे पद्मश्री डाॅ. केके मोहम्मद को इसका श्रेय जाता है। पार्किंग शुरू होने के करीब आठ साल तक इसे एएसआई चलाती रही।

    मगर सात साल पहले इसे टेंडर पर देने का फैसला किया गया। उस समय एएसआई के कुछ अधिकारियों ने इसका विरोध भी किया था। मगर करीब सात साल से लगातार पार्किंग टेंडर के आधार पर प्राइवेट लोगों को दी जाती है और प्राइवेट पैसा कमाने के चक्कर में मनमानी करते हैं।

    एएसआई के सूत्रों की मानें तो जब तक पार्किंग एएसआई के पास थी, तब तक यहां पर किसी तरह की अन्य गतिविधियों पर रोक थी, टूरिस्ट बसें यहां खड़ी जरूर होती थीं मगर इस पार्किंग का बस अड्डे के रूप में उपयोग नहीं होता था। यहां से बसें दूसरे राज्यों के लिए चलाई जाने का की अनुमति नहीं थी।

    परंतु पिछले कुछ साल से यह पार्किंग बस अड्डा बन गई है। मुरादाबाद संभल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड से लेकर जम्मू कश्मीर के लिए भी यहां से बसें चलती हैं। बसों में पुरानी दिल्ली से लोग सामान खरीद कर भी ले जाते हैं। उन्हें बसाें में भरा जाता है। सवारी के साथ-साथ सामान ढोने की भी ये बसें माध्यम बन चुकी हैं। वहीं छोटा हाथी में भी यहां सामान लोड अनलोड किया जाता है।

    इस बारे में पूछे जाने पर एएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस पार्किंग में लोडिंग और अनलोडिंग की कुछ शिकायतें आई थीं जिन पर कार्रवाई की गई है। कर्मचारियों से ऐसे वाहनों को पार्किंग तक आने से रोकने के लिए कहा गया है जिनसे सामान यहां तक पहुंचाता जाता था।

    उन्होंने कहा कि जहां तक बस अड्डे के तौर पर इस पार्किंग को चलाए जाने की बात है तो उन्होंने इस बात की जानकारी नहीं है। उन्हाेंने कहा वह इस मामले को दिखवाएंगे और टेंडर के आधार पर ही पार्किंग चलने दी जाएगी।

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