Delhi Blast: वकील से मिलना चाहता है आतंकी जासिर बिलाल वानी, दिल्ली HC का अनुमति से इनकार; याचिका खारिज
लाल किला विस्फोट मामले में सह-आरोपी जासिर बिलाल वानी की अधिवक्ता से मिलने की याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि वानी ट्रायल कोर्ट का कोई ऐसा आदेश पेश नहीं कर सका जिससे उसकी अर्जी खारिज हुई हो। वानी पर लाल किला के बाहर आत्मघाती हमला करने वाले मोहम्मद उमर के साथ साजिश रचने का आरोप है, जिसमें 15 लोगों की जान गई थी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) मुख्यालय में अपने वकील से मिलने की मांग को लेकर लाल किला ब्लास्ट के सह-आरोपी जासिर बिलाल वानी की ओर से दायर याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा पीठ ने कहा कि एनआईए मुख्यालय में वकील से मिलने की उसकी अर्जी को खारिज करने संबंधी ट्रायल कोर्ट का कोई आदेश आरोपी नहीं पेश कर सका।
अदालत ने यह टिप्पणी तब की जब आरोपी के वकील ने दावा किया कि ट्रायल कोर्ट ने अर्जी को मौखिक रूप से खारिज कर दिया था। लाल किला के बाहर आत्मघाती हमला करने वाले मोहम्मद उमर के साथ साजिश रचने में जसीर बिलाल वानी आरोपी है।
10 नवंबर को हुए विस्फोट के मामले में वानी को 17 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। इस वारदात में 15 लोगोें की मौत हो गई थी। इस मामले में 18 नवंबर को ट्रायल कोर्ट ने जासिर बिलाल वानी को उसे 10 दिन के एनआईए कस्टडी में भेज दिया था।

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