बाबा रामदेव और आचार्य प्रसन्न सागर का आह्वान, 'हर मास, एक उपवास’ का शुभारंभ; तन-मन स्वस्थ रखने का महाभियान
योग ऋषि स्वामी रामदेव और जैन संत आचार्य प्रसन्न सागर ने 'हर मास-एक उपवास' का आह्वान किया है, जिसका उद्देश्य बीमारियों से मुक्ति दिलाना है। भारत मंडपम ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बढ़ते वजन से चिंतित वैश्विक समाज को बीमारियों से मुक्ति दिलाने अब योग ऋषि स्वामी रामदेव और जैन संत अंतर्मना आचार्य प्रसन्न सागर महाराज साथ आते हुए 'हर मास-एक उपवास' (हर महीने की सात तिथि) का ऐतिहासिक आह्वान किया है।
भारत मंडपम में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय जनमंगल सम्मेलन में पहले दिन योग की तरह उपवास को भी घर-घर पहुंचाने के जनांदोलन का संकल्प लिया गया। शनिवार को अभियान के तहत संतों के साथ देश, दुनिया के लाखों लोग उपवास रखेंगे, जिसमें राजनेता तथा विख्यात हस्तियाें के साथ आम लोग भी सहभागी होंगे।
खुद माह में एक बार उपवास का संकल्प लेते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आत्मा व शरीर शुद्धि का एकमात्र उपाय उपवास ही है। बाबा रामदेव ने कहा कि उपवास से मनुष्य सहज योग व समाधि को उपलब्ध हो जाता है। इसलिए सप्ताह में न सही तो माह में एक बार उपवास अवश्य करें।
अपने जीवनकाल में अब तक 18 वर्ष तथा एक बार में लगातार 557 दिनों तक उपवास करने वाले आचार्य प्रसन्न सागर ने कहा कि आत्मिक ऊर्जा को जगाने का दिव्य साधन उपवास है। जिससे भावनाएं नियंत्रित हाेती है। क्रोध घटता है। मन शांत होता है और ध्यान गहरा होता है।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि जिस तरह योग घर-घर पहुंचा, आशा है कि उपवास आंदोलन में भी जन-जन भागीदार होंगे। दिल्ली के मंत्री प्रवेश वर्मा, जैन मुनि पीयूष सागर, आचार्य बालकृष्ण, इंस्टीट्यूट आफ लिवर एंड बाइलरी साइंसेज के निदेशक डा. एसके सरीन समेत अन्य ने उपवास की विशिष्टता बताते हुए उसे अपनाने का संकल्प लिया।

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