Move to Jagran APP

पैसे को लेकर रार, रैपिड रेल फंस रहीं मझधार

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली रैपिड रेल की दिल्ली-मेरठ कोरिडोर योजना अधर में लटकी है, लेकिन दिल्ली

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 09:03 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 09:03 PM (IST)
पैसे को लेकर रार, रैपिड रेल फंस रहीं मझधार

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली

loksabha election banner

रैपिड रेल की दिल्ली-मेरठ कोरिडोर योजना अधर में लटकी है, लेकिन दिल्ली-अलवर कोरिडोर योजना जोर पकड़ने लगी है। इस योजना की तमाम अड़चनें दूर ली गई हैं और करीब एक माह में इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भी आ जाएगी। इन सबके बीच बड़ी योजनाओं को लेकर दिल्ली सरकार का जो उदासीन रवैया है, उससे इस कोरिडोर के भी अधर में लटकने के अभी से कयास लगाए जाने लगे हैं। इसकी वजह यह है कि दिल्ली सरकार की ओर से अपने हिस्से का फंड जारी नहीं करने के कारण ही दिल्ली-मेरठ कोरिडोर अधर में लटका है।

180 किलोमीटर लंबे दिल्ली-रेवाड़ी-अलवर कोरिडोर के पहले चरण में 104 किलोमीटर में काम होगा। सराय काले खां से शाहजहांपुर नीमराना बहरोड यानी हरियाणा और राजस्थान बॉर्डर तक..। इस बीच 16 स्टेशन होंगे। भूमि अधिग्रहण और कोरिडोर के रूट की उलझन को हरियाणा सरकार व एनएचएआइ ने बैठकें कर सुलझा लिया गया है। एनसीआर परिवहन निगम के आला अधिकारी बताते हैं कि डीपीआर बहुत जल्द आ जाएगी, लेकिन इसके आगे के काम को लेकर कुछ भी कहना मुश्किल है। इसकी वजह यह है कि दिल्ली सरकार की मंजूरी और बजट के बगैर इस योजना को भी गति नहीं मिल सकती है। दिल्ली सरकार की हठधर्मिता ने फंसाया पेंच

रैपिड रेल के दिल्ली-मेरठ कोरिडोर की कुल लंबाई 90 किलोमीटर है। इस कोरिडोर का निर्माण जुलाई 2018 में शुरू होना था, लेकिन दिल्ली सरकार की हठधर्मिता ने पेंच फंसा रखा है। पाच हजार करोड़ के हिस्से वाली उत्तर प्रदेश सरकार व छह हजार करोड़ के हिस्से वाली केंद्र सरकार बहुत पहले ही स्वीकृति दे चुकी है और बजट का प्रावधान भी कर चुकी है। वहीं, एक हजार करोड़ के शेयर वाली दिल्ली सरकार ने इसे करीब दो साल से लटका रखा है। कोरिडोर निर्माण के लिए टेंडर भी निकाल दिए गए हैं, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह कहकर गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी कि अगर दिल्ली के हिस्से के पैसे भी केंद्र दे तो दिल्ली सरकार परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी देने को तैयार है। योजना पर एक नजर

दिल्ली-मेरठ कोरिडोर : 90 किलोमीटर लंबे इस कोरिडोर पर 18 स्टेशन होंगे। 30 किलोमीटर का ट्रैक भूमिगत होगा, जबकि 60 किलोमीटर एलीवेटेड बनाया जाएगा। दिल्ली-अलवर कोरिडोर : 180 किलोमीटर लंबे इस कोरीडोर पर 19 स्टेशन होंगे। यह काम तीन चरणों में पूरा होगा। पहला चरण 104 किलोमीटर का होगा और एसएनबी तक बनेगा। वर्जन

दिल्ली-मेरठ कोरिडोर पर काम शुरू करने को लेकर हमारी पूरी तैयारी है। दिल्ली-अलवर कोरिडोर की भी जल्द ही डीपीआर आ जाएगी। अब फैसला सरकारों के स्तर पर होना है।

-सुधीर शर्मा, महाप्रबंधक, एनसीआर परिवहन निगम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.